किन्नू की एक्सपोर्ट क्वालिटी बढ़ाने में मददगार बन सकता है झींगा कम्पोस्ट, अब झींगा कम्पोस्ट बनेगी गेम चेंजर?

By Purushottam Bisen

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किन्नू की एक्सपोर्ट क्वालिटी बढ़ाने में मददगार बन सकता है झींगा कम्पोस्ट, अब झींगा कम्पोस्ट बनेगी गेम चेंजर?

किसान साथियों, कैसे हैं आप लोग, आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए हैं, जो न सिर्फ पंजाब के किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के किसान भाइयों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह खबर है झींगा कम्पोस्ट की, जो पंजाब के मशहूर किन्नू की एक्सपोर्ट क्वालिटी को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है। जी हां, किसान साथियों, झींगा पालन से निकलने वाले वेस्ट से तैयार की गई यह खाद न सिर्फ सस्ती है, बल्कि किन्नू जैसे फलों की गुणवत्ता को भी बढ़ा सकती है।

किन्नू की गुणवत्ता में गिरावट, किसानों की चिंता बढ़ी

किसान भाइयों, आप सभी जानते हैं कि पंजाब देश में किन्नू उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है। लेकिन पिछले कुछ समय से किन्नू की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसका रंग और स्वाद बदल गया है, जिससे एक्सपोर्ट मार्केट में इसकी डिमांड कम होती जा रही है। नतीजा यह हुआ कि किसानों को किन्नू का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या को लेकर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) ने भी अपनी रिपोर्ट जारी की है। लेकिन अब झींगा एक्सपर्ट डॉ. मनोज शर्मा ने इसका एक सरल और सस्ता समाधान ढूंढ निकाला है।

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झींगा कम्पोस्ट कैसे बनेगी गेम चेंजर?

किसान साथियों, डॉ. मनोज शर्मा के मुताबिक, झींगा से तैयार की गई खाद सिट्रिक वैराइटी के फलों और सब्जियों के लिए बेहद फायदेमंद है। पंजाब और हरियाणा में झींगा के कई बड़े तालाब हैं, जहां हर साल करीब 10 हजार टन झींगा का उत्पादन होता है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि यहां झींगा प्रोसेसिंग यूनिट और पीलिंग शेड नहीं होने के कारण इसका पूरा फायदा नहीं उठाया जा रहा है। अगर इन सुविधाओं को विकसित किया जाए, तो न सिर्फ झींगा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किन्नू, नींबू और अनार जैसे फलों की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

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किन्नू की एक्सपोर्ट क्वालिटी बढ़ाने में मददगार बन सकता है झींगा कम्पोस्ट, अब झींगा कम्पोस्ट बनेगी गेम चेंजर?

झींगा वेस्ट से कैसे तैयार होगी खाद?

किसान भाइयों, जब झींगा की प्रोसेसिंग होती है, तो उसका करीब 30 फीसदी हिस्सा वेस्ट के रूप में निकलता है। यानी पंजाब और हरियाणा में हर साल करीब 3 हजार टन झींगा वेस्ट निकलता है। इस वेस्ट को अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो इससे 30 हजार टन खाद तैयार की जा सकती है। यह खाद विटामिन सी से भरपूर फलों और सब्जियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है। डॉ. शर्मा के मुताबिक, झींगा कम्पोस्ट का इस्तेमाल करने से किन्नू का रंग, स्वाद और आकार पहले जैसा हो सकता है, जिससे एक्सपोर्ट मार्केट में फिर से इसकी डिमांड बढ़ेगी।

किसानों के लिए नई राह

किसान साथियों, झींगा कम्पोस्ट न सिर्फ किन्नू की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि इससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा। अगर पंजाब और हरियाणा में झींगा प्रोसेसिंग यूनिट और पीलिंग शेड लगाए जाएं, तो यहां के किसानों को दोहरा फायदा मिलेगा। एक तरफ तो उन्हें झींगा उत्पादन से आमदनी होगी, वहीं दूसरी तरफ झींगा कम्पोस्ट से उनके फलों की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

किसान भाइयों, यह नई तकनीक न सिर्फ आपकी मेहनत को नई दिशा देगी, बल्कि आपकी फसलों को भी एक नया जीवन देगी। तो आइए, इस नई पहल को अपनाएं और अपने किन्नू को फिर से एक्सपोर्ट मार्केट में छा जाने का मौका दें। किसान साथियों, आपकी मेहनत और इस नई तकनीक के साथ मिलकर हम एक नई क्रांति ला सकते हैं। जय किसान

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