इस लेख में हम आपको अलवर कृषि उपज मंडी, राजस्थान के आज के ताजा मंडी भाव की पूरी जानकारी देंगे। जानें सरसों, गेहूं, चना, ग्वार और जौ के आज के रेट, किसानों की समस्याएं, और उनकी आवक की स्थिति।
अलवर मंडी का हाल (alwar mandi bhav)
अलवर कृषि उपज मंडी में इस समय सरसों की आवक में कमी देखी जा रही है। मंडी में इस समय बहुत बढ़िया क्वालिटी की सरसों पहुँच रही है, लेकिन आवक पहले की तुलना में कम हो गई है। रावत ब्रदर्स की आड़त पर बातचीत के दौरान संजय जी ने बताया कि सरसों का सबसे ऊँचा भाव ₹6000 प्रति क्विंटल तक पहुंचा, जबकि मीडियम क्वालिटी का भाव ₹5400 से ₹6000 प्रति क्विंटल के बीच रहा।
किसानों का कहना है कि इस बार ओलावृष्टि की वजह से सरसों की फसल में भारी नुकसान हुआ, जिससे उत्पादन में कमी आई है। सरकार की ओर से अभी तक न तो कोई मुआवजा मिला है और न ही कोई सर्वे किया गया, जिससे किसानों में निराशा का माहौल है।
अलवर मंडी में आज के ताजा भाव
फसल का नाम | भाव (₹ प्रति क्विंटल) | अन्य जानकारी |
---|---|---|
सरसों (ऊँची क्वालिटी) | ₹6000 | आवक कम, क्वालिटी अच्छी |
सरसों (मीडियम क्वालिटी) | ₹5400–₹6000 | आवक कम |
गेहूं (सरकारी रेट) | ₹2575 | 34,000 कट्टे की आवक |
गेहूं (मंडी रेट) | ₹2400–₹2420 | झड़त 30–35 क्विंटल प्रति बीघा |
चना | ₹5400–₹5500 | बाजार स्थिर |
ग्वार | ₹4700 | – |
जौ | ₹2300 | – |
बाजरा | ₹250 | आवक सीमित |
अलवर मंडी में गेहूं का भाव
गेहूं की आवक भी इस बार अपेक्षाकृत कम है। मंडी में करीब 34,000 कट्टे गेहूं की आवक रही। सरकारी रेट ₹2575 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि बाजार में आम तौर पर गेहूं ₹2400 से ₹2420 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। किसानों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं की झड़त 30 से 35 क्विंटल प्रति बीघा तक सीमित रही है, जबकि पिछले साल यह 45 से 50 क्विंटल थी।

चना, ग्वार, जौ और बाजरा के ताजा रेट
चना का बाजार इस समय स्थिर बना हुआ है और इसका भाव ₹5400 से ₹5500 प्रति क्विंटल चल रहा है। ग्वार की कीमत ₹4700 प्रति क्विंटल बताई जा रही है। वहीं, जौ का बाजार ₹2300 प्रति क्विंटल तक पहुँच रहा है और बाजरा ₹250 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। मंडी में बाजरे की आवक भी देखी गई, हालांकि इसकी मात्रा सीमित रही।
किसानों की चुनौतियाँ और समस्याएँ
किसानों के अनुसार, इस बार सरसों की झड़त 38 से 39 किलो प्रति बीघा रही, जो कि औसत से काफी कम है। ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान से किसान बेहाल हैं। एक किसान, इकलास खान, साडोली मंदूका बास गांव से, ने बताया कि सरकार की तरफ से अब तक कोई सहायता या मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सर्वे केवल कुछ इलाकों तक ही सीमित रहा और बाकी क्षेत्रों में कोई सहायता नहीं पहुँची।
इसके अलावा, किसानों का कहना है कि बोरवेल के लिए करीब ₹10 लाख तक का खर्च आता है और वह भी हर दो-तीन साल में दोबारा करवाना पड़ता है। खेती से इतनी आमदनी नहीं होती कि कर्ज की भरपाई की जा सके, और मजबूरी में किसानों को जमीन तक बेचनी पड़ती है। कृषि यंत्रों की खरीद पर भी कोई खास सरकारी योजना उपलब्ध नहीं है, जिससे किसान आधुनिक तकनीक का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
किसानों की राय: सरकार से उम्मीदें
किसानों ने बताया कि सरकार की ओर से अगर समय पर सहायता और योजनाओं का लाभ मिले, तो उनकी हालत बेहतर हो सकती है। बच्चों की पढ़ाई, खेती के लिए संसाधन और कर्ज से मुक्ति तभी संभव है जब किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिले और प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का मुआवजा समय पर दिया जाए।
निष्कर्ष
अलवर कृषि उपज मंडी में सरसों, गेहूं, चना, ग्वार, जौ और बाजरे के ताजा भावों की जानकारी से साफ है कि किसानों को इस बार उत्पादन में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे किसानों की समस्याओं पर ध्यान दें और राहत पहुँचाने के लिए ठोस कदम उठाएँ। अगर आप किसान हैं और अपनी फसल अलवर मंडी में बेचना चाहते हैं, तो रावत ब्रदर्स, बी-1, नई अनाज मंडी, अलवर, राजस्थान में संपर्क कर सकते हैं।
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