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जून में लगाएं ये 10 सब्जी फसलें और पाएं अगस्त-सितंबर में ₹100/kg तक के रेट, जानें पूरी खेती विधि और फायदे

जून में लगाएं ये 10 सब्जी फसलें और पाएं अगस्त-सितंबर में ₹100/kg तक के रेट, जानें पूरी खेती विधि और फायदे

जून का महीना किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय लगाई गई कुछ चुनिंदा सब्जी फसलें अगस्त-सितंबर तक बाजार में अच्छे दामों पर बिकती हैं। इन फसलों को लगाने का सही तरीका और सही समय जानकर आप न केवल अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि बाजार में मिलने वाले शानदार दामों से लाखों रुपए की आमदनी भी कमा सकते हैं। इस लेख में हम जून में लगाई जाने वाली प्रमुख सब्जी फसलों, उनकी खेती के तरीकों और बाजार में मिलने वाले दामों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

फूलगोभी की खेती

फूलगोभी की खेती जून के पहले सप्ताह में नर्सरी डालकर शुरू की जा सकती है। नर्सरी तैयार होने में लगभग 20-25 दिन लगते हैं। एक एकड़ खेत में फूलगोभी लगाने के लिए 120 ग्राम बीज या 18,000 से 21,000 पौधों की आवश्यकता होती है। खेत की तैयारी के दौरान देसी खाद के साथ-साथ डीएपी, पोटाश, यूरिया और सिंगल सुपर फॉस्फेट जैसे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें।

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फूलगोभी को हमेशा मेड़ों पर लगाएं ताकि बारिश के पानी से पौधों को नुकसान न हो। इस फसल में इल्ली और फंगस जनित बीमारियों का खतरा अधिक होता है, इसलिए नियमित रूप से कीटनाशकों का छिड़काव करें। अगस्त-सितंबर में जब फूलगोभी बाजार में आती है, तो इसके दाम ₹50 से ₹100 प्रति किलो तक मिल सकते हैं।

शिमला मिर्च की खेती

शिमला मिर्च की नर्सरी जून के पहले सप्ताह में डालें, जो 20-25 दिन में तैयार हो जाएगी। इंदिरा किस्म की शिमला मिर्च इस मौसम के लिए उपयुक्त है। शिमला मिर्च को बेड बनाकर, ड्रिप इरिगेशन और मल्चिंग के साथ लगाएं। पौधे एक फीट की दूरी पर लगाएं और जब ये एक फीट के हो जाएं, तो इन्हें सहारा देने के लिए सुतली से बांध दें।

शिमला मिर्च की फसल को बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से फंगीसाइड और कीटनाशकों का छिड़काव करें। अगस्त-सितंबर में इसकी कीमत ₹60 से ₹100 प्रति किलो तक हो सकती है।

हरी मिर्च की खेती

हरी मिर्च की खेती जून में करने से अगस्त-सितंबर में अच्छे दाम मिलते हैं। इस समय बाजार में हरी मिर्च की आपूर्ति कम होती है, जिससे दाम बढ़ जाते हैं। हरी मिर्च के बीज की मात्रा ढाई से तीन किलो प्रति एकड़ रखें। खेत की अच्छी तैयारी करें और बेसल डोज में फंगीसाइड मिलाकर डालें ताकि फसल को शुरुआत में ही बीमारियों से बचाया जा सके।

हरी मिर्च में लीफ कर्ल वायरस और रस चूसक कीटों का प्रकोप अधिक होता है, इसलिए नियमित निगरानी और स्प्रे करते रहें। इसकी कीमत अगस्त-सितंबर में ₹50 से ₹100 प्रति किलो तक पहुंच सकती है।

भिंडी की खेती

भिंडी की बुवाई जून में करने से जुलाई-अगस्त में अच्छी पैदावार मिलती है। इस समय भिंडी के दाम ₹40 से ₹80 प्रति किलो तक मिल सकते हैं। भिंडी को मेड़ों पर लगाएं और बीज की मात्रा ढाई से तीन किलो प्रति एकड़ रखें। बुवाई से पहले पेंडीमेथलीन का छिड़काव करें ताकि खरपतवार न उगें।

भिंडी की अच्छी किस्मों में एडवांटा की राधिका और निजु विड की मार्बल वैरायटी शामिल हैं। इन किस्मों से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

बैंगन की खेती

बैंगन की नर्सरी जून में डालें और जुलाई में इसे खेत में रोप दें। बैंगन को तीन से साढ़े तीन फीट की दूरी पर लगाएं। बाजार में कौन सी किस्म की मांग अधिक है, इसका विश्लेषण करके ही बीज चुनें। बैंगन की फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए नियमित देखभाल करें। अगस्त-सितंबर में बैंगन के दाम ₹30 से ₹50 प्रति किलो तक मिल सकते हैं।

जून में लगाएं ये 10 सब्जी फसलें और पाएं अगस्त-सितंबर में ₹100/kg तक के रेट, जानें पूरी खेती विधि और फायदे

प्याज की खेती

खरीफ सीजन में प्याज की खेती करने से अच्छे दाम मिलते हैं। जून में नर्सरी डालें और 45 दिन बाद पौधों को खेत में रोप दें। प्याज की अच्छी किस्मों में एलोरा, चाइना किंग, प्रशांत का अर्जुन और पंचगंगा का सरदार शामिल हैं। प्याज के दाम इस साल ₹50 से ₹100 प्रति किलो तक रहने की संभावना है।

टमाटर की खेती

टमाटर की नर्सरी जून के अंत तक डालें और जुलाई में इसे खेत में लगाएं। सिंजेंटा की साहू या नामधारी की किस्में इस मौसम के लिए उपयुक्त हैं। टमाटर की फसल को वायरस और फंगस से बचाने के लिए नियमित स्प्रे करें। अगस्त-सितंबर में टमाटर के दाम ₹30 से ₹50 प्रति किलो तक मिल सकते हैं।

बेल वाली फसलें (करेला, खीरा, लौकी, तोरी)

बेल वाली फसलों को जून में लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। करेला, खीरा, लौकी और तोरी को मचान पर चढ़ाकर उगाने से उत्पादन तीन से चार गुना बढ़ जाता है। इन फसलों के दाम अगस्त-सितंबर में ₹20 से ₹50 प्रति किलो तक मिल सकते हैं।

धनिया, मूली और पालक की खेती

धनिया की बुवाई जून के अंतिम सप्ताह में करें। मूली और पालक की खेती भी इसी समय शुरू की जा सकती है। इन फसलों की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है और इन पर खर्च भी कम आता है।

निष्कर्ष

जून में लगाई गई यह सब्जी फसलें न केवल कम समय में तैयार होती हैं, बल्कि बाजार में अच्छे दामों पर बिकती हैं। सही किस्म, उचित देखभाल और समय पर बुवाई करके आप प्रति एकड़ लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

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