भारत सरकार 2025 में किसानों के लिए एक बेहद लाभकारी योजना लेकर आई है। अब किसान भाई बिना किसी झंझट के ₹1 करोड़ तक का लोन ले सकते हैं। यह स्कीम दो प्रमुख योजनाओं के तहत चल रही है NHB (नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड) और MIDH (मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर)। इस लेख में हम बताएंगे कि इस स्कीम का लाभ कैसे लें, किन बातों का ध्यान रखें और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
NHB और MIDH स्कीम क्या है?
NHB यानी नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड, केंद्र सरकार की वह संस्था है जो बागवानी से जुड़ी खेती को बढ़ावा देती है। इस स्कीम के तहत किसान पॉली हाउस, कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग-पैकिंग यूनिट, मशरूम यूनिट, टिश्यू कल्चर और हाइड्रोपोनिक्स जैसे आधुनिक कृषि प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। वहीं MIDH योजना का उद्देश्य फल, सब्जी, फूल, मसाले जैसी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार करना है।
कौन ले सकता है इस स्कीम का लाभ?
यह योजना सभी किसानों के लिए खुली है। चाहे आप पुरुष किसान हों, महिला किसान, सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े हों, किसान उत्पादक संगठन या फिर कृषि स्टार्टअप चला रहे हों अगर आपकी खेती हॉर्टिकल्चर से जुड़ी है और आपके पास ज़मीन (स्वयं की या लीज पर) है, तो आप इस स्कीम के पात्र हैं।
कितनी सब्सिडी और सहायता मिलती है?
जनरल एरिया के किसानों को 35% से 50% तक सब्सिडी दी जाती है, जबकि उत्तर-पूर्व और पहाड़ी क्षेत्रों में यह सीधे 50% तक मिलती है। 2025 में सब्सिडी लिमिट को ₹56 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दिया गया है। कोल्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए ₹1 करोड़ तक, पॉली हाउस और मशरूम यूनिट के लिए ₹40 लाख तक और हाइड्रोपोनिक्स के लिए ₹3.5 लाख तक की सहायता मिलती है।
आवेदन कैसे करें?
सबसे पहले आप फसल का चुनाव करें, फिर बैंक से लोन का अप्रूवल लें क्योंकि सब्सिडी लोन के साथ ही मिलती है। इसके बाद डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनवाएं जिसमें जमीन, लागत, मुनाफा और रोजगार की जानकारी होनी चाहिए। फिर NHB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जीओसी के लिए आवेदन करें और डीपीआर, लोन सेशन लेटर और दस्तावेज अपलोड करें। निरीक्षण के बाद सब कुछ सही पाया गया तो सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में आ जाएगी।
दस्तावेज़ क्या लगेंगे?
आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमीन के कागज़, बैंक से लोन लेटर, डीपीआर, जमीन की फोटो, डिक्लेरेशन लेटर और एफिडेविट की ज़रूरत होगी। अगर यह दस्तावेज़ पहले से तैयार होंगे तो आवेदन प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

मशरूम और हाइड्रोपोनिक्स में अवसर
मशरूम की खेती कम मेहनत, कम पानी और कम ज़मीन में की जा सकती है। 300 टन की यूनिट पर ₹40 लाख तक की सब्सिडी मिलती है। वहीं हाइड्रोपोनिक्स खेती मिट्टी के बिना पानी में न्यूट्रिएंट्स देकर की जाती है। इसके लिए ₹3.5 लाख तक की सहायता NHB से मिलती है।
अगर आप इन दोनों को एक साथ करते हैं या पॉली हाउस, कोल्ड स्टोरेज जैसी यूनिट जोड़ते हैं तो सब्सिडी और बढ़ जाती है। क्लस्टर आधारित मॉडल में 3-4 किसान मिलकर यह काम शुरू कर सकते हैं।
निष्कर्ष
अगर आप खेती को एक लाभदायक व्यवसाय में बदलना चाहते हैं तो NHB और MIDH की यह स्कीम आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। इस योजना से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों को समझकर सही तरीके से आवेदन करें और अपनी खेती को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं।
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