देश के किसानों के सामने अक्सर यह समस्या आती है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं और स्कीम्स का लाभ वे सही तरीके से नहीं उठा पाते। इसका मुख्य कारण होता है कि किसानों को अनेक दस्तावेज़ जमा करने पड़ते हैं, और कागजी कार्रवाई इतनी जटिल होती है कि कई बार वे योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने फार्मर आईडी स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत किसानों को एक डिजिटल पहचान प्रदान की जाती है, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से और तेज़ी से ले सकते हैं।
फार्मर आईडी स्कीम क्या है?
फार्मर आईडी एक डिजिटल किसान कार्ड है, जो आधार कार्ड की तरह एक यूनिक नंबर के रूप में होता है। इसमें किसान की जमीन, फसल, खेत की लोकेशन और अन्य जरूरी जानकारियां जुड़ी होती हैं। आधार कार्ड की तरह ही इस आईडी से किसान के बैंक खाते और मोबाइल नंबर भी लिंक होते हैं। इस तरह, किसान की सारी जानकारी सरकार के पास डिजिटल रूप में उपलब्ध रहती है, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है।
फार्मर आईडी की आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और जब किसान योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाता तो कृषि क्षेत्र प्रभावित होता है। पहले कई बार किसान योजना के लिए जरूरी दस्तावेज पूरे न होने की वजह से लाभ से वंचित रह जाते थे। फार्मर आईडी इस समस्या को खत्म करने के लिए लाई गई है ताकि हर किसान आसानी से योजनाओं से जुड़ सके और उसका लाभ पा सके। इससे कागजी कार्रवाई कम हो जाती है और प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है।
फार्मर आईडी से जुड़ी प्रमुख योजनाएं
फार्मर आईडी से कई सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मोबाइल और बैंक खाते में मिलता है। जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसमें किसानों को तीन किश्तों में ₹6000 दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी इससे जुड़ी है, जिसमें फसल बीमा का लाभ मिलता है। इसके अलावा कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से किसान 2 करोड़ तक का लाभ उठा सकते हैं और वेयरहाउस या कोल्ड स्टोरेज जैसे सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं। बीज, खाद, बीमा, सब्सिडी, और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं भी इसी प्लेटफार्म से उपलब्ध होती हैं।
फार्मर आईडी कैसे बनवाएं?
फार्मर आईडी बनवाना बेहद आसान है। किसान को अपनी जमीन से संबंधित दस्तावेज जैसे खसरा, खतौनी या यूनिक आइडेंटिटी नंबर लेकर farmer.gov.in वेबसाइट पर जाना होता है। वहां मोबाइल नंबर, आधार नंबर और खेती से संबंधित जानकारी भरकर फार्मर आईडी बनाई जा सकती है। यदि किसी किसान को ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत आती है तो वे नजदीकी पटवारी, लेखपाल या जन सुविधा केंद्र से सहायता ले सकते हैं।
भविष्य में फार्मर आईडी के फायदे
फार्मर आईडी सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं है, बल्कि भविष्य में यह किसानों के लिए पासपोर्ट जैसा काम करेगी। इससे स्मार्ट किसान क्रेडिट कार्ड, किसान हेल्थ कार्ड, खेती आधारित डिजिटल सलाह, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सपोर्ट जैसी अनेक सुविधाएं जुड़ेंगी। इससे किसानों का समय बचेगा, वे आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे और खेती में आधुनिक तकनीकों का लाभ ले सकेंगे।
इस प्रकार, फार्मर आईडी स्कीम किसानों के लिए एक डिजिटल क्रांति साबित होगी, जो उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यदि आपने अभी तक फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो इसे अवश्य बनवाएं और स्मार्ट किसान बनें।
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