You are currently viewing मूंग और उड़द की कटाई में इन खास बातों का रखें ध्यान: उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी

मूंग और उड़द की कटाई में इन खास बातों का रखें ध्यान: उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी

कई किसान भाई मूंग और उड़द की कटाई के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। इन फसलों में अब फूलों से फलियां आ चुकी हैं और कुछ जगहों पर फलियां पककर कटाई के लिए तैयार हैं। लेकिन इस अंतिम चरण में की गई छोटी-सी गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है। इसलिए कटाई से पहले की तैयारी और सावधानियों को जानना बेहद जरूरी है, ताकि न केवल पैदावार अच्छी हो बल्कि गुणवत्ता भी बेहतरीन रहे।

सिंचाई कब बंद करें: सही समय जानें

मूंग और उड़द की फसल में दानों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कटाई से लगभग 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। जब 60 से 80% पौधे पीले पड़ने लगें और निचली पत्तियां लगभग 80% सूख जाएं, तो यह संकेत होता है कि अब सिंचाई रोकने का समय आ गया है। इससे जमीन की नमी कम होगी और दानों का पकना बेहतर तरीके से होगा। नतीजतन, दानों में चमक और कठोरता आएगी जो बाजार में बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगी।

मूंग और उड़द की कटाई में इन खास बातों का रखें ध्यान: उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी

शटरिंग की समस्या से कैसे बचें

जब फलियां पूरी तरह पक जाती हैं और तापमान अधिक होता है, तो उनमें फटने की समस्या होती है, जिसे ‘शटरिंग’ कहते हैं। इससे दाने ज़मीन पर गिर जाते हैं और पैदावार घट जाती है। ये दाने अगली फसल के लिए खरपतवार की तरह उग सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए सही समय पर कटाई करना बहुत जरूरी है, खासकर जब तापमान लगातार बढ़ रहा हो।

read also: 2025 में किसानों को मिलेगा ₹1 करोड़ तक का लोन, इस स्कीम से उठाएं पूरा फायदा

कटाई का सही तरीका और मशीन का चयन

जिन किसानों के पास एक एकड़ से कम जमीन है, वे हाथ से कटाई करके मूंग और उड़द को इकट्ठा करें और फिर थ्रेशर मशीन से दाने को अलग करें। एक से पांच एकड़ वाले किसान मिनी हार्वेस्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी। जबकि पांच से पंद्रह एकड़ वाले किसान मिनी कंबाइंड या फुल कंबाइंड हार्वेस्टर से फसल की कटाई करें, जिससे दाना और वेस्ट एकसाथ अलग हो सके और दाने के गिरने की संभावना भी कम हो।

कटाई का समय: सुबह या शाम का रखें ध्यान

गर्मी के मौसम में दोपहर में कटाई न करें, क्योंकि इस समय पौधे अधिक तनाव में होते हैं जिससे शटरिंग की संभावना बढ़ जाती है। कटाई सुबह या फिर शाम को धूप ढलने के बाद करें ताकि फसल को नुकसान न हो।

थ्रेशिंग के बाद दाने का सही तरीके से सुखाना

थ्रेशिंग के बाद दानों को सीधे बोरी में भरकर बेचने की बजाय उन्हें पहले छायादार स्थान पर त्रिपाल बिछाकर सुखाना चाहिए। इससे दानों में मौजूद नमी निकल जाती है और कीट भी मर जाते हैं। सूखने के बाद दानों में अच्छी चमक आती है जिससे उनका बाजार मूल्य बढ़ जाता है।

बाजार में बेचने का सही समय चुनें

फसल तैयार होते ही उसे तुरंत न बेचें। जब सभी किसान एक साथ फसल बेचते हैं तो बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है और दाम गिर जाते हैं। इसलिए बाजार की स्थिति देखकर और मूल्य स्थिर होने पर ही फसल बेचें, ताकि मेहनत का उचित लाभ मिल सके।

निष्कर्ष

किसान भाइयों, मूंग और उड़द की कटाई एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें थोड़ी सी सावधानी से पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ाई जा सकती हैं। सिंचाई बंद करने का सही समय, शटरिंग से बचाव, मशीन का चयन, और कटाई व सुखाने की प्रक्रिया को ध्यान में रखकर आप बेहतर उत्पादन पा सकते हैं और बाजार में अच्छा दाम भी कमा सकते हैं।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Purushottam Bisen

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है

Leave a Reply