Insect Pests of Rice: धान की फसल पर हमला कर रहे ये दुश्मन, जानिए कौन सी दवा और खाद है सबसे असरदार

Insect Pests of Rice: धान की फसल पर हमला कर रहे ये दुश्मन, जानिए कौन सी दवा और खाद है सबसे असरदार

Insect Pests of Rice: धान हमारी प्रमुख फसलों में से एक है, लेकिन इसकी बंपर पैदावार का रास्ता बिल्कुल आसान नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती आती है उन रोगों और कीटों से जो फसल को धीरे-धीरे कमजोर कर देते हैं। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि धान की फसल में कौन-कौन से रोग और कीट लगते हैं, उनकी पहचान कैसे करें और सही समय पर कौन सी दवा या खाद का उपयोग करना चाहिए। खास बात यह है कि धान में अधिकांश रोग 50 से 75 दिन की अवस्था में लगते हैं और यही समय फसल के लिए सबसे नाजुक माना जाता है। अगर इस दौर में फसल को बचा लिया जाए तो किसान भाइयों को बंपर पैदावार मिलना तय है।

फफूंदजनित रोग: शीथ ब्लाइट सबसे खतरनाक

धान में सबसे आम और खतरनाक रोगों में से एक है शीथ ब्लाइट। इसकी शुरुआत पौधे के तने पर पानी की सतह के ठीक ऊपर से होती है। यहां छोटे-छोटे हरे-भूरे धब्बे बनते हैं, जो धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़कर सांप की कचुली जैसे बड़े निशान बना लेते हैं। ज्यादा प्रकोप होने पर पत्तियां सूख जाती हैं और पौधा गिरकर कमजोर हो जाता है। यह रोग नमी, ज्यादा गर्मी और अत्यधिक यूरिया डालने पर तेजी से फैलता है। इसकी रोकथाम के लिए शुरुआती लक्षण पर हेक्साकोनाजोल 5% एससी की 400 मिली मात्रा या एजोक्सीस्ट्रोबिन और डाईफेनोकोनाजोल मिश्रण का 200 मिली प्रति एकड़ छिड़काव बेहद असरदार है।

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Developing rice varieties that are heat and saltwater tolerant and can withstand disease and insect pests is a primary goal of the CRISP rice project. <a href="https://t.co/mxSPotma3H">pic.twitter.com/mxSPotma3H</a></p>— LSU AgCenter (@LSUAgCenter) <a href="https://twitter.com/LSUAgCenter/status/1797985656850784766?ref_src=twsrc%5Etfw">June 4, 2024</a></blockquote><h2 class=राइस स्ट्राइप वायरस: माहू से फैलने वाला रोग

यह एक विषाणुजनित रोग है जिसका सीधा इलाज नहीं है। इसके लक्षण नई पत्तियों पर पीली-सफेद धारियां और पौधे की रुकती हुई बढ़वार से पहचाने जा सकते हैं। पौधा बौना रह जाता है और बालियां खराब हो जाती हैं। इसे फैलाने वाला कीट छोटा भूरा माहू है। इसके नियंत्रण के लिए पाइमेट्रोजन 50% डब्ल्यूजी की 120 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ छिड़काव करनी चाहिए।

पोषण की कमी से होने वाला खैरा रोग

धान में खैरा रोग मिट्टी में जिंक की कमी से होता है। इसमें पत्तियों पर कत्थई धब्बे बनते हैं और पौधा बौना रह जाता है। रोकथाम के लिए 5 किलो जिंक सल्फेट को 2.5 किलो बुझे हुए चूने या 20 किलो यूरिया के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।

धान की फसल के प्रमुख कीट

धान में रोगों के साथ-साथ कई खतरनाक कीट भी नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें तना छेदक सबसे बड़ा शत्रु है, जो कल्ले फूटने पर डेड हार्ट और बालियां निकलने पर वाइट ईयर पैदा करता है। लीफ फोल्डर पत्तियों को मोड़कर हरा पदार्थ खाता है और ब्राउन प्लांट हॉपर रस चूसकर पौधे को सुखा देता है। इसके अलावा बाली काटने वाली सुंडी रात में बालियों की गर्दन काट देती है। इन सबका नियंत्रण कार्ताप हाइड्रोक्लोराइड, फिप्रोनिल, इमामेक्टिन बेंजोएट, क्लोरेंट्रानिलिप्रोल और पाइमेट्रोजन जैसी दवाओं से किया जा सकता है।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

सही पहचान ही सही इलाज

अक्सर किसान भाई धान के रोगों को लेकर भ्रमित हो जाते हैं और गलत दवाओं पर खर्च कर देते हैं। उदाहरण के लिए, अर्ली ब्लाइट और लेट ब्लाइट रोग आलू और टमाटर की फसल में होते हैं, लेकिन किसान इन्हें धान का झुलसा रोग समझ बैठते हैं। सही पहचान ही सही इलाज की पहली सीढ़ी है।

FAQs: Insect Pests of Rice

प्रश्न 1: धान में सबसे ज्यादा रोग कब लगते हैं?

उत्तर: 50 से 75 दिन की अवस्था में जब फसल गभोट और बाली निकलने की तैयारी में होती है।

प्रश्न 2: ब्लास्ट रोग के मुख्य लक्षण क्या हैं?

उत्तर: पत्तियों पर आंख के आकार के धब्बे, तने की गांठ सड़ना और बालियों की गर्दन काली होना।

प्रश्न 3: बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट का इलाज कैसे करें?

उत्तर: स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का मिश्रण प्रति एकड़ छिड़काव करें और यूरिया का प्रयोग बंद करें।

प्रश्न 4: फाल्स स्मट से बचाव कब करना चाहिए?

उत्तर: बालियां निकलने से ठीक पहले गभोट अवस्था में प्रोपीकोनाजोल या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।

प्रश्न 5: धान की फसल में सबसे खतरनाक कीट कौन से हैं?

उत्तर: तना छेदक, पत्ती लपेटक, ब्राउन प्लांट हॉपर और बाली काटने वाली सुंडी।

इसे भी पड़े : एक्सेल मीरा 71 खरपतवार नाशक दवा में उपयोग और फायदे

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment