Paddy Tiller Problem Solution: आज हम बात करने जा रहे हैं धान की खेती से जुड़ी उस समस्या पर जो इस बार लगभग हर किसान भाई को परेशान कर रही है। जी हां किसान भाइयों, बहुत सारे किसानों ने इस साल बारिश के कारण धान की रोपाई देर से की और अब जब फसल 40 से 50 दिन की हो चुकी है, तो उसमें सबसे बड़ी समस्या दिख रही है कि कले बढ़ ही नहीं रहे हैं। किसान भाई यूरिया डाल चुके हैं, जिंक डाल चुके हैं, फिर भी कले बढ़ने का नाम नहीं ले रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि असली कारण क्या है और अभी कौन से उपाय करने से जल्दी से जल्दी कले आ सकते हैं।
किसान भाइयों कले क्यों नहीं बढ़ते
किसान भाइयों धान की फसल में कले बनने का समय केवल 45 दिन तक रहता है। इस अवधि में ही अगर पौधा को सही पोषण, सही पानी और सही प्रबंधन नहीं मिला तो आगे जाकर कले नहीं बनते। पहला कारण है यूरिया का गलत समय पर इस्तेमाल। बहुत से किसान एक बार में ही यूरिया डाल देते हैं जिससे उसका असर बाद में नहीं रह पाता। असली फायदा तब होता है जब यूरिया को तीन बार स्प्लिट डोज में दिया जाए। दूसरा बड़ा कारण है लगातार भरा हुआ पानी। बारिश की वजह से खेतों में ज्यादा पानी रहने से जड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कले नहीं बढ़ पाते।

वैज्ञानिक तरीके से पानी और खाद का प्रबंधन
किसान भाइयों धान की खेती में अल्टरनेटिव वेटिंग एंड ड्राइंग तकनीक सबसे असरदार है। इसमें खेत में तीन से पांच सेंटीमीटर तक पानी रखा जाता है और फिर पानी सूखने दिया जाता है। इससे जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और कले अच्छे से बढ़ते हैं। साथ ही, ह्यूमिक प्लस फुल्विक एसिड देने से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं और पोषक तत्व जल्दी अवशोषित होते हैं।
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देर से रोपाई और स्पेसिंग की गलती
बहुत सारे किसान भाई इस साल धान की रोपाई लेट कर बैठे। इसका सीधा असर कले की संख्या पर पड़ा क्योंकि पौधे के पास वनस्पति विकास का समय ही कम मिला। इसके अलावा, अधिक घनत्व से रोपाई करने पर पौधों को पोषण और जगह दोनों की कमी हो जाती है जिससे कले नहीं बन पाते।
पोषक तत्वों और कीटों की भूमिका
किसान भाइयों नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तीनों का संतुलित इस्तेमाल जरूरी है। फास्फोरस से जड़ें मजबूत होती हैं, पोटाश पौधे को मजबूती देता है और नाइट्रोजन कले बढ़ाने में मदद करता है। जिंक की कमी भी कले बनने में बड़ी रुकावट है। वहीं तना छेदक और पत्ती लपेटक जैसे कीट अगर शुरुआती अवस्था में आ जाएं तो कले बनने पर भारी असर डालते हैं।
किसान भाइयों के लिए आखिरी सलाह
अगर आपने सभी खाद और तकनीकें इस्तेमाल कर लीं फिर भी कले नहीं बन रहे, तो इसका कारण स्थानीय मौसम और खेत की स्थिति भी हो सकता है। ऐसे में अपने खेत की तस्वीर लेकर किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। सही समय पर सही कदम उठाने से ही धान की फसल में अच्छे कले और भरपूर पैदावार मिल सकती है।
FAQ
प्रश्न: धान की फसल में कले कब तक बनते हैं?
उत्तर: धान की फसल में कले बनने का समय रोपाई के बाद केवल 45 दिन तक रहता है।
प्रश्न: यूरिया कब और कैसे डालना चाहिए?
उत्तर: यूरिया को एक साथ न देकर 3 बार में डालना चाहिए – रोपाई से पहले, 20-25 दिन पर और 40 दिन पर।
प्रश्न: ज्यादा पानी क्यों नुकसान करता है?
उत्तर: खेत में लगातार पानी भरे रहने से जड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे कले नहीं बनते।
प्रश्न: कले बढ़ाने के लिए कौन सा विशेष उपाय असरदार है?
उत्तर: ह्यूमिक प्लस फुल्विक एसिड देने से जड़ें मजबूत होती हैं और पौधा तेजी से पोषक तत्व ले पाता है, जिससे कले बढ़ते हैं।
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किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है