चना की खेती कब और कैसे करे | Gram Farming in Hindi

By Purushottam Bisen

Published on:

चना की खेती कैसे करे | Gram Farming in Hindi
Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

चना भारत की एक दालो वाली मुख्य फसल मानी जाती है चने को मनुष्य अपने लिए दाल के रूप में एवं पौधे का बाकि हिस्सा पशुओ के लिए चारे के रूप में उपयोग करता है चना उत्पादन मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, बर्मा, टर्की जैसे देशो में सर्वाधिक किया जाता है एवं भारत में अधिक उत्पादन मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र राज्यों में किया जाता है चना उत्पादन में प्रथम स्थान की बात करे तो विश्व मे भारत एवं राज्य में मध्यप्रदेश आता है

चना की खेती कब और कैसे करे

चना की खेती के लिए हमने कुछ पॉइंट को कवर किया है हमने आपको स्टेप में बताया है ताकि आप आसानी से समझ पाओ सबसे पहले बात करते है चना की खेती का समय क्या है

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

चना की खेती का समय :

चना की खेती का प्रमुख समय अक्टुम्बर से 15 नवम्बर माह तक उचित माना जाता है इस अवधि में चने में अंकुरण अच्छा होता है जिससे की उत्पादन में इजाफा होंगा वैसे तो दिसंबर तक बुवाई कर सकते लेकिन उत्पादन पर असर पड़ता है

चना की खेती की तैयारी :

चने की खेती के लिए खेत की तैयारी हेतु दो से तीन गहरी जुताई करके रोटावेटर से मिटटी को समतल कर लेना चाहिए ध्यान रहे जुताई से पहले गोबर की खाद डाल देना चाहिए ताकि उत्पादन अधिक हो सके

चना की खेती कब और कैसे करे 2023 | Gram Farming in Hindi

बिज़ उपचार :

चने में प्राय:उकठा रोग देखने को मिलता है जिसमे पौधा सूखने लगता है इस लिए हमें चने के बीज को थायरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बिज की दर से या ट्रायकोदर्मा से भी बिज उपचार कर सकते है

इसे भी पड़े : भारत में Hydroponic Setup का कितना खर्चा आता है

चने के लिए उपयुक्त मिटटी एवं तापमान :

चने की फसल सभी प्रकार की मिटटी में उगाई जा सकती है विशेष तौर पर रेतीली एवं चिकनी मिटटी ज्यादा उपयोगी होती है,मिटटी का पी एच मान 6 से 7.5 एवं तापमान 24से30 डिग्री सेल्सियश अच्छा मन जाता है

बिज़ की मात्रा :

देशी किस्म के बीज की मात्रा 30 से 35 किलोग्राम प्रतिएकड़ एवं काबुली 35 से 40 किलोग्राम पर्याप्त माना जाता है

बुवाई की विधि :

वैसे तो चने की खेती सादारण बुवाई करके भी कर सकते है इसके अलावा सिड्रिल से बुवाई करने से बिज का जमाव अच्छा होता है एवं खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है साथ ही उत्पादन अधिक होता है बिज की गहराई 7 से 8 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दुरी 12 से 15सेंटीमीटर एवं कतार से कतार की दुरी 30 से 45 सेंटीमीटर के मध्य होना चाहिए इस विधि से बुवाई करने से निस्चित रूप से उत्पादन अधिक होंगा ध्यान रहे पानी ज्यादा समय खेत में जमा नहीं रहना चाहिए इस लिए जल निकासी होना आवश्यक है

इसे भी पड़े : रबी, खरीफ और जायद की फसलें क्या होती है

सिचाई कब करे:

वैसे तो चने को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन हमें फुल आने के समय एवं फल्ली बनने के समय सिंचाई करना चाहिए ध्यान रहे की पानी खेत में ज्यादा समय तक नहीं रहना चाहिए

चने में रोग एवं रोकथाम :

चने में उकठा रोग,पत्ती छेदक,फल्ली छेदक,देखने को मिलता है इसकी रोकथाम हेतु फुल आने की अवस्था में ट्रायकोडर्मा ,100-120 ग्राम एमामेक्टिन बेन्जोट 5%एस जी,350 ग्राम साफ़ फंगीसाइड एवं एन पी के 19:19:19 का 150 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे कर देना चाहिए एवं दूसरा स्प्रे फल की अवस्था में 200 मिलीलीटर क्विनालफास एवं फंगीसाइड प्रति एकड़ स्प्रे कर देना चाहिए

निष्कर्ष :

हमने आपको इस लेख में ये बताया की चना देश एवं विदेशो में इसका उत्पादन किया जाता है साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है प्रमुख रूप से दलहनी फसलो में चना एक विशेष स्थान रखता है इसकी खेती करने से किसानो की आय अच्छी होंगी व्यापारियों को व्यापार करने का मौका मिलेंगा

यह फसल से कम लागत के बावजूद उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है जिससे की किसानो की आमदनी काफी अच्छी होंगी एवं चना प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है चने की खेती करने से मिटटी में नाइट्रोजन की पूर्ति की जा सकती है इसकी जड़ो में गाठ होती है जिसमे नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है

FAQ: चने की खेती से जुड़े सवाल

चना कौन से महीने में लगाया जाता है?

>चना को लगाने का सबसे उपयुक्त समय 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक का माना जाता है चुकी यह समय थोडा आगे पीछे हो सकता है

चना 1 एकड़ में कितना होता है?

>यह अलग अलग वैरायटी और उत्पादन छमता पर निर्भर करता है फिर भी औसतन पैदावार 9 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली चना कौन सा है?

>वैसे तो मार्केट में बहुत सारी वैरायटी मौजूद है लेकिन उत्पादन के मामले में सी.एस. जे. -515 नंबर 1 है

इसे भी पड़े :

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment