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एक ही मिर्च के पौधे से दोगुना-तिगुना उत्पादन कैसे लें? 2G और 3G कटिंग तकनीक की पूरी जानकारी

एक ही मिर्च के पौधे से दोगुना-तिगुना उत्पादन कैसे लें? 2G और 3G कटिंग तकनीक की पूरी जानकारी

अगर आपसे कोई कहे कि मिर्च के एक पौधे पर दो-तीन पौधों के बराबर उत्पादन मिल सकता है, तो शायद आपको विश्वास न हो। लेकिन यह संभव है आज हम आपको बताएंगे कि कैसे 2G और 3G कटिंग तकनीक का उपयोग करके आप मिर्च के एक पौधे से दोगुना या तिगुना उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक से एक ही पौधे पर इतनी मिर्च लगेगी कि वह दो-तीन पौधों के बराबर उपज देगा।

मिर्च की खेती के लिए पौधे तैयार करना

सबसे पहले आपको मिर्च के स्वस्थ पौधे चाहिए। आप चाहें तो बीज से पौधे तैयार कर सकते हैं या नर्सरी से अच्छी किस्म के स्वस्थ पौधे खरीद सकते हैं। ध्यान रखें कि हमेशा 5-7 पौधे एक साथ लगाएं, क्योंकि इससे परागण (पॉलिनेशन) में आसानी होती है और फलन बेहतर होता है।

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गमले और मिट्टी की तैयारी

मिर्च के पौधों के लिए उचित ड्रेनेज वाले गमले चुनें। गमले के नीचे जल निकासी के लिए छेद होना चाहिए, जिसे कंकड़ या टाइल के टुकड़ों से ढक दें ताकि मिट्टी बहकर बाहर न निकले। मिर्च के पौधों को पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी की आवश्यकता होती है, इसलिए मिट्टी तैयार करते समय 50% गार्डन सॉइल और 50% पुरानी गोबर खाद मिलाएं। इस मिश्रण को गमले में भरकर पौधे लगा दें।

2G कटिंग तकनीक का प्रयोग

जब पौधे पर 5-6 पत्तियां आ जाएं और पौधा स्वस्थ दिखने लगे, तब आप 2G कटिंग कर सकते हैं। इसके लिए पौधे की मुख्य शाखा (फर्स्ट जी) के ऊपरी हिस्से को थोड़ा सा काट दें या पिंच कर दें। इससे पौधे में नई शाखाएं निकलने लगेंगी। पहले पौधे पर केवल एक शाखा होती है, लेकिन 2G कटिंग के बाद यह 4-6 शाखाओं में बदल जाता है। इस तरह, एक पौधा कई पौधों की तरह फैल जाता है और अधिक उत्पादन देता है।

3G कटिंग तकनीक (वैकल्पिक)

अगर आप और अधिक उत्पादन चाहते हैं, तो 2G कटिंग के बाद निकली शाखाओं पर 3G कटिंग भी कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप जल्दी फल चाहते हैं, तो केवल 2G कटिंग ही पर्याप्त है।

एक ही मिर्च के पौधे से दोगुना-तिगुना उत्पादन कैसे लें? 2G और 3G कटिंग तकनीक की पूरी जानकारी

पौधों की देखभाल और सिंचाई

मिर्च के पौधों को धूप और पानी का सही संतुलन चाहिए। अधिक पानी देने से पौधे गल सकते हैं या उनमें फंगस लग सकती है। इसलिए, मिट्टी सूखने पर ही पानी दें। पौधों को 4-5 घंटे की धूप जरूर मिलनी चाहिए।

खाद और उर्वरक प्रबंधन

पौधे लगाने के 15 दिन बाद दूसरी बार खाद दें। इसके लिए गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट (50-100 ग्राम प्रति गमला) का उपयोग करें। खाद देने के बाद हल्की सिंचाई करें और पौधों को धूप में रख दें।

रोगों से बचाने के लिए प्राकृतिक उपाय

मिर्च के पौधों पर अक्सर लीफ कर्ल, माइट्स और एफिड्स जैसे कीटों का प्रकोप होता है। इनसे बचाव के लिए आप प्राकृतिक फंगीसाइड बना सकते हैं:

नीम और छाछ से बनाएं प्राकृतिक कीटनाशक

  • एक तांबे के बर्तन में नीम की पत्तियां (कुचली हुई) और थोड़ा सा छाछ (मट्ठा) मिलाएं।

  • इसमें थोड़ा पानी मिलाकर 3-7 दिन के लिए छोड़ दें।

  • इसके बाद मिश्रण को छानकर 20 मिलीलीटर को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर स्प्रे करें।

  • यह मिश्रण लीफ कर्ल, माइट्स और एफिड्स को रोकने में मदद करता है।

एक पौधे से भरपूर उत्पादन

इस तकनीक से आप मिर्च के एक ही पौधे से 1 किलो तक मिर्च प्राप्त कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि पौधों को नियमित धूप, संतुलित पानी और जैविक खाद मिलती रहे। समय-समय पर पौधों की कटिंग करते रहें और प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करें। इस तरह, आप कम पौधों से भी बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

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