मूंग की खेती में बीज उपचार (Seed Treatment) करना बेहद महत्वपूर्ण है। यह स्वस्थ अंकुरण (germination) सुनिश्चित करता है, बीजों को रोगों से बचाता है और फसल की हरियाली बनाए रखता है। बीज उपचार से फसल लगभग 30 दिनों तक रोग-मुक्त रहती है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है।
बीज उपचार के फायदे
स्वस्थ और मजबूत अंकुरण
रोग और फफूंदी से सुरक्षा
वायरस-मुक्त फसल
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
शुरुआती 30 दिन तक बीमारी से सुरक्षा
कुल मिलाकर, बीज उपचार से किसान भाई कम लागत में बेहतरीन रिजल्ट पा सकते हैं।
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कब और कैसे करें बीज उपचार?
कब करें:
बुवाई से ठीक पहले बीज उपचार करें।कैसे करें:
दवा को पानी में मिलाकर हल्का स्प्रे करें या बीजों पर छींटे मारें।
बीजों को अच्छे से मिलाएं ताकि सभी बीजों पर दवा की परत चढ़ जाए।
बीजों को छाँव में 35–40 मिनट तक सूखने दें।
सूखने के बाद बुवाई करें।
सबसे असरदार बीज उपचार दवाइयाँ
यूपीएल कंपनी की “इलेक्ट्रॉन”
सामग्री (टेक्निकल):
एजोक्सी स्ट्रोबिन
थायोफेनड मिथाइल (11.25%)
थायोमेथॉम (25% इंसेक्टिसाइड)
खुराक:
1 किलो बीज के लिए 3 ml इलेक्ट्रॉन
सिजेंटा कंपनी की “वाइब्रेंट इंटिगर”
सामग्री:
सेडेक्स सेन (12.6%)
जक्सी स्टोबल (3.15%)
थायोमेथॉम (22.6%)
खुराक:
1 किलो बीज के लिए 1.5–2 ml
इन दोनों दवाइयों में फफूंदी-नाशक और कीटनाशक दोनों के गुण होते हैं, जिससे बीज और पौध सुरक्षित रहते हैं।
क्यों ज़रूरी है बीज उपचार?
अपने घर के बीज हो या बाजार से खरीदे गए हाइब्रिड बीज, दोनों को उपचार ज़रूरी है।
मार्केट की बेस्ट वैरायटी भी बीज उपचार के बिना कमजोर हो सकती है।
बिना उपचार के बीज बोने पर मोज़ेक वायरस, जड़ सड़न जैसी बीमारियाँ जल्दी लगती हैं।
खर्च और फायदे का हिसाब
बीज उपचार का खर्च बेहद कम — करीब ₹1 से ₹2 प्रति किलो बीज
एक एकड़ में अधिकतम ₹100–₹200 का खर्च
बिना बीज उपचार के नुकसान लाखों तक हो सकता है, जबकि उपचार से उत्पादन में बड़ा लाभ मिलता है।

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