Mustard Farming in India: भारत में गेहूं के बाद सबसे अधिक बोई जाने वाली फसल सरसों है, जिसकी खेती देश के 27 राज्यों में होती है। बावजूद इसके, ज्यादातर किसान भाई सरसों की खेती से उतनी कमाई नहीं कर पाते, जितनी वे कर सकते हैं। इस लेख में बताया गया है कि वैज्ञानिक विधि से सरसों की खेती करके किसान भाई किस तरह उत्पादन को दोगुना कर सकते हैं और हर एकड़ से ₹41,000 से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। इस लेख में सरसों की खेती से जुड़ी ए टू ज़ेड जानकारी दी गई है — जैसे सही बीज बुवाई का समय, बीज का चुनाव, खेत की तैयारी, खरपतवार नियंत्रण, खाद प्रबंधन और फसल से होने वाली कुल कमाई।
भारत में सरसों की खेती का बढ़ता दायरा
सरसों को भारत की दूसरी सबसे प्रमुख तिलहन फसल माना जाता है। यह फसल किसानों के लिए रबी सीजन में अतिरिक्त आय का बड़ा स्रोत बन सकती है। लेकिन पारंपरिक तरीके से खेती करने के कारण किसान इसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते। वैज्ञानिक विधि से खेती अपनाने पर उत्पादन में 40% से 60% तक की वृद्धि संभव है।

बीज बुवाई का सही समय
सरसों की बीज बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर महीना है। जो किसान शिक्षित क्षेत्र में खेती करते हैं, वे अक्टूबर के अंत तक बुवाई कर सकते हैं, जबकि अशिक्षित क्षेत्र के किसानों को 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच बीज बो देना चाहिए। समय पर बुवाई करने से पौधों की ग्रोथ बेहतर होती है और उत्पादन अधिक मिलता है।
बीज का सही चुनाव ही सफलता की कुंजी
वैज्ञानिक खेती का पहला नियम है — सही बीज का चुनाव। सरसों की ऐसी वैरायटी का चुनाव करें जो रोग और वायरस के प्रति सहनशील हो, ठंड और पाले को झेल सके, और जिसकी फलियां टूटने की संभावना कम हो। इन सभी गुणों वाली वैरायटी है स्टार एग्री सीड्स की स्टार 10-15। इस बीज से किसानों को उच्च उत्पादन के साथ स्थिर गुणवत्ता भी मिलती है। एक एकड़ के लिए केवल 1 किलो बीज पर्याप्त है।
खेत की तैयारी और बीज बुवाई का तरीका
सरसों की फसल के लिए खेत की अच्छी तैयारी बेहद जरूरी है। एक से दो बार गहरी जुताई करने के बाद रोटावेटर चलाना चाहिए ताकि पुरानी फसल के अवशेष मिट्टी में अच्छे से मिल जाएं। मिट्टी को भुरभुरी और समतल बनाना जरूरी है। बीज की बुवाई छिड़कन विधि से करनी चाहिए, जिससे बीज समान रूप से फैलें और अंकुरण बेहतर हो।
Bihar produces twice the amount of mustard as Punjab. Rajasthan's production dwarfs Punjab's by a massive 90 times.. However, Bollywood, largely dominated by Punjabi origin filmmakers, show mustard fields as a quintessential Punjabi landscape.
— Sanjeev Singh (@sanjeevsinghx) January 4, 2025
This is how film and media can… pic.twitter.com/NuVd4hLLJr
खरपतवार नियंत्रण से बढ़ता है उत्पादन
बीज बुवाई के 48 घंटे के भीतर खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए पेंडामेथिलीन 30% ईसी का उपयोग करना सबसे प्रभावी रहता है। 800 मिली दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ खेत में छिड़कना चाहिए। स्प्रे हमेशा उल्टा चलकर करें ताकि दवा पर पैर न पड़े और उसकी प्रभावशीलता बनी रहे।
खाद प्रबंधन: फसल की जान
सरसों की फसल में खाद का सही प्रबंधन उत्पादन को दोगुना कर सकता है। खेत की तैयारी के समय प्रति एकड़ 50 किलो डीएपी, 35 किलो यूरिया और 25 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश डालें। इसके बाद 25 से 30 दिन की फसल होने पर 35 किलो यूरिया और 6 किलो सल्फर डालना जरूरी है। यह मिश्रण पौधों की ग्रोथ और दाने की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
उत्पादन और कमाई का गणित
यदि किसान भाई स्टार 10-15 वैरायटी लगाते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 से 14 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। भारत सरकार के अनुसार सरसों की एमएसपी ₹5950 प्रति क्विंटल है। औसतन 10 क्विंटल उत्पादन पर किसान को ₹59,500 की आमदनी होती है। जबकि प्रति एकड़ लागत ₹17,850 के करीब आती है। यानी कि किसान को प्रति एकड़ ₹41,650 का शुद्ध मुनाफा होता है।
चार महीने में ₹41,000 का मुनाफा
सरसों की फसल तैयार होने में लगभग 120 से 130 दिन यानी चार महीने का समय लगता है। इस अवधि में किसानों को औसतन ₹10,250 प्रति माह का मुनाफा मिलता है। यानी वैज्ञानिक विधि से की गई सरसों की खेती किसानों को हर महीने स्थायी आय का भरोसा देती है।
क्यों जरूरी है वैज्ञानिक खेती अपनाना
आज भी कई किसान भाई पुराने तरीकों से खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी फसलें मौसम और रोगों से प्रभावित हो जाती हैं। जबकि वैज्ञानिक विधि से की गई खेती में फसल मजबूत होती है, नुकसान कम होता है और उत्पादन दोगुना बढ़ जाता है। अब समय आ गया है कि किसान भाई पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर नई तकनीक अपनाएं ताकि उनकी मेहनत का पूरा फल मिल सके।
FAQs: Mustard Farming in India
प्रश्न 1: सरसों की बुवाई का सही समय क्या है?
उत्तर: सरसों की बीज बुवाई का सबसे उपयुक्त समय 15 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच है।
प्रश्न 2: एक एकड़ में कितना बीज लगता है?
उत्तर: एक एकड़ खेत के लिए लगभग 1 किलो सरसों का बीज पर्याप्त है।
प्रश्न 3: सरसों की फसल से औसत उत्पादन कितना मिलता है?
उत्तर: वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर एक एकड़ से 9 से 14 क्विंटल तक उत्पादन संभव है।
प्रश्न 4: सरसों की फसल से शुद्ध मुनाफा कितना होता है?
उत्तर: प्रति एकड़ औसतन ₹41,000 से अधिक का शुद्ध मुनाफा होता है।
प्रश्न 5: सरसों की फसल में कितना समय लगता है?
उत्तर: सरसों की फसल पूरी तरह तैयार होने में 120 से 130 दिन यानी लगभग चार महीने लगते हैं।
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