ऑर्गेनिक कॉटन की खेती बनी पर्यावरण और किसानो की नई उम्मीद, स्टडी में सामने आए क्षेत्रीय फायदे

By Purushottam Bisen

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ऑर्गेनिक कॉटन की खेती बनी पर्यावरण और किसानो की नई उम्मीद, स्टडी में सामने आए क्षेत्रीय फायदे

आज हम आपके लिए एक ऐसी रिपोर्ट लेकर आए हैं जो न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए, बल्कि हमारे देश के मेहनती किसानों के लिए भी उम्मीद की एक नई किरण है। बात हो रही है भारत में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती की, जो अब पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो रही है।

वैज्ञानिक अध्ययन से साबित हुआ है ऑर्गेनिक खेती का जादू

Organic Cotton Accelerator (OCA) द्वारा जारी एक नई Life Cycle Assessment (LCA) रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि भारत के पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात और तेलंगाना – के 15 प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती परंपरागत खेती की तुलना में पर्यावरण पर कम असर डालती है।

इस रिपोर्ट को South Pole नाम की संस्था ने तैयार किया है और इसमें तीन साल (2020 से 2023) के दौरान 18,000 से ज्यादा किसानों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। दोस्तो, ये कोई छोटी बात नहीं है, इतने बड़े स्तर पर किए गए इस अध्ययन से अब यह साफ हो गया है कि ऑर्गेनिक कॉटन खेती वास्तव में एक टिकाऊ विकल्प है।

ऑर्गेनिक कॉटन की खेती बनी पर्यावरण और किसानो की नई उम्मीद, स्टडी में सामने आए क्षेत्रीय फायदे

पानी की खपत से लेकर जलवायु परिवर्तन तक

भाइयो, इस स्टडी में यह सामने आया कि ऑर्गेनिक कॉटन की खेती जलवायु परिवर्तन, पानी की खपत, अम्लीकरण (acidification) और पोषक प्रदूषण (eutrophication) जैसे बड़े पर्यावरणीय मुद्दों पर बेहद सकारात्मक असर डालती है। खास बात यह रही कि जिन खेतों में सिंचाई प्रणाली का ज़्यादा इस्तेमाल हुआ, वहां पर सिंचाई और खाद की भूमिका इन प्रभावों को काफी हद तक तय करती है।

रिपोर्ट के अनुसार, बारिश पर आधारित खेती (rain-fed farming) पर्यावरण पर सबसे कम प्रभाव डालती है, और ये तरीका भारत के लिए एक बड़ा समाधान बन सकता है।

ऑर्गेनिक खेती से कम हुआ सिंथेटिक

भाइयो, ऑर्गेनिक खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सिंथेटिक खादों और रसायनों की ज़रूरत नहीं होती। इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी कम दबाव पड़ता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अगर हम उर्वरकों और सिंचाई तकनीकों में सुधार लाएं, तो हम कपास की खेती से जुड़े कार्बन उत्सर्जन को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

ऑर्गेनिक कॉटन की खेती बनी पर्यावरण और किसानो की नई उम्मीद, स्टडी में सामने आए क्षेत्रीय फायदे

किसानों के लिए भी बढ़ेगा फायदा

ऑर्गेनिक कॉटन न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है बल्कि इससे किसानों को भी आर्थिक रूप से मज़बूती मिलती है। OCA के अनुसार, आने वाले समय में ब्रांड्स को कस्टमाइज्ड डैशबोर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वो किसानों की प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे और अपनी सोर्सिंग रणनीतियों में पारदर्शिता ला सकेंगे।

भविष्य की ओर बढ़ते कदम

भाइयो, OCA का अगला कदम है और भी गहराई से क्षेत्रीय रिपोर्ट तैयार करना ताकि ऑर्गेनिक कॉटन का प्रभाव न केवल पर्यावरण, बल्कि जैव विविधता और सामाजिक मुद्दों पर भी सही से समझा जा सके।

निष्कर्ष:

तो दोस्तो, ऑर्गेनिक कॉटन की खेती सिर्फ एक कृषि पद्धति नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रांति है जो हमारे पर्यावरण, किसानों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बना सकती है। आज जब पूरी दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही है, ऐसे में इस तरह की खेती हमें नई दिशा और नई आशा देती है।

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