Chana Variety: आज हम बात करेंगे चने की टॉप पांच बेहतरीन वैरायटियों की, जो हर किसान की उम्मीदों को पूरा कर सकती हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि कौन-कौन सी वैरायटी सबसे अधिक पैदावार देती हैं, उनकी बुवाई का सही समय, सिंचाई की आवश्यकता, मिट्टी की पसंद, वेल्ट और अन्य रोगों के प्रति सहनशीलता, साथ ही बुवाई के समय पोषक तत्वों का सही संतुलन। इस गाइड को पढ़कर आप मध्य भारत, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और बिहार के लिए उपयुक्त वैरायटी चुन सकते हैं और एक एकड़ से 15 से 18 क्विंटल तक उपज सुनिश्चित कर सकते हैं।
Chana Variety: चने की टॉप 5 बेस्ट वैरायटी
1. पूसा मानव – मध्य भारत के लिए सुपर वैरायटी
पूसा मानव चने की वैरायटी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 2021 में रिलीज़ की गई थी। खासकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान इसे काफी पसंद करते हैं। इसका बुवाई का समय 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक है। इसकी अवधि लगभग 105-110 दिन की होती है। 100 दानों का वजन लगभग 20 ग्राम होता है और एक एकड़ में आप 14-16 क्विंटल पैदावार आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। दो सिंचाई पर्याप्त होती हैं। यह वैरायटी वेल्ट यानी सूखने की समस्या के प्रति सहनशील है और मध्यम आकार के दाने देती है।

2. फूले विक्रम – सिंचित क्षेत्रों के लिए बेस्ट
फूले विक्रम वैरायटी महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी द्वारा 2016 में विकसित की गई। इसका बुवाई समय भी 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक है। यह वैरायटी कंबाइन मशीन से कटाई के लिए उपयुक्त है और इसकी हाइट लगभग 2 से 3.5 फीट तक होती है। सिंचित भूमि पर इसका उत्पादन 15-17 क्विंटल तक हो सकता है। यह वैरायटी मध्यम अवधि में 110-115 दिन में तैयार होती है और वेल्ट के प्रति सहनशील है
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3. आरवीजी 202 – लेट बुवाई के लिए उपयुक्त
आरवीजी 202 वैरायटी 2015 में मध्य प्रदेश में रिलीज़ की गई। यह कम समय में तैयार हो जाती है और लेट बुवाई (15 नवंबर से 5 दिसंबर) के लिए बेहतरीन है। इसकी अवधि 102-105 दिन है। यह सूखे और वेल्ट के प्रति सहनशील है। दो से तीन सिंचाई में एक एकड़ से 10-14 क्विंटल तक उपज संभव है।
चने की प्रमुख किस्में जैसे पूसा मानव, RVG 202, फुले बिक्रम, JG 130, GNG 2171 आदि उच्च उत्पादन और रोग सहनशीलता के लिए जानी जाती हैं। उकठा रोग से बचाव हेतु बुवाई से पहले ट्राइकोडर्मा मिट्टी में मिलाएँ। यह हानिकारक कवकों को नियंत्रित कर फसल की गुणवत्ता बढ़ाता है। pic.twitter.com/IKMh21XCiW
— खुरपेंची खेती (@khurpenchfarm) October 9, 2025
4. जेजी 130 – बढ़िया फैलाव और पैदावार
जेजी 130 वैरायटी वेल्ट के प्रति काफी सहनशील है। इसके गहरे गुलाबी फूल होते हैं और यह 112-118 दिन में तैयार हो जाती है। इस वैरायटी से एक एकड़ में 14-16 क्विंटल पैदावार संभव है। पौधा अच्छे फैलाव में बढ़ता है और उपयुक्त दूरी व पोषक तत्वों के संतुलन से उत्पादन और भी बढ़ाया जा सकता है।
5. दफ़्तारी 21 – मध्यम अवधि की सुपर वैरायटी
दफ़्तारी 21 चने की वैरायटी 105 दिन में तैयार हो जाती है। इसका बुवाई समय अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक है। यह वैरायटी फैलाव में बढ़िया और वेल्ट के प्रति सहनशील है। सिंचित दशा में इसका उत्पादन 15-18 क्विंटल तक हो सकता है।
चने की फसल के लिए बेसल डोज और बीज उपचार
संतुलित पोषक तत्वों की उपलब्धता पैदावार को दोगुना कर सकती है। बुवाई के समय थायोफेनेट मिथाइल 500 ग्राम, क्लोर साइफर 500 मिली, पॉलीसल्फेट 25 किग्रा, यूरिया 20 किग्रा, बायोबीटा 10-15 किग्रा, सल्फर 10 किग्रा और पोटाश 30 किग्रा तथा डीएपी 50 किग्रा का उपयोग करने से फसल हरी-भरी और दानों में गुणवत्ता बढ़ती है। बीज उपचार के लिए इलेक्ट्रॉन, वाइब्रेंस इंटीग्रल या इंश्योर परफॉर्म जैसी दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।
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FAQs
चने की टॉप वैरायटी कौन-कौन सी हैं?
पूसा मानव, फूले विक्रम, आरवीजी 202, जेजी 130 और दफ़्तारी 21।
इन वैरायटियों का बुवाई समय कब है?
अधिकांश वैरायटी के लिए 25 अक्टूबर से 10 नवंबर, आरवीजी 202 के लिए 15 नवंबर से 5 दिसंबर।
एक एकड़ में अधिकतम पैदावार कितनी हो सकती है?
15-18 क्विंटल तक।
चने की फसल पर बीज उपचार क्यों जरूरी है?
यह अंकुरण को बढ़ाता है, फसल को रोगों और कीटों से बचाता है और पैदावार सुनिश्चित करता है।
कौन-सी वैरायटी वेल्ट और सूखा सहनशील है?
पूसा मानव, आरवीजी 202, जेजी 130 और दफ़्तारी 21।
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