गेंदे की खेती से पाएं 1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा – जानें पूरी गाइड

By Purushottam Bisen

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गेंदे की खेती

गेंदे की खेती (मैरीगोल्ड फार्मिंग) आज के समय में किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली यह फसल खासकर उन किसानों के लिए आदर्श है, जो नवाचार करना चाहते हैं और नई किस्मों को अपनाकर अपनी पैदावार और आय को बढ़ाना चाहते हैं। सही समय पर गेंदे की फसल लगाने, पोषण प्रबंधन करने और रोग नियंत्रण करने से किसान भाई शानदार लाभ कमा सकते हैं।

गेंदे की खेती का सही समय

गेंदे की खेती वर्ष भर की जा सकती है, लेकिन सही समय का चुनाव महत्वपूर्ण है। बारिश के मौसम के लिए जुलाई-अगस्त में पौधारोपण किया जा सकता है। सर्दियों में खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर उपयुक्त रहते हैं और गर्मियों के लिए जनवरी-फरवरी महीनों में गेंदे की खेती की जाती है। मई-जून में भी गेंदे की फसल लगाई जा सकती है, जिससे बाजार में अच्छे दाम मिल सकते हैं। दिवाली से पहले यदि फसल तैयार हो जाती है, तो बाजार में बहुत ऊंचे दाम मिलते हैं, जिससे मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।

खेत की तैयारी और खाद प्रबंधन

खेत की तैयारी करते समय 2-3 ट्रॉली गोबर की खाद, 50 किलो एसएसपी और 20 किलो एमओपी प्रति एकड़ खेत में अच्छी तरह मिला देना चाहिए। इसके बाद खेत में बेड तैयार करें। बेड की चौड़ाई 2.5 से 3 फीट और ऊंचाई लगभग 1 फीट रखें। बेड से बेड की सेंटर से सेंटर दूरी 5.5 फीट रखें। इससे पौधों को पर्याप्त जगह और हवा मिलती है, जिससे उत्पादन अच्छा होता है।

गेंदे की बेहतरीन किस्में

अपने क्षेत्र और बाजार की मांग के अनुसार किस्मों का चयन करें। कुछ प्रमुख किस्मों में इंडस की लिरल येलो, टेनिस बॉल, हाईवेज की सुप्रीम येलो, स्काटा कंपनी की किस्में, नामधारी की स्मार्ट येलो और सिजेंटा की इंड येलो शामिल हैं। ये किस्में अधिक पैदावार और अच्छी गुणवत्ता देती हैं। एक एकड़ में लगभग 12,000 से 13,000 पौधों की जरूरत होती है। बीज खरीदते समय पैक पर अंकित बीज संख्या की जांच जरूर करें।

रोग और कीट प्रबंधन

गेंदे की फसल पर एफिड्स, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, कटवर्म, रेड माइट्स जैसे कीटों का प्रकोप होता है। इनसे बचाव के लिए सही समय पर कीटनाशक और फफूंदनाशी का स्प्रे जरूरी है। रेड माइट्स के लिए ओबेवरॉन या एवासीन, पाउडरी मिल्ड्यू के लिए स्वाधीन या बायर का फुलिकर, लीफ माइनर के लिए प्रोक्लेम या सिजेंटा की बोलियम फ्लेक्सी का प्रयोग करें। एफिड्स और जैसिड्स के लिए उपयुक्त कीटनाशक और कटवर्म के लिए सिजेंटा की एमलीगो या अदामा की फिलोथोरा का इस्तेमाल करें।

कमजोर बढ़वार के लिए कृषि रसायन का सोपार या ह्यूमिसोल का स्प्रे करें। फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए 20 मिली पीजीआर (लोहोशियन या चमत्कार) का 15 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें। सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए सिजेंटा की एकतारा या लेनो इंसेक्टिसाइड का प्रयोग करें। बेल्ट रोकने के लिए एलट और रोको फफूंदनाशी को मृदा और पत्ती दोनों में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रिवेंटिव उपाय के लिए ट्राइकोडर्मा का उपयोग करना फायदेमंद है।

गेंदे की खेती से पाएं 1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा – जानें पूरी गाइड

खाद शेड्यूल और सिंचाई प्रबंधन

खाद का पहला छिड़काव 25-30 दिन में, दूसरा 45-50 दिन में और तीसरा 70-80 दिन में करें। तीसरी खाद के समय यूरिया और सागरिका को मिलाकर उपयोग करें। सिंचाई के लिए टपक विधि अपनाने से पानी की बचत और पौधों की अच्छी वृद्धि होती है। इससे लागत भी कम आती है और उत्पादन बेहतर होता है।

फसल की तुड़ाई और उत्पादन

गेंदे की फसल में पहली तुड़ाई 55-60 दिन में शुरू हो जाती है और इसकी पूरी लाइफ साइकिल 100-120 दिन की होती है। एक एकड़ खेत से 10 से 12 टन तक फूलों की पैदावार आसानी से मिल जाती है। अच्छी देखभाल और प्रबंधन से उत्पादन और बढ़ाया जा सकता है।

लागत और मुनाफा

यदि आप ड्रिप सिंचाई के साथ खