2026 की टॉप 5 गेहूं वैरायटी, सबसे ज्यादा उत्पादन वाली कौन सी है?, Top 5 Wheat Varieties in India

2026 की टॉप 5 गेहूं वैरायटी, सबसे ज्यादा उत्पादन वाली कौन सी है?, Top 5 Wheat Varieties in India

Top 5 Wheat Varieties in India : भारत के हर खेत में जब सुनहरी गेहूं की बालियां लहराती हैं, तो किसान की मेहनत मुस्कुराती है। अगर आप भी इस बार गेहूं की सबसे नई और सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली वैरायटी की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में बताया गया है कि 2026 में कौन सी पांच गेहूं की वैरायटियां सबसे ज्यादा उत्पादन दे रही हैं, इन्हें कहां लगाया जा सकता है, कौन सी खाने के लिए सबसे बेहतरीन है और किसका बीज कहां से मिलेगा। साथ ही, लेख में यह भी बताया गया है कि बीज चुनते समय किन पांच बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि फसल का उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़े।

गेहूं की वैरायटी चुनने से पहले ध्यान दें ये 5 बातें

पहला, किसान भाइयों के लिए गेहूं की सही वैरायटी का चुनाव ही असली सफलता की कुंजी है। वैरायटी हमेशा ऐसी होनी चाहिए जो रोग प्रतिरोधक हो और येलो रस्ट, ब्राउन रस्ट, ब्लैक रस्ट या करनाल बंट जैसे रोगों से सुरक्षित रहे। रोग आने पर उत्पादन 30 से 40 प्रतिशत तक घट सकता है और दवाईयों पर खर्च भी बढ़ जाता है।

दूसरा, बहुत लेट वैरायटी का चुनाव न करें, क्योंकि देर से पकने वाली फसल में पक्षियों से नुकसान बढ़ जाता है।

तीसरा, बहुत ऊंची वैरायटी से भी बचें, क्योंकि हवा चलने पर फसल आड़ी हो सकती है और दाने का साइज छोटा रह जाता है।

चौथा, हमेशा अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार वैरायटी चुनें — जो आपके राज्य के लिए वैज्ञानिकों द्वारा रिकमेंड की गई हो

पांचवां, नई वैरायटी लेने से पहले उसकी जानकारी जरूर जुटाएं, ताकि गलती से गलत बीज लेने का पछतावा न हो।

2026 की टॉप 5 गेहूं वैरायटी, सबसे ज्यादा उत्पादन वाली कौन सी है?, Top 5 Wheat Varieties in India

पांचवें नंबर पर — एचआई 1636

अगर आप चपाती बनाने के लिए गेहूं की वैरायटी ढूंढ रहे हैं, तो एचआई 1636 आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। यह मध्यम अवधि की वैरायटी है जो लगभग 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है। इसमें दो से तीन सिंचाई की जरूरत होती है और इसकी ऊंचाई करीब 90 से 95 सेंटीमीटर रहती है। उत्पादन 65 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बताया गया है।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। इसका दाना मोटा जरूर है लेकिन स्वाद में लाजवाब है। यह चपाती और बिस्कुट दोनों के लिए सबसे बेहतर वैरायटी मानी जाती है।

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चौथे नंबर पर — एचआई 1650

साल 2023 में जिसने पूरे देश में तहलका मचाया, वह है एचआई 1650। यह वैरायटी ऑल राउंडर मानी जाती है — उत्पादन, क्वालिटी और कलर के मामले में बेमिसाल। इसकी बालियां लंबी और दाने मोटे, कठोर और चमकीले होते हैं। एक हजार दानों का भार 45 से 50 ग्राम तक होता है, जो उच्च उत्पादन का संकेत है।

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इस वैरायटी का बीज किसानों को केवल विश्वसनीय स्रोत से ही लेना चाहिए — जैसे सरकारी संस्थान या कोऑपरेटिव सोसाइटी। जो किसान गुणवत्तापूर्ण बीज लगाते हैं, उन्हें प्रति एकड़ शानदार उत्पादन मिलता है।

