किसान भाइयों, खेती को अगर सही तकनीक और मेहनत के साथ किया जाए, तो यह सिर्फ रोजी-रोटी का जरिया नहीं, बल्कि करोड़ों की कमाई का साधन भी बन सकती है। झारखंड के रामगढ़ जिले के सरला कला गांव के किसान रचिया महतो ने इस बात को सच कर दिखाया है। उन्होंने इजरायल से आधुनिक खेती की तकनीक सीखी और स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर अपनी तकदीर बदल दी। आज उनकी स्ट्रॉबेरी सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक पहुंच रही है।
किसान साथियों, रचिया महतो पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती अपनाने का फैसला किया। उनका यह फैसला इतना सफल रहा कि अब वे हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। उनके खेत में उगने वाली स्ट्रॉबेरी की मांग रांची से लेकर दुबई तक है।
छोटी सी जमीन, बड़ी कमाई – एक सीजन में लाखों की कमाई!
किसान भाइयों, रचिया महतो ने महज 50 डिसमिल जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी, और आज वे हर महीने 2 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। उनकी खेती को देखकर आसपास के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं और स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बना रहे हैं।
वे बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती से आमदनी सिर्फ दोगुनी नहीं, बल्कि चार गुनी तक हो सकती है। उन्होंने हाल ही में गोला मार्केट में अपनी स्ट्रॉबेरी बेची, जहां से यह दुबई तक एक्सपोर्ट की गई। रांची के व्यापारी उनकी स्ट्रॉबेरी को 275 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं। कल ही उन्होंने करीब 2 क्विंटल स्ट्रॉबेरी बेची, जिससे लाखों रुपये की आमदनी हुई।
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हर दिन हजारों की आमदनी, किसान बने आत्मनिर्भर
किसान साथियों, स्ट्रॉबेरी की खेती से उनकी रोजाना की कमाई भी शानदार हो गई है। वे रोजाना 200 रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में स्ट्रॉबेरी बेच रहे हैं और हर दिन 13,000 से 14,000 रुपये तक कमा रहे हैं। वे कहते हैं, “प्रधानमंत्री मोदी जी ने सपना देखा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो। अगर किसान मेहनत और नई तकनीक से खेती करें, तो आमदनी चार गुनी भी हो सकती है!”
किसान भाइयों, सरकार भी किसानों को मदद देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। उद्यान विकास योजना के तहत इस इलाके के किसानों को 105 स्ट्रॉबेरी के पौधे दिए गए हैं, जिससे और भी किसान अब इस खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
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महिलाएं भी बनीं आत्मनिर्भर, बढ़ रही है खेती की लोकप्रियता
सरला कला गांव में अब सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी स्ट्रॉबेरी की खेती कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। इस खेती से वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं।
किसान भाइयों, गांव की मीणा देवी और सुनीत देवी जैसी महिला किसान रचिया महतो को अपनी प्रेरणा मानती हैं। वे बताती हैं कि “रचिया महतो गोला प्रखंड के उद्यान मित्र भी हैं, उन्होंने हमें स्ट्रॉबेरी और मशरूम की खेती के लिए पौधे उपलब्ध कराए हैं। उनकी वजह से हम अब अच्छी कमाई कर रहे हैं।

मोदी जी से मिला इनाम, इजरायल से सीखी नई तकनीक
किसान साथियों, मेहनत और लगन का फल जरूर मिलता है। रचिया महतो की खेती इतनी सफल रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें सम्मानित किया। गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी जी ने उन्हें 51,000 रुपये का इनाम दिया था।
सिर्फ इतना ही नहीं, वे खेती की नई तकनीक सीखने के लिए इजरायल भी गए थे। वहां उन्होंने आधुनिक बागवानी और स्ट्रॉबेरी उत्पादन की नई तकनीक सीखी, जिसे अब वे अपने गांव और राज्य के अन्य किसानों तक पहुंचा रहे हैं।
प्रशासन भी कर रहा तारीफ, दूसरे किसान भी सीख रहे तकनीक
रामगढ़ जिले के सहायक कृषि तकनीकी अधिकारी अमित कुमार का कहना है कि “मैं पिछले 12 वर्षों से रचिया महतो को जानता हूं। वे न केवल खुद एक सफल किसान हैं, बल्कि दूसरों को भी नई तकनीकों से खेती करना सिखा रहे हैं। वे पूरे राज्य में मशरूम, ब्रोकली और स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं।”
किसान भाइयों, रचिया महतो की मेहनत और लगन से यह साबित हो गया है कि अगर हम नई तकनीकों को अपनाएं और सही दिशा में मेहनत करें, तो खेती से भी करोड़ों की कमाई की जा सकती है। अगर आप भी अपनी खेती से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो स्ट्रॉबेरी जैसी उन्नत फसलों की खेती को अपनाइए और अपने जीवन को बेहतर बनाइए!
तो किसान भाइयों, अब आपकी बारी है! आगे बढ़िए, नई तकनीक अपनाइए और खेती को फायदे का सौदा बनाइए

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है