पालक के लिए चौड़े आकार का गमला चुनें, क्योंकि इसमें पौधे के पत्तों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। गमले का आकार कम से कम 10 इंच गहरा होना चाहिए।
पालक के लिए नरम और उर्वरक से भरपूर मिट्टी का चयन करें। मिट्टी में गोबर की खाद मिला कर उसे उपजाऊ बनाएं, जिससे पौधे को पोषक तत्व मिल सके।
पालक के बीजों को गमले में समान रूप से बिखेरें और हल्के से दबाएं। बीजों के बीच उचित दूरी रखें ताकि पौधे आराम से बढ़ सकें।
पालक को अधिक सीधी धूप की आवश्यकता नहीं होती। इसे ऐसी जगह रखें जहां हल्की धूप और छांव का संतुलन हो ताकि यह अच्छी तरह से बढ़े।
पालक को दिन में दो बार हल्का पानी दें। ध्यान रखें कि गमला बहुत गीला न हो, क्योंकि अत्यधिक पानी से जड़ें सड़ सकती हैं।
पालक की पत्तियाँ लगभग 30-40 दिनों में तैयार हो जाती हैं। समय पर पानी और पोषक तत्व देने से पत्तियाँ ताजगी से भरी रहती हैं।
पालक की पत्तियाँ एक बार काटने के बाद, तीन से चार बार फिर से काटी जा सकती हैं। इससे पौधे की वृद्धि तेज होती है और नए पत्ते निकलते हैं।