चना भारत की एक दालो वाली मुख्य फसल मानी जाती है चने को मनुष्य अपने लिए दाल के रूप में एवं पौधे का बाकि हिस्सा पशुओ के लिए चारे के रूप में उपयोग करता है
चना की खेती का समय
चना की खेती का प्रमुख समय अक्टुम्बर से 15 नवम्बर माह तक उचित माना जाता है इस अवधि में चने में अंकुरण अच्छा होता है
चना की खेती की तैयारी
चने की खेती के लिए खेत की तैयारी हेतु दो से तीन गहरी जुताई करके रोटावेटर से मिटटी को समतल कर लेना चाहिए ध्यान रहे
बिज़ उपचार
चने में प्राय:उकठा रोग देखने को मिलता है जिसमे पौधा सूखने लगता है इस लिए हमें चने के बीज को थायरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बिज की दर से या ट्रायकोदर्मा से भी बिज उपचार कर सकते है
चने के लिए उपयुक्त मिटटी एवं तापमान
चने की फसल सभी प्रकार की मिटटी में उगाई जा सकती है विशेष तौर पर रेतीली एवं चिकनी मिटटी ज्यादा उपयोगी होती है
दोस्तों खेती बाड़ी और खेती से जुड़े बिजनेस आईडिया जानने के लिए आप हमारे whatsapp group से जुड़ सकते है
देशी किस्म के बीज की मात्रा 30 से 35 किलोग्राम प्रतिएकड़ एवं काबुली 35 से 40 किलोग्राम पर्याप्त माना जाता है
बुवाई की विधि
वैसे तो चने की खेती सादारण बुवाई करके भी कर सकते है इसके अलावा सिड्रिल से बुवाई करने से बिज का जमाव अच्छा होता है एवं खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है साथ ही उत्पादन अधिक होता है
सिचाई कब करे
वैसे तो चने को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन हमें फुल आने के समय एवं फल्ली बनने के समय सिंचाई करना चाहिए ध्यान रहे की पानी खेत में ज्यादा समय तक नहीं रहना चाहिए