सरसों की खेती कैसे करे 2023

भारत में सरसों की खेती बहुत ही बहुमूल्य खेती मानी जाती है और सदियों से सरसों की खेती की जाती है

खेत की तैयारी:

सरसों की खेती के लिए हमें मिटटी पलटने वाले हल से मिटटी को पलट देना चाहिए उसके बाद दो से तीन जुताई करके रोटावेटर से मिटटी को भुरभुरी एवं समतल कर लेना चाहिए

बुवाई का उचित समय:

सरसों की बुवाई के लिए 15 सितम्बर से अक्टुम्बर के अन्तिम सप्ताह तक उचित समय माना जाता है इवस समय में बुवाई करने से उत्पादन काफी अच्छा होता है एवं कीट लगने की संभावनाए कम रहती है

बीज की दर एवं बीज उपचार:

2.5-3 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की दर से बुवाई करना चाहिए बीज को अंकुरित होते समय बीमारी से बचाने के लिए उपचारित करना आवश्यक है

बुवाई की विधि:

सरसों की अधिकांश बुवाई छिड़काव विधि से करते है यदि कतार से कतार बुवाई करते है तो उत्पादन अधिक होता है एवं कतार विधि में बीज की मात्र भी कम लगती है

खाद एवं उर्वरक नियंत्रण:

मिटटी को पलटने के बाद जुताई से पहले 2-3 ट्राली गोबर की सड़ी खाद डालना चाहिए प्रति एकड़ की दर से 30-35 किलोग्राम डी.  ऐ.पी., 15-20 किलोग्राम पोटाश, 7-10 किलोग्राम सल्फर, या एस.एस.पी. 100-150 किलोग्राम, 20-25 किलोग्राम यूरिया, बुवाई के पहले खेत में मिला देना चाहिए

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खरपतवार नियंत्रण:

सरसों में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 2से 3 दिन में पेंडामेथालिन  दवा का उपयोग कर सकते है

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