इन 5 सोयाबीन किस्मों ने दिखाया जलवा, सूखा और बीमारी भी नहीं रोक पाई पैदावार

By Purushottam Bisen

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इन 5 सोयाबीन किस्मों ने दिखाया जलवा, सूखा और बीमारी भी नहीं रोक पाई पैदावार

आज हम बात करेंगे सोयाबीन की उन टॉप 5 वैरायटीज की, जिन्होंने पिछले साल विपरीत मौसम परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन किया। ये किस्में कम रोगों के साथ अच्छी पैदावार देती हैं और सूखा, गर्म हवाएं जैसी परिस्थितियों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं।

1. एनआरसी 142 सोयाबीन वैरायटी

  • वर्ष: 2021

  • विकास संस्थान: इंदौर अनुसंधान संस्थान

  • पौधे की ऊंचाई: 75 सें.मी. (कमबाइन से कटाई योग्य)

  • अनुपयुक्तता क्षेत्र: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक

  • तैयारी अवधि: 95–96 दिन

  • पैदावार: 8–12 क्विंटल प्रति एकड़

  • बीमारियों से सुरक्षा: चारकोल रोट, राइजोक्टोनिया, एरियल विल्ट, एलो मोजेक

  • बीज दर: 28–30 किग्रा प्रति एकड़

  • फूल का रंग: बैंगनी

  • विशेषता: गिरने की समस्या नहीं, यांत्रिक कटाई संभव, रुईदार फली

इन 5 सोयाबीन किस्मों ने दिखाया जलवा, सूखा और बीमारी भी नहीं रोक पाई पैदावार

2. एनआरसी 150 सोयाबीन वैरायटी

  • वर्ष: 2022

  • विकास संस्थान: कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर

  • तैयारी अवधि: 90–91 दिन

  • पैदावार: 10–13 क्विंटल (बेड विधि में 15+ क्विंटल संभव)

  • बीज दर: 28–35 किग्रा प्रति एकड़

  • फूल का रंग: सफेद

  • फैली हुई कैनोपी: अच्छी हवा और रोशनी के लिए

  • अनुशंसित क्षेत्र: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र

  • विशेषता: कम मोजेक वायरस, फलियां ऊपरी हिस्से में, मजबूत तना

3. जेएस 2172 सोयाबीन वैरायटी

  • तैयारी अवधि: 95 दिन

  • पैदावार: 8–13 क्विंटल प्रति एकड़

  • बीज दर: 32–35 किग्रा प्रति एकड़

  • बीमारियों से सुरक्षा: एलो मोजेक, चारकोल रोट, राइजोक्टोनिया

  • फूल का रंग: सफेद

  • अनुशंसित क्षेत्र: एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, यूपी

  • विशेषता: सूखा सहनशील, मजबूत तना, गिरने की समस्या नहीं, कम रोग

4. एमएयूएस 612 सोयाबीन वैरायटी

  • वर्ष: 2016

  • विकास संस्थान: बसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी

  • तैयारी अवधि: 93–95 दिन

  • पैदावार: 12–14 क्विंटल प्रति एकड़

  • बीज दर: 30 किग्रा प्रति एकड़

  • फूल का रंग: गुलाबी

  • पत्तियां: मीडियम गोल, लंबे समय तक ग्रीन टोन

  • विशेषता: चिकनी फलियां, तीन दाने, कुछ चार दाने वाली भी

5. एनआरसी 165 सोयाबीन वैरायटी

  • तैयारी अवधि: 90 दिन

  • पैदावार: 8–11 क्विंटल प्रति एकड़

  • बीज दर: 30 किग्रा प्रति एकड़

  • पत्तियां: लंबे और नुकीले

  • फूल का रंग: बैंगनी

  • अनुशंसित क्षेत्र: मध्यप्रदेश (विदर्भ, मराठवाड़ा, बुंदेलखंड), राजस्थान, गुजरात

  • विशेषता: तना मक्खी, फफूंदजनित बीमारियों से सहनशील, गहराई तक वेंटिलेशन

महत्वपूर्ण सुझाव

  • नई वैरायटी का ट्रायल:
    सीधे पूरी जमीन पर नई वैरायटी लगाने के बजाय पहले 1-2 एकड़ पर ट्रायल लें।

  • बेड विधि का उपयोग करें:
    इससे अधिक पैदावार और जल निकासी अच्छी रहती है।

  • लाइन से लाइन दूरी:
    16 से 18 इंच और पौधे से पौधे की दूरी 5–7 सेमी रखें।

निष्कर्ष

ऊपर बताई गईं सोयाबीन की किस्में विपरीत परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करती हैं। आप अपनी भूमि और जलवायु के अनुसार इनमें से किसी एक या दो वैरायटी को ट्रायल पर जरूर लगाएं। यदि अनुभव अच्छा हो तो अगले साल बड़े पैमाने पर इन्हें अपनाएं।

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