किसान भाइयों, सरसों की प्रसिद्ध हाइब्रिड वैरायटी पायोनियर 45S46 का नया रेट आ चुका है, और इस बार इसके दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़े हुए हैं। इस लेख में हम आपको इस वैरायटी के नए रेट के साथ-साथ इसकी पूरी जानकारी देंगे — जैसे कि इसकी अच्छी और कमजोर बातें, खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, बिजाई का समय, उत्पादन क्षमता, तेल की मात्रा और इससे जुड़ी सावधानियां। अगर आप सरसों की खेती करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद फायदेमंद होगी।
पायनियर सरसों बीज 45s46 कीमत 2025
पायोनियर 45S46 वैरायटी का नया रेट इस बार ₹980 प्रति पैकेट निकला है। खास तौर पर हरियाणा के हिसार और भिवानी जिलों में यह वैरायटी ₹1000 प्रति पैकेट आसानी से दुकानों पर उपलब्ध हो जाती है। हालांकि, आपके इलाके में यह रेट क्या है, यह स्थानीय डीलरों या दुकानों से पता करना बेहतर रहेगा। आप अपने एरिया के रेट नीचे कमेंट में जरूर बताएं, ताकि दूसरे किसान भाइयों को भी इसका अंदाजा हो सके।
पायोनियर 45S46 की विशेषताएं
पायोनियर 45S46 वैरायटी मुख्य रूप से मध्यम से भारी मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी जाती है। हल्की मिट्टी में इसकी सफलता उतनी नहीं देखी गई है, जितनी मध्यम या भारी मिट्टी में मिलती है। अगर समय पर इसकी बिजाई की जाए, तो यह बेहतरीन उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इसकी बिजाई का सबसे अच्छा समय 15 से 20 अक्टूबर तक माना जाता है। यदि इस समय के भीतर बिजाई की जाए, तो फसल ठंड के नुकसान से बच सकती है।
इसकी ऊंचाई सामान्यतः 160 से 180 सेंटीमीटर तक पहुंचती है और यह लगभग 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है। उत्पादन की बात करें तो यह वैरायटी 12 क्विंटल से लेकर अनुकूल मौसम और अच्छी मिट्टी में 15 क्विंटल प्रति एकड़ तक की उपज दे सकती है। इसमें तेल की मात्रा भी शानदार है — सामान्यतः 40 से 42 प्रतिशत के बीच पाई जाती है, जिससे यह तेल निकालने के लिए भी बेहतरीन मानी जाती है।
पायोनियर 45S46 की कमजोरियां और सावधानियां
जहां इस वैरायटी में कई खूबियां हैं, वहीं कुछ कमजोरियां भी ध्यान देने लायक हैं। सबसे बड़ी समस्या सर्दी का असर है। जब तापमान बहुत गिरता है या पाला जमता है, तो सबसे पहले इसका असर इस वैरायटी पर दिखाई देता है। किसानों के फीडबैक के अनुसार, इसके मुकाबले दूसरी वैरायटीज़ में सर्दी का असर कम देखा जाता है।
दूसरी कमी यह है कि अगर फसल पकने के बाद समय पर कटाई नहीं की गई, तो इसकी फलियां ज्यादा सूखने लगती हैं और दाने नीचे झड़ने लगते हैं। तेज हवा चलने पर भी यह समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि पकने के बाद ज्यादा देर न करें और समय पर कटाई करें। कंबाइन मशीन से इसकी कटाई संभव नहीं मानी जाती, इसलिए हाथ से कटाई ही एक अच्छा विकल्प है।
तीसरी कमी, जो हाल ही में किसानों द्वारा बताई गई है, वह है तना गलन रोग। कई जगहों पर यह समस्या देखने को मिली है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसलिए इसके प्रबंधन पर भी खास ध्यान देने की जरूरत है।
अन्य वैरायटीज़ से तुलना
अगर तुलना करें रिसर्च वैरायटी RH-725 से, तो उसका रेट इस समय ₹1020 प्रति किलोग्राम पैकेट के आसपास चल रहा है। RH-725 एक रिसर्च वैरायटी है, जबकि पायोनियर 45S46 एक हाइब्रिड वैरायटी है, और दोनों की खेती के तरीके और उत्पादन क्षमता में अंतर देखने को मिलता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, पायोनियर 45S46 सरसों की वैरायटी उत्पादन और तेल की मात्रा के मामले में किसानों के लिए शानदार विकल्प है, लेकिन सर्दी का प्रकोप और समय पर कटाई न करना इसके नुकसान का कारण बन सकते हैं। अगर किसान भाई इसके बिजाई और कटाई के समय पर विशेष ध्यान दें, तो यह वैरायटी शानदार लाभ दे सकती है। खेती की तैयारी से पहले अपनी मिट्टी, मौसम और अन्य परिस्थितियों का आकलन जरूर करें, ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिल सके।

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