साथियों, पिछले दो दिनों से मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी, जिससे गले और मुंह में तकलीफ के कारण मंडी नहीं आ पाया। हालांकि बोलने में दिक्कत नहीं थी, लेकिन मंडी में उपस्थित होकर वीडियो बनाना संभव नहीं हो सका। आज, बुधवार को मैं मंडी पहुंचा और आपको मंडी का पूरा हाल साझा कर रहा हूं।
कोटा भामाशाह मंडी लहसुन का भाव
आज सेठ बामासा मंडी में लहसुन की कुल आवक लगभग 12,000 कट्टों की रही, जबकि कल केवल 6,000 कट्टों की आवक थी। यानी आज आवक में दोगुनी बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, बाजार के भाव कल जैसे ही बने रहे। व्यापारियों से चर्चा के अनुसार पिछले तीन दिनों में बाजार में अच्छी तेजी देखी गई है, जो ₹500 प्रति क्विंटल (लगभग ₹5 प्रति किलो) के हिसाब से दर्ज की गई है।
शनिवार से गुरुवार तक भावों में बढ़ोतरी
शनिवार से गुरुवार तक लहसुन के भाव में स्पष्ट तेजी देखी गई है। उदाहरण के लिए, कुछ क्वालिटी ₹10,000 प्रति क्विंटल तक बिकी, जबकि कुछ अन्य किस्मों को ₹9,500, ₹9,200, ₹7,650, ₹5,800, ₹3,700 और ₹3,350 प्रति क्विंटल तक के भाव मिले। यह तेजी किसानों के लिए खुशी की वजह बनी हुई है।
विभिन्न क्वालिटी के भाव और विशेषताएँ
किसानों द्वारा लाई गई अलग-अलग क्वालिटी के लहसुन में कई प्रकार की विशेषताएँ देखने को मिलीं। ₹10,000 प्रति क्विंटल की क्वालिटी में एक्स्ट्रा फुल गोला, डबल बम जैसी बेहतरीन किस्में रहीं, जिनका साइज और वाइटनेस शानदार था। ₹9,500 प्रति क्विंटल वाली क्वालिटी में हल्की कमी पर्दा फिनिशिंग में देखी गई, फिर भी यह दाम किसानों को संतुष्ट कर गया।
₹9,200 प्रति क्विंटल वाले माल में एकसमान साइज और वजन के फुल गोला लहसुन थे। ₹7,650 प्रति क्विंटल वाली क्वालिटी में पूना लड्डू और सिंगल बम का मिश्रण था, जबकि ₹5,800 और ₹5,600 प्रति क्विंटल में मोटी गोली, पूना लड्डू और कुछ इक्का-दुक्का सिंगल बम शामिल थे।
छर्री क्वालिटी की बात करें, तो ₹3,700 और ₹3,350 प्रति क्विंटल में यह बिकी, जिसमें छोटी, मीडियम और मोटी छर्री का मिश्रण था। कुछ माल में हल्का डैमेज या सफाई की कमी भी देखी गई, जिससे इनके भाव कम रहे।

किसानों की प्रतिक्रिया और अनुभव
किसानों से बात करने पर मालूम हुआ कि इस साल कई लोगों की पैदावार अच्छी रही है। उदाहरण के लिए, बसखेड़ी गांव के एक किसान ने 13-14 क्विंटल माल निकाला, जबकि पिछले साल उन्होंने 11 बीघा में खेती की थी। इस बार उन्होंने 9 बीघा में ही अच्छी पैदावार पाई। पिसाड़ा गांव के राजेंद्र मालव ने भी बताया कि उनकी पांच बीघा की खेती से 8-10 क्विंटल उत्पादन हुआ। किसानों ने भगवान श्याम बाबा और सांवरिया सेठ की कृपा का आभार व्यक्त किया।
मंडी का समापन और समग्र दृश्य
दोपहर एक बजे तक मंडी की लगभग सभी नीलामी पूरी हो चुकी थी, सिर्फ एक लाइन बची हुई थी। कुल मिलाकर आज मंडी में अच्छी आवक और मजबूत बाजार भाव देखने को मिले। पिछले तीन दिनों में जो तेजी दर्ज हुई, वह किसानों के लिए राहत और उत्साह का कारण बनी।
समापन संदेश
साथियों, आज के वीडियो और रिपोर्ट में आपको मंडी का पूरा हाल दिखाने की कोशिश की है। अगर आपको वीडियो अच्छा लगे, तो कृपया शेयर कीजिए और जो किसान साथी पहली बार चैनल देख रहे हैं, वे चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लें।

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