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Vegetable Excellence Center Haryana: किसानों को सब्सिडी पर पौध और मुफ्त ट्रेनिंग, हरियाणा का सब्जी उत्कृष्टता केंद्र बना मिसाल

Vegetable Excellence Center Haryana: किसानों को सब्सिडी पर पौध और मुफ्त ट्रेनिंग, हरियाणा का सब्जी उत्कृष्टता केंद्र बना मिसाल

Vegetable Excellence Center Haryana: हरियाणा के घरौंडा स्थित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र (Indo Israel Project) किसानों के जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह लेख बताता है कि कैसे यह केंद्र किसानों को सब्सिडी दरों पर पौध उपलब्ध करा रहा है, उन्हें आधुनिक खेती की ट्रेनिंग दे रहा है, और ऑर्गेनिक व प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन जैसी नई तकनीकों से खेती सिखा रहा है। यहां किसान खुद के बीज देकर पौध तैयार करवा सकते हैं और खेती के हर पहलू पर मार्गदर्शन पा सकते हैं।

किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है सब्जी उत्कृष्टता केंद्र

हरियाणा सरकार द्वारा संचालित यह उत्कृष्टता केंद्र किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का कार्य कर रहा है। केंद्र की प्रभारी डॉ. रेनू यादव के अनुसार, यहां पर हरियाणा के किसानों के लिए सब्सिडी दरों पर पौध तैयार की जाती है, जबकि अन्य राज्यों के किसानों को पौध सामान्य दर पर उपलब्ध कराई जाती है। किसान अपनी पसंद की सब्जियों जैसे घिया, तुरई, करेला, टमाटर, शिमला मिर्च आदि के बीज लेकर आ सकते हैं, और केंद्र उनके लिए पौध तैयार कर देता है।

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Vegetable Excellence Center Haryana: किसानों को सब्सिडी पर पौध और मुफ्त ट्रेनिंग, हरियाणा का सब्जी उत्कृष्टता केंद्र बना मिसाल

सिर्फ ₹1.40 में तैयार हो रही सब्जियों की पौध

इस केंद्र पर लगभग सभी सब्जियों की पौध का खर्च ₹1.40 प्रति पौध पड़ता है। हालांकि, जो पौधें पॉली हाउस या नेट हाउस जैसे संरक्षित ढांचे में लगाई जाती हैं, उनका मूल्य थोड़ा अधिक होता है। कुछ सब्जियां जैसे घिया, तोरी, करेला जैसी बेल वाली फसलें केवल 15 से 20 दिन में तैयार हो जाती हैं, जबकि टमाटर और शिमला मिर्च जैसी पौधें तैयार होने में 30 से 40 दिन लेती हैं।

इसलिए किसान अपनी फसल की प्रकृति के अनुसार कम से कम 20 से 40 दिन पहले सीडलिंग बुकिंग करवा सकते हैं, ताकि समय पर पौध मिल सके।

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तीन आधुनिक तकनीकों से हो रही है सब्जी उत्पादन की क्रांति

डॉ. रेनू यादव बताती हैं कि इस केंद्र में सब्जियों की खेती तीन प्रमुख तरीकों से की जा रही है —

  1. ओपन फील्ड कल्टीवेशन (खुले खेतों में खेती)
  2. ऑर्गेनिक खेती (जैविक खेती)
  3. प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन (संरक्षित खेती)

ओपन फील्ड कल्टीवेशन में किसान कम खाद, कम दवा और प्राकृतिक तरीकों से खेती करना सीखते हैं। वहीं ऑर्गेनिक खेती किसानों को रासायनिक मुक्त और मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने वाली खेती सिखाती है।

सबसे उन्नत तकनीक है प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन, जिसमें पौधों को पॉली हाउस, नेट हाउस और वॉकिंग टनल्स में लगाया जाता है। यहां पर रंगीन शिमला मिर्च, चेरी टमाटर और सीडलैस बैंगन जैसी फसलें लगाई जाती हैं।

किसानों को दी जा रही है आधुनिक ट्रेनिंग

केंद्र न केवल पौध तैयार करता है बल्कि किसानों को खेती की आधुनिक ट्रेनिंग भी देता है। हरियाणा के किसानों के लिए साप्ताहिक फ्री ट्रेनिंग आयोजित की जाती है, जबकि अन्य राज्यों के किसानों के लिए तीन दिन की पेड ट्रेनिंग होती है।

हरियाणा के किसान ‘हरियाणा कौशल पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं, अन्य राज्यों के किसान केंद्र को ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

बांस पर खेती और वर्टिकल फार्मिंग का बेहतरीन उदाहरण

इस केंद्र की सबसे खास बात यह है कि यहां बांस के सहारे खेती की जाती है। फसलें स्टेकिंग पद्धति से ऊपर की ओर चढ़ाई जाती हैं, जिससे जगह की बचत और बेहतर उपज मिलती है। साथ ही, ओपन फील्ड में रेज्ड बेड, मल्चिंग शीट और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग कर पानी और खाद की बचत भी की जाती है।

किसानों के लिए खुला है केंद्र का द्वार

केंद्र सोमवार से शुक्रवार तक किसानों के लिए खुला रहता है। किसान कभी भी आकर यहां की गतिविधियों को देख सकते हैं, ट्रेनिंग में भाग ले सकते हैं, या अपनी फसलों से संबंधित समस्याओं पर विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं।

यह पहल किसानों को कम लागत में अधिक उपज और आधुनिक खेती के ज्ञान से जोड़ने का शानदार उदाहरण है।

FAQs

प्रश्न 1: सब्जी उत्कृष्टता केंद्र कहां स्थित है?

उत्तर: यह केंद्र हरियाणा के घरौंडा (करनाल) में स्थित है और इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट के तहत कार्य करता है।

प्रश्न 2: क्या सभी किसान यहां से पौध ले सकते हैं?

उत्तर: हरियाणा के किसानों को पौध सब्सिडी दर पर मिलती है, जबकि अन्य राज्यों के किसानों को सामान्य दर पर उपलब्ध होती है।

प्रश्न 3: ट्रेनिंग कैसे करवाई जा सकती है?

उत्तर: हरियाणा के किसान हरियाणा कौशल पोर्टल से आवेदन कर सकते हैं, और अन्य राज्य के किसान ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं।

प्रश्न 4: कौन-कौन सी फसलें यहां लगाई जाती हैं?

उत्तर: टमाटर, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर, करेला, तुरई, घिया और बैंगन जैसी फसलें यहां तैयार की जाती हैं।

प्रश्न 5: ट्रेनिंग की फीस कितनी है?

उत्तर: हरियाणा के किसानों के लिए ट्रेनिंग बिल्कुल मुफ्त है, जबकि अन्य राज्यों के किसानों को पेड ट्रेनिंग दी जाती है।

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