विश्व में चावल की तरह ही गेंहु का भी उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है गेंहु के आटे से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है
भूमि का चयन:
गेंहु की खेती प्राय सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है परन्तु दोमट एवं जलोढ़ मिट्टी गेंहु के लिए उत्तम मानी जाती है इस मिटटी में अधिक उत्पादन होता है
बीज की दर एवं चयन कैसे करे:
एक ही बीज को हमें प्रति वर्ष बुवाई नहीं करना चाहिए क्यों की इसका असर उत्पादन पर पड़ता है प्रति वर्ष नया बीज इस्तेमाल करना चाहिए एक एकड़ के लिए बीज की दर 50-60 किलोग्राम पर्याप्त माना जाता है
बीज उपचार:
गेंहु की बुवाई से पहले बीज को फफुन्दनासक दवा से उपचारित करना चाहिए उपचारित करने के लिए कार्बेन्डाजिम+मेन्कोजेब का प्रयोग कर सकते है
बुवाई की विधि:
गेंहु की बुवाई से पहले बिज को कार्बेन्डाजिम 12%+मेन्कोजेब 63%डब्ल्यु पी एवं क्लोरोपायरिफास 20 ई सी से उपचारित कर लेना चाहिए बिज उपचारित करने से हमारी फसल शुरु से ही स्वस्थ एवं हरी भरी रहेंगी
छिड़काव विधि
हाथ के माध्यम से गेंहु के बीज को छिड़काव कर जुताई करके उसमे पाटा चला दिया जाता है यदि हमारे खेत में नमी नहीं है तो बुवाई के बाद सिंचाई कर सकते है
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