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अंबाला के दिलप्रीत सिंह की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने झोपड़ी में सीजनल मशरूम की बंपर खेती से की लाखो की कमाई जानिए कैसे

अंबाला के दिलप्रीत सिंह की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने झोपड़ी में सीजनल मशरूम की बंपर खेती से की लाखो की कमाई जानिए कैसे

दिलप्रीत सिंह, हरियाणा के गांव दुराला (जिला अंबाला) से हैं। वे पिछले 4-5 वर्षों से मशरूम की खेती कर रहे हैं। शुरुआत उन्होंने 40-50 बैग से की थी, और अब वे सीजनल झोपड़ी के साथ-साथ पक्के शेड में भी खेती कर रहे हैं।

झोपड़ी में सीजनल मशरूम फार्मिंग की तैयारी कैसे करें?

  • स्थान चयन: सबसे पहले एक खाली जगह की जरूरत होती है।

  • सामग्री: पराली, बांस, रस्सी, तिरपाल।

  • संरचना: साइज रखें — 33 फुट चौड़ाई और 66 फुट लंबाई। साइड ऊंचाई 8-10 फुट, सेंटर ऊंचाई 12-13 फुट।

  • अंधेरा जरूरी: काली तिरपाल धूप और बारिश से सुरक्षा के लिए लगाई जाती है।

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मशरूम फार्मिंग कब और कैसे शुरू करें?

  • शुरुआत का समय: अक्टूबर से फार्मिंग शुरू होती है।

  • सीजन की अवधि: अक्टूबर से फरवरी-मार्च तक (मौसम पर निर्भर)।

  • आदर्श तापमान: शुरुआत में: 20–25 डिग्री सेल्सियस

  • उत्पाद के दौरान: 15–20 डिग्री सेल्सियस

फार्म में रैक और बैग सेटअप कैसे करें?

  • बांस की रैक: 5 फुट की ऊंचाई की 4 रैक बनाई जाती हैं।

  • एक रैक पर: 4 बैग रखे जाते हैं। पूरी झोपड़ी में 40 बैग लगाए जाते हैं।

  • कंपोस्ट और कोकोपीट: कंपोस्ट बैग में बीज होता है, ऊपर डेढ़ इंच कोकोपीट की परत डाली जाती है।

देखभाल कैसे करें?

  • नमी: बैग की नमी हाथ से चेक की जाती है (गोली नहीं बननी चाहिए)।

  • पानी: जरूरत के अनुसार छिड़काव।

  • तापमान और ह्यूमिडिटी: ह्यूमिडिटी 80-90% तक रखी जाती है।

मशरूम उत्पादन और तुड़ाई प्रक्रिया

  • पहली फसल: 30-32 दिन में तैयार।

  • एक बैग से उत्पादन: करीब 3-5 किलो।

  • तुड़ाई: मशरूम को घुमा कर तोड़ा जाता है, फिर जड़ काट कर 200 ग्राम की पैकिंग की जाती है।

कमाई और खर्च का गणित

 

विवरण लागत/आय
सेटअप खर्च ₹1 लाख
बैग व लेबर खर्च ₹2-3 लाख
कुल खर्च ₹4 लाख
कुल आय (80 क्विंटल @ ₹100/kg) ₹8 लाख
शुद्ध मुनाफा ₹4 लाख
बेस्ट सीजन में मुनाफा ₹8–10 लाख तक पहुँच सकता है।

पक्के शेड में मशरूम फार्मिंग का फ्यूचर

अब दिलप्रीत सिंह ने पक्के शेड भी तैयार किए हैं। इससे:

  • पराली और बांस का खर्च कम हो गया है।

  • सालभर उत्पादन संभव हो गया है।

  • लेबर कॉस्ट भी कम हुई है।

संदेश: मशरूम फार्मिंग अपनाएं

दिलप्रीत जी का मानना है कि युवा विदेश जाने की बजाय, पहले मशरूम फार्मिंग जैसी आधुनिक खेती अपनाएं। इसकी ट्रेनिंग लेकर 40-50 बैग से शुरुआत करें, फिर धीरे-धीरे विस्तार करें।

निष्कर्ष

मशरूम की खेती, विशेषकर झोपड़ी में सीजनल फार्मिंग, कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। दिलप्रीत सिंह जैसे किसान इसकी मिसाल हैं। सही मार्गदर्शन, मेहनत और तापमान नियंत्रण से आप भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

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