नवंबर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी के सीज़न में ये चार महीने फूल गोभी की खेती के लिए सबसे सही है इसलिए सोयाबीन की कटाई के बाद परंपरागत फसलों से उठकर अच्छी आमदनी लेना चाहते हो और अच्छी कमाई करना चाहते हो तो फूलगोभी की खेती जरूर करें। फूलगोभी की खेती करने का सही तरीका क्या है?
फूल गोभी की खेती (Phool Gobhi ki Kheti Kaise Karen)
फूल गोभी की खेती कैसे करें यह जानने के लिए हम इस आर्टिकल में इन पांच पॉइंट्स पर चर्चा करेंगे।
1. फूल गोभी की नर्सरी तैयार करने का सही तरीका
2. पौधों का पौधारोपण करने का सही तरीका
3. फूल गोभी की फसल में खाद्य प्रबंधन
4. खरपतवार नियंत्रण
5. कीट व रोग पर नियंत्रण
इसके साथ ही इस आर्टिकल के अंत में हम आपको बताएँगे की अगर हम एक एकड़ में फूल गोभी की फसल लगाते है तो इससे हमारा कितना उत्पादन होता है और हम कितनी आमदनी ले सकते? इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़े।
1. फूल गोभी की नर्सरी तैयार करने का सही तरीका क्या है
सबसे पहले आप फूल गोबी के बीच का चुनाव करें ठण्ड के सीजन के लिए आप seminis girija के बीज का चुनाव कर सकते है। अब क्यारियों का निर्माण करें और इन क्यारियों में वेर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें और उसे मिटटी में अच्छी तरह से मिला दे। वर्मी कंपोस्ट को आप अमेजन से ऑनलाइन खरीद सकते है फिर वर्मी कंपोस्ट मिलाने के बाद। इन क्यारियों में आप छिडकन विधि की सहायता से फूलगोभी के बीजों का छिड़काव करें, बीज छिड़काव के बाद अब हमें इन बीजों के ऊपर मिट्टी की एक पतली सी लेयर चढ़ा देना हैं क्योंकि अगर बीज ज्यादा गहराई में जायेगा तो उनका जर्मिनेशन नहीं होगा।
इसलिए मिट्टी के पतली सी लेयर चढ़ाने के लिए आप कुछ इस तरह से इन बीजो के ऊपर मिट्टी चढ़ा सकते हैं, मिटटी चढ़ाने के बाद। स्प्रे पंप की सहायता से आप स्प्रे कर दें क्योंकि अगर हम ज्यादा गहरी सिंचाई करते तो भी हमारे बीज मिट्टी में ज्यादा गहराई पर चले जायेंगे, इसलिए आप इस स्प्रे पंप की सहायता से थोड़ा सा मिट्टी में नमी मौजूद हो जाए। उतनी सिंचाई करें, फूल गोभी की नर्सरी 25-30 दिन में ठंड के सीज़न में ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हो जाती है। तो इस तरह से आप फूल गोभी की नर्सरी तैयार कर सकते है।
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2. पौधों का पौधारोपण करने का सही तरीका
ठंड के सीज़न में फूल गोभी की नर्सरी 25-30 दिन में ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हो जाएगी। लेकिन जब फूल गोभी के पौधों का ट्रांसप्लांट खेत में करते है। तो ठंड के सीज़न में लगाई गई फूल गोभी की फसल की ग्रोथ हमें काफी ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए हमें लाइन से लाइन के बीज की दुरी 1.25 से 1.5 फिट के आसपास रखना है और पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी 1.25 फिट के आसपास रखना है। बारिश के सीज़न में हम एक एक फिट पर भी पौधों का ट्रांसप्लांट कर सकते है।
पौधों का ट्रांसप्लांट करने के पहले आपको खेत की एक से दो बार गहरी जुताई करना है, खेत को एकदम समतल कर लेना है, फिर आप खेत में क्यारियों का निर्माण कर सकते है। क्यारियां की चौडाई 5 से 6 फिट रखनी है और लम्बाई 25 से 30 फिर रखनी है फिर हमने एक सेक्शन बनाया है और फिर वहाँ से हमने वापस से क्यारियों का निर्माण किया है
आप लंबी क्यारियां ना बनाएं क्योंकि जब फ्लड इरिगेशन से सिंचाई करेंगे तो पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंचेगा और बीच में ही रुक जाए। इसलिए अगर आपका खेत लंबाई में ज्यादा है तो आप उसमें दो या तीन सेक्शन बनाकर 25 से 30 या 35 फ़ीट तक की लंबाई वाली क्यारियां बना सकते है।
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3. फूल गोभी की फसल में खाद्य प्रबंधन
फूलगोभी की फसल हो या फिर कोई अन्य फसल हो, उसमें खाद प्रबंधन, हमारे पौधे की जरूरत और मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी रहती है उसके हिसाब से होता है। पर फिर भी। हम फूल गोभी की फसल में जीस तरह से खाद प्रबंधन करते है। वे उसकी जानकारी आप सभी किसान भाइयों के साथ मैं शेयर कर सकता हूँ। तो हम फुल गोभी की फसल में पौधे की ट्रांसप्लांटिंग में 15 दिन के बाद में पहली बार खाद प्रबंधन करते है जिसमे हम 1 बैग यूरिया और 1.5 बैग DAP प्रति एकड़ की दर से फूलगोभी की फसल को देते है
दूसरी बार खाद्य प्रबंधन जब पौधे के ट्रांसप्लांटिंग 30 दिन हो जाते है उस समय पर करें उस समय पर भी हम 1 बैग यूरिया और 1.5 बैग DAP प्रति एकड़ की दर से हमारी फूल गोभी की फसल को देते है। इसके अलावा हम फूल गोभी की फसल में और कोई भी खाद का प्रयोग नहीं करते है,
हाँ हम फूलगोभी की खेती रासायनिक तरीके से करते है और जिन किसान भाइयों को फूलगोभी की खेती जैविक तरीके से करना है। तो जो भी किसान भाई जैविक तरीके से फूलगोभी की खेती करना चाहता है तो वे वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग कर सकता है। या फिर वह जीवामृत का उपयोग कर सकता है या फिर इन दोनों का उपयोग कर सकता है।
4. खरपतवार नियंत्रण
फूल गोभी की फसल में खरपतवार का नियंत्रण आप मजदूर की सहायता से ही करें। हमें कम से कम दो बार खरपतवार को नियंत्रित करना पड़ता है। ठंड के सीज़न में एक बार भी अगर आप निंदाई गुड़ाई कराते है तो भी काम चल जाएगा। लेकिन बारिश के सीज़न में तो हमें दो बार खरपतवार को निकालना पड़ता है। इसलिए ठंड के सीज़न हम एक बार भी अगर मजदूर की सहायता से खरपतवार को निकालते तो हम फूल गोभी की फसल में खरपतवार को नियंत्रित कर सकते है।
खरपतवार नियंत्रण आपको यह ध्यान रखना है। जब हमारी फूल गोभी की फसल 20-25 दिन की हो जाए उस समय पर आप पहली बार खरपतवार को अपने खेत से निकाले, लेकिन हमें मजदूर की सहायता से खरपतवार को निकालना है। हमें कोई भी खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग फूल गोभी की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए नहीं करना है
5. कीट व रोग पर नियंत्रण
फूलगोभी की फसल में पहला स्प्रे तब करेंगे जब हमारे फूलगोभी के पौधे की पत्तियों के ऊपर हमे इल्ली का अटैक दिखाई दे, जैसा कि आप यहाँ पर देख सकते कि हिल्ली के अटैक से आपके फूल गोबी के पौधे की पत्तियाँ में, छेद छेद सी दिखाई देगी,यानी की फूलगोभी की पत्तियों पर इल्ली का अटैक हो गया है।
इल्ली दो तरह की होती है अंदर की इल्ली जो की पौधे की पत्तियों के अंदर रहती है दूसरे बहार की जिसे हम बाहरी आँखों से देख सक है। हमें इन दोनों का नियंत्रण करना है और हमें पहला स्प्रे तब डालना है जब इल्ली का अटैक फूल गोभी की पौधे की पत्तियों पर हमें ज्यादा दिखाई दे।
इल्ली के अटैक को नियंत्रित करने के लिए आप PROFEX सुपर 40 ml और MAJOR 10 ग्राम 15 लीटर पानी में मिलाकर फूलगोभी के पौधे को ऊपर स्प्रे करदे, पहले स्प्रे के 15 दिन के बाद वही मात्रा यानी की PROFEX सुपर 40 ml और MAJOR 10 ग्राम 15 लीटर पानी में मिलाकर फिर से स्प्रे कर दें। इस तरह से आप फूल गोभी की फसल में जो इल्ली का अटैक हमें दिखाई देता है, इसको नियंत्रित कर सकते है।
उत्पादन
अब हम आर्टिकल के अंत में बात करते। अगर एक एकड़ में हम फूल गोभी की फसल लगाते है तो उससे हमें कितना उत्पादन मिलता है और हम कितनी आमदनी ले सकते है?
