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ओडिशा के किसानों की ज़िंदगी बदलेगी सरकार और गेट्स फाउंडेशन का ऐतिहासिक समझौता

ओडिशा सरकार और गेट्स फाउंडेशन ने मंगलवार को समझौता किया है, जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित योजनाएं, सटीक कृषि, क्लाइमेट-स्मार्ट इनोवेशन और डेयरी व मत्स्य पालन की उत्पादकता बढ़ाने पर मिलकर काम किया जाएगा। इस साझेदारी का नेतृत्व कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग (DAFE) और मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग (FARDD) करेंगे। भाईयो, यह साझेदारी जलवायु अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक तरीकों से ज़मीनी स्तर पर काम करेगी।

किसानों की जिंदगी में बदलाव की तैयारी

डिप्टी चीफ मिनिस्टर कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि गेट्स फाउंडेशन के साथ यह समझौता ओडिशा में भविष्य की खेती की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है। उन्होंने कहा, “यह हमारे किसानों के लिए ज्ञान, नवाचार और साझेदारी में निवेश करने की सरकार की प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत करता है।” दोस्तों, ये कदम हमारे किसानों की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने का दम रखता है।

ओडिशा के किसानों की ज़िंदगी बदलेगी सरकार और गेट्स फाउंडेशन का ऐतिहासिक समझौता

क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर अलायंस की शुरुआत

भाईयो, इस समझौते के तहत ओडिशा में ‘क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर अलायंस’ की भी शुरुआत की गई है। यह एक ऐसा मंच होगा जो सरकारी एजेंसियों, रिसर्च संस्थानों, स्टार्टअप्स, एनजीओ, किसान संगठनों और निजी क्षेत्र को एक साथ लाकर जलवायु अनुकूल तकनीकों और रणनीतियों को तेजी से अपनाने में मदद करेगा।

रिपोर्ट्स का हुआ विमोचन

दोस्तों, कार्यक्रम में ‘सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (CSTEP)’ की एक रिपोर्ट सीरीज़ भी जारी की गई। इसमें जिला स्तर पर जलवायु जोखिम, संसाधन उपयोग और कृषि से होने वाले उत्सर्जन का आंकलन किया गया है, जिससे जिला स्तरीय क्लाइमेट एक्शन प्लान बनाए जाएंगे। इसके अलावा ‘इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट (IFPRI)’ की एक रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें ओडिशा के राइस फॉलो मैनेजमेंट प्रोग्राम का मूल्यांकन किया गया है। भाईयो, इस रिपोर्ट ने यह साबित किया कि किस तरह परती ज़मीन को उपयोग में लाकर दालों और तिलहन की खेती में ज़मीन की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।

किसानों के लिए सुनहरा अवसर

दोस्तों, ये सारी पहलें मिलकर हमारे किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई हैं। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने में भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इस दौरान ‘ओडिशा एग्रीकल्चर स्टैटिस्टिक्स 2023-24’ भी जारी की गई, जो राज्य की कृषि गतिविधियों का दर्पण मानी जाती है। यह डेटा नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

भाईयो, यह साझेदारी ओडिशा के किसानों के लिए एक नई सुबह लेकर आई है। सरकार और गेट्स फाउंडेशन की ये पहलें न केवल खेती को स्मार्ट बनाएंगी, बल्कि किसानों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएंगी। दोस्तों, आने वाले समय में ओडिशा का नाम देश के अग्रणी कृषि राज्यों में गिना जाएगा।

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Purushottam Bisen

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है

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