चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नाशक दवा – खेती में सफलता के लिए सही दवाओं का चयन करें

By Purushottam Bisen

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चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नाशक दवा - खेती में सफलता के लिए सही दवाओं का चयन करें

किसान साथियो, कैसे हैं आप लोग, आप सभी जानते हैं कि खेती में सफलता का एक अहम पहलू है फसल की रक्षा, और खासकर खरपतवारों से। अक्सर हमारे खेतों में ऐसे खरपतवार उग आते हैं जो फसलों के विकास में रुकावट डालते हैं और हमारी मेहनत को व्यर्थ बना देते हैं। इस लेख में हम आपको चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों से छुटकारा पाने के लिए उपलब्ध कुछ प्रभावी दवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी फसलों को सुरक्षित रख सकती हैं।

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नाशक दवा –

किसान भाईयों, जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वैसे-वैसे खेतों में खरपतवारों की समस्या भी बढ़ जाती है। इन खरपतवारों में से कुछ चौड़ी पत्ती वाले होते हैं, जो खासतौर पर सोयाबीन, मूंगफली, धान और गेहूं जैसी फसलों के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं। लेकिन अब इस समस्या का हल हाथ में है, क्योंकि बाजार में कुछ बेहतरीन दवाएं उपलब्ध हैं जिनसे आप इन खरपतवारों से निपट सकते हैं।

परस्यूट, सुमीगोल्ड, टिन्ज़र, टरगा सुपर, माकोटो, एफ़िनिटी, और नागार्जुन सीनियर 2,4 डी एमाइन साल्ट जैसी दवाएं चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने में बेहद प्रभावी हैं। इन दवाओं का उपयोग आपको खरपतवारों से पूरी तरह छुटकारा दिला सकता है, जिससे आपके खेत में फसलें अच्छे से पनप सकें।

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चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नाशक दवा - खेती में सफलता के लिए सही दवाओं का चयन करें

कैसे उपयोग करें ये दवाएं?

किसान भाईयों, इन दवाओं का उपयोग करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप हर दवाई के निर्देशों का पालन करें। उदाहरण के लिए, परस्यूट का उपयोग सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग और लाल चने में किया जा सकता है। सुमीगोल्ड धान में इस्तेमाल होता है, जबकि टिन्ज़र™ का इस्तेमाल 2-3 पत्तियों की अवस्था में चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों पर किया जाता है।

टरगा सुपर का प्रयोग नीदात्ती वाली फसलों में किया जा सकता है, और माकोटो का उपयोग गेहूं में किया जा सकता है। इसी तरह, एफ़िनिटी और नागार्जुन सीनियर 2,4 डी एमाइन साल्ट जैसी दवाएं भी विशेष रूप से चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी साबित होती हैं।

कब और कैसे करें छिड़काव?

किसान भाईयों, इन दवाओं का सही समय पर छिड़काव करना भी बेहद आवश्यक है। चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए सबसे उपयुक्त समय पतझड़ (विशेष रूप से सितंबर के अंत में) और वसंत (विशेष रूप से मई) होता है।

एथॉक्सीसल्फरफ्रॉन 15 WDG जैसे अन्य हर्बिसाइड का भी उपयोग मोथा जैसी समस्याओं से निपटने के लिए किया जा सकता है। इस दवाई का छिड़काव 1.5 मिलीलीटर दवा को 35-40 लीटर पानी में घोलकर करना चाहिए।

खरपतवारों से फसल को बचाना जरूरी है

किसान साथियो, गर्मियों में उगने वाले कुछ सामान्य खरपतवार जैसे फील्ड बाइंडवीड (कॉंवोल्वुलस आर्वेन्सिस), जंगली बकव्हीट (पॉलीगोनम कॉन्वोल्वुलस), और कोचिया (बासिया स्कोपारिया) फसलों की उपज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन खरपतवारों को समय पर नियंत्रित करना आपकी फसल के लिए जरूरी है। इनका नियंत्रण न होने पर आपकी मेहनत पर पानी फिर सकता है, और उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है।

निष्कर्ष:

किसान भाईयों, खेतों में खरपतवारों का नियंत्रण न केवल फसलों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके कृषि व्यवसाय की सफलता के लिए भी अहम है। ऊपर दी गई दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करके आप अपनी फसलों को खरपतवार मुक्त रख सकते हैं, जिससे आपके खेतों में अधिक उत्पादन हो सके।

तो किसान साथियो, अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत और फसलें दोनों सफल हों, तो इन बेहतरीन हर्बिसाइड का सही समय पर प्रयोग करें और खरपतवारों से निपटने में कोई कसर न छोड़ें। आपकी सफलता ही हमारी सफलता है!

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