तो एक एकड़ अगर आप फूलगोभी की फसल लगाते तो ठंड के सीज़न में आप फूल गोभी की फसल से मिनिमम 100 क्विंटल तक उत्पादन बड़ी आसानी से ले सकते है। क्योंकि ठंड के सीज़न में फूल गोबी के फूल का वजन एक किलो से डेढ़ किलो के आसपास तक बहुत आसानी से चला जाता है। यानी की एक एकड़ फूल गोभी की फसल से 100 कुंटल के आसपास उत्पादन ठंड के सीज़न में हम बड़ी आसानी से ले सकते हैं।
गोभी की खेती से कमाई
अब बात आती है की हमारी कितनी आमदनी हो सकती? तो फुलगोबी का जो हमारा मंडी थोक भाव है वह ठंड के सीज़न में हमें बहुत ही कम देखने को मिलता है। लेकिन जैसे जैसे जनवरी और फरवरी के महीने में आपको फूलगोबी के भाव में थोड़ी तेजी देखने को मिलेगी इसलिए नवंबर से फरवरी के बीच का अगर हम मंडी तो भाव का औसतन निकालते है तो यहाँ ₹10 के आसपास आता है,
हमारा उत्पादन 100 क्विंटल हुआ था और एक कुंटल में 100 किलो होता है और हमने एक किलो का मंडी थोक भाव 10 रूपए लिया है, यानी की एक एकड़ फूल गोभी की फसल से हम ₹1,00,000 तक की आमदनी ले सकते। फूल गोभी की फसल में कितनी लागत आती थी, यह जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पड़ सकते है
फूल गोभी कितने दिन में तैयार हो जाती है
फूल गोभी की नर्सरी 25-30 दिन में ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हो जाएगी। उसके बाद फुल गोभी के पौधे 40-45 दिन में तैयार हो जाती है।
gobhi kitne prakar ki hoti hai
गोभी 4 प्रकार की होती है जिसमे -(पट्टा गोभी), फूलगोभी (पुओल गोभी), गांठ गोभी और ब्रोकोली
फूलगोभी की उन्नत किस्में
अगेती किस्में: अर्ली कुंआरी, पूसा कतिकी, पूसा दीपाली, समर किंग, पावस, इम्प्रूब्ड जापानी।
पिछेती किस्में: पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2, स्नोबाल-16
मध्यम किस्में: पंत सुभ्रा,पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, पूसा स्नोबाल, के. -1, पूसा अगहनी, सैगनी, हिसार नं
हिमरानी, पुष्पा, पूसा सुभ्रा, पूसा हिम ज्योति और पूसा कतकी
फूलगोभी कौन से महीने में बोई जाती है?
अगेती फसलो की बुआई अगस्त के लास्ट सप्ताह से 20 सितम्बर तक कर देना चाहिए उसके बात करें मध्यम और पिछेती किस्मों कि बुआई तो सितम्बर के मध्य से पूरे अक्टूबर तक कर सकते है
गोभी का फूल कितने दिन में तैयार हो जाता है?
लगाने से 45 से 50 दिन में तैयार हो जाती है
फूलगोभी में कौन सा खाद देना चाहिए?
नाइट्रोजन, फासफोरस और पोटाश का उपयोग करना चाहिए
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किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है