अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनके नींबू के पौधों पर न तो फूल आते हैं और अगर आते भी हैं तो गिर जाते हैं और फल नहीं बन पाते। यह समस्या खासकर गर्मियों में और तब ज्यादा देखने को मिलती है जब पौधे को सही पोषण, देखभाल और मिट्टी की गुणवत्ता नहीं मिल पाती।
उत्तर भारत में मई-जून की तेज़ गर्मी के कारण नींबू की फसल काफी प्रभावित होती है। फूल गिर जाते हैं और पौधा कमजोर हो जाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम पौधे को फिर से सक्रिय करने के लिए कुछ विशेष उपाय करें।
नींबू के पौधे को फल-फूल से भरने की तैयारी कैसे करें
सबसे पहले, पौधे की मिट्टी को एक दिन तक सूखा छोड़ देना चाहिए। यदि पौधा गमले में है तो उसे पानी न दें और अगर जमीन पर है तो भी मिट्टी सूखने दें। इससे पौधे को हल्का तनाव मिलेगा, जो नई ग्रोथ और फूल आने की प्रक्रिया को शुरू करने में सहायक होता है।
इसके बाद, पौधे की ऊपरी ग्रोथ वाली शाखाओं को हल्के से काटें। इससे पौधे में एक नया संदेश जाता है कि अब नई कोंपलें और फूल विकसित करने का समय आ गया है। यह प्रक्रिया हर उस शाखा पर करें जो अधिक बढ़ चुकी है या बिना फल-फूल के है।
जड़ों की सफाई और मिट्टी की तैयारी
अब बारी आती है पौधे की जड़ों की सफाई की। यदि पौधा गमले में है तो उसकी मिट्टी को 3–4 इंच तक खोद लें और जड़ों को हल्के से बाहर निकालें। जमीन पर लगे पौधे के लिए भी 4–5 इंच गहराई तक खुदाई करें। ध्यान दें कि अधिक पतली और सूखी जड़ों को काट देना चाहिए ताकि नई और स्वस्थ जड़ें विकसित हो सकें।
निकाली गई मिट्टी को अलग रखें और उसमें से सूखी या खराब मिट्टी को हटा दें। फिर उसमें अच्छी तरह सड़ी हुई बर्मी कम्पोस्ट या गोबर खाद लगभग 200–250 ग्राम मिलाएं। यह खाद पौधे को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करेगा जिससे फूल-फल बनने की प्रक्रिया तेज होगी।
एप्सम सॉल्ट का जादुई असर
अब इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण तत्व आता है — एप्सम सॉल्ट (Epsom Salt)। इसमें मैग्नीशियम सल्फेट होता है, जो पौधों में हरितलवक निर्माण और फूल आने की प्रक्रिया को तेज करता है। आधा चम्मच एप्सम सॉल्ट को उस खाद मिली मिट्टी पर छिड़क दें और फिर इस मिट्टी को पौधे के चारों ओर वापस भर दें।
इस प्रक्रिया के बाद गमले या जमीन में भरपूर पानी दें ताकि मिट्टी और पोषक तत्व अच्छे से मिल जाएं। ध्यान रहे कि पानी इतना हो कि मिट्टी पूरी तरह नम हो जाए लेकिन पानी जमा न हो।
स्प्रे से करें फूल और फल की संख्या में बढ़ोतरी
मिट्टी की तैयारी के बाद आपको एक और काम करना है जो नींबू के पौधे पर सीधा असर करता है। एक लीटर पानी में आधा चम्मच एप्सम सॉल्ट मिलाएं और इस घोल को स्प्रेयर में भरकर पौधे की पत्तियों और शाखाओं पर छिड़काव करें। यह स्प्रे महीने में दो बार करें।
स्प्रे करने से फूलों की संख्या बढ़ती है, फूल झड़ते नहीं हैं और फल में तब्दील हो जाते हैं। साथ ही पौधे की पत्तियाँ भी गहरी हरी और स्वस्थ हो जाती हैं।

परिणाम और देखभाल के टिप्स
इस पूरी प्रक्रिया के 15–20 दिनों के भीतर आप देखेंगे कि आपके नींबू के पौधे में नई कलियाँ आने लगी हैं, फूल अधिक देर टिक रहे हैं और फल बनना शुरू हो गया है। पौधा फिर से अपनी पूरी ऊर्जा के साथ सक्रिय हो जाता है।
ध्यान दें कि पौधे को सीधी तेज़ धूप से कुछ हद तक बचाएं, समय-समय पर पानी दें और हर 15 दिन में एक बार खाद डालें। अगर आप इस प्रक्रिया को हर सीजन दोहराते हैं, तो नींबू का पौधा साल में दो से तीन बार फल देने लगेगा।
निष्कर्ष
नींबू के पौधे में अगर फूल और फल की समस्या है तो यह घरेलू उपाय न केवल सस्ता है बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक और प्रभावी भी है। एप्सम सॉल्ट और अच्छी गुणवत्ता की खाद मिलाकर यदि पौधे की देखभाल की जाए तो वह हर सीजन में भरपूर फल-फूल देगा।

मेरा नाम छोटन राय है और मै एक ब्लॉगर हु और sacchikheti.com का founder हु और मै इस वेबसाइट ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है,मुझे कंटेंट राइटिंग करते हुए 6 सालो का अनुभव है|