मटर की खेती का सही समय!मटर एक प्रमुख फसल है, जिसे सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा उगाया जाता है। बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है।
खेत की तैयारी कैसे करें?मटर की बुवाई से पहले खेत की कम से कम दो बार अच्छी तरह से जुताई करें। खेत में नमी नहीं होनी चाहिए और मिट्टी ज्यादा सख्त नहीं होनी चाहिए।
उर्वरक का सही उपयोग!जुताई के समय खेत में सड़ी गोबर की खाद मिलाएं। यह मिट्टी को भुरभुरी बनाने और उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है।
मिट्टी का प्रकार और पीएच स्तरमटर की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ और बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है। मिट्टी का पीएच 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
सिंचाई का महत्व!मटर की फसल में नियमित पानी और खाद का इस्तेमाल करते रहें। पहली सिंचाई बुआई के 15-20 दिन बाद करें।
खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?खरपतवार मटर की फसल की वृद्धि में बाधा डालते हैं। हाथ से निराई या खरपतवारनाशी का उपयोग करें। पहली निराई बुआई के 20-25 दिन बाद करें।
रोग और कीट प्रबंधनमटर की फसल में झुलसा रोग और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोग हो सकते हैं। रोगग्रस्त पौधों को हटाएं और जैविक कवकनाशक का उपयोग करें।
फसल की कटाई कब करें?मटर के पौधे में करीब 2 महीने बाद फली आने लगती है। फसल बुआई के 80-100 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है।