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बिहार के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी मखाना बोर्ड का ऐलान, अब और बढ़ेगी मखाने की खेती

बिहार के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी मखाना बोर्ड का ऐलान, अब और बढ़ेगी मखाने की खेती

किसान साथियों, कैसे हैं आप लोग? आज हम आपके लिए एक ऐसी खुशखबरी लेकर आए हैं, जो न सिर्फ बिहार के किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। केंद्र सरकार ने बिहार के मखाना उत्पादक किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। 2025-26 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की है। यह निर्णय बिहार के किसान भाइयों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

देश में सबसे आगे है बिहार का मखाना उत्पादन

किसान भाइयों, आपको यह जानकर गर्व होगा कि बिहार देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन करने वाला राज्य है। फिलहाल, बिहार में लगभग 35 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है, और 25 हजार से अधिक किसान इससे जुड़े हुए हैं। मखाना न सिर्फ बिहार की पहचान है, बल्कि यह किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बन चुका है।

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हाल ही में पटना में आयोजित मखाना महोत्सव में कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो-तीन साल में मखाने की खेती 50-60 हजार हेक्टेयर तक पहुंचे और 50 हजार से अधिक किसान इससे जुड़ें।

बिहार के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी मखाना बोर्ड का ऐलान, अब और बढ़ेगी मखाने की खेती

मखाना बोर्ड से किसानों को मिलेगा दोगुना लाभ

किसान साथियों, मखाना बोर्ड के गठन का मतलब है कि अब मखाने की खेती, प्रसंस्करण और मार्केटिंग को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। यह बोर्ड न सिर्फ किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा, बल्कि मखाना प्रोसेसिंग कंपनियों को भी फायदा पहुंचाएगा। बिहार सरकार का लक्ष्य है कि मखाना हर थाली तक पहुंचे और इसकी मांग देश-विदेश में बढ़े। बोर्ड के गठन के बाद आधुनिक मशीनों का उपयोग कर मखाने के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

उत्तरी और पूर्वी बिहार की पहचान है मखाना

किसान भाइयों, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मखाने की खेती पूरे बिहार में नहीं होती है। यह खेती मुख्य रूप से उत्तरी और पूर्वी बिहार के जिलों में की जाती है। मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज जैसे जिलों में मखाने की खेती होती है। यह क्षेत्र मखाने के लिए मशहूर है, और अब मखाना बोर्ड के गठन से इन जिलों के किसानों को और अधिक लाभ मिलेगा।

किसानों के लिए एक नई उम्मीद

किसान साथियों, यह ऐलान सिर्फ एक बोर्ड के गठन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार के किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। मखाना बोर्ड के गठन से न सिर्फ किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि इसकी मार्केटिंग और प्रसंस्करण में भी आसानी होगी। सरकार का यह कदम बिहार के किसानों की मेहनत को नई दिशा देगा और मखाने की खेती को और अधिक लाभदायक बनाएगा।

किसान भाइयों, यह समय बिहार के किसानों के लिए गर्व का है। मखाना बोर्ड के गठन से न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश में मखाने की रोशनी और चमकेगी। आइए, इस नई उम्मीद का स्वागत करें और मखाने की खेती को और अधिक बढ़ावा दें। जय किसान, जय बिहार!

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