2025 में कपास की वैज्ञानिक खेती: टॉप किस्में, बुवाई का समय और रोग नियंत्रण
उत्तर भारत में कपास की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय
1 से 15 मई
है। इस दौरान मौसम अनुकूल रहता है और रोगों का खतरा कम होता है।
गहरी जुताई (12-15 इंच), देसी खाद (2-4 ट्रॉली/एकड़) और खरपतवार नियंत्रण से उपज बेहतर होती है।
प्रति एकड़ DAP, SSP, यूरिया और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का सही अनुपात में प्रयोग करें। इससे पौधों की वृद्धि तीव्र होती है।
दिग्गज (टाटा), राशि 773/846, एमरॉल्ड/मार्वल (देहात), US 51 जैसी किस्मों ने बेहतरीन उत्पादन दिया।
ट्राइकोग्रामा कार्ड्स और इमामेक्टिन बेंजोएट का छिड़काव गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में बेहद कारगर है।
जैविक खाद का उपयोग और बीज उपचार (कार्बेन्डाजिम/मेटालैक्सिल) से इस बीमारी से बचाव होता है।
बीज बोने से पहले खेत में नमी रखें, खरपतवार न उगें इसके लिए
स्टम्प हर्बिसाइड
का छिड़काव करें।