तीसरे नंबर पर — एचडी 3385

एचडी 3385 भी एक बेहतरीन वैरायटी है जिसने किसानों को अपनी स्थिरता और उत्पादन क्षमता से प्रभावित किया है। इसका औसत उत्पादन 75 से 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस वैरायटी को पंजाब, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में लगाया जा सकता है।

मध्य प्रदेश में इसे अभी परीक्षण के रूप में लगाया जा रहा है। इसकी ऊंचाई 95 से 105 सेंटीमीटर होती है। पौधे को मजबूत बनाए रखने और दाने का साइज बढ़ाने के लिए किसान ल्यूसिन का प्रयोग कर सकते हैं, जो ग्रोथ को नियंत्रित कर उत्पादन बढ़ाता है।

दूसरे नंबर पर — श्रीराम 303

श्रीराम 303 को किसानों ने अपनी मेहनत और अनुभव से दूसरे नंबर पर रखा है। यह वैरायटी उत्पादन और क्वालिटी दोनों में उत्कृष्ट है। इसकी फसल लगभग 130 दिनों में तैयार होती है और जिन क्षेत्रों में पर्याप्त पानी उपलब्ध है, वहां यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करती है।

कई किसानों ने इस वैरायटी से 33 क्विंटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन प्राप्त किया है। इसकी बाली लंबी होती है और एक पौधे में 16 से 22 कले तक विकसित होते हैं। यही कारण है कि यह वैरायटी किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है।

पहले नंबर पर — एचआई 8759 (पूसा तेजस / उषा तेजस)

2025 की सबसे सफल और भरोसेमंद वैरायटी है एचआई 8759, जिसे किसान प्यार से पूसा तेजस या उषा तेजस भी कहते हैं। यह वैरायटी पौधे की मजबूती और उत्पादन दोनों में श्रेष्ठ है। इसकी हाइट मध्यम रहती है और आड़ी होने की संभावना लगभग शून्य है।

इसकी बाली बेहद कसी हुई होती है और एक हजार दानों का वजन 50 से 55 ग्राम तक होता है, जिससे इसका उत्पादन बाकी वैरायटियों से अधिक निकलता है। कई किसानों ने इस वैरायटी से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन लिया है।

लेकिन ध्यान रहे, यदि आप बार-बार एक ही बीज का उपयोग करते हैं तो उत्पादन हर साल घटता जाता है। इसलिए हमेशा फाउंडेशन या ब्रीडर सीड ही लगाएं।

गेहूं की खेती में बीज का असली चयन ही सफलता की शुरुआत

कई बार किसान नई वैरायटी के नाम पर बिना जानकारी के बीज ले लेते हैं और बाद में नुकसान उठाते हैं। याद रखें, बीज फसल की आत्मा होता है। सही वैरायटी लगाने से मेहनत का पूरा फल मिलता है और कम लागत में ज्यादा मुनाफा संभव है।
इन टॉप 5 वैरायटियों ने यह साबित किया है कि अगर सही क्षेत्र, सही बीज और सही खेती तकनीक अपनाई जाए, तो किसान भाई गेहूं उत्पादन में नया इतिहास रच सकते हैं।

FAQs

प्रश्न 1: 2025 में सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली गेहूं की वैरायटी कौन सी है?

उत्तर: एचआई 8759 यानी पूसा तेजस 2025 की सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली वैरायटी है।

प्रश्न 2: श्रीराम 303 वैरायटी कहां लगानी चाहिए?

उत्तर: श्रीराम 303 उन इलाकों के लिए उपयुक्त है जहां पर्याप्त सिंचाई की सुविधा हो।

प्रश्न 3: एचआई 1636 का उपयोग किसके लिए बेहतर है?

उत्तर: एचआई 1636 चपाती और बिस्कुट बनाने के लिए सबसे बेहतर वैरायटी है।

प्रश्न 4: फसल में उत्पादन कम क्यों होता है?

उत्तर: बार-बार एक ही बीज का उपयोग करने से बीज की गुणवत्ता घट जाती है, जिससे उत्पादन कम हो जाता है।

प्रश्न 5: बीज कहां से खरीदना चाहिए?

उत्तर: हमेशा बीज सरकारी संस्थान या प्रमाणित कोऑपरेटिव सोसाइटी से ही खरीदना चाहिए।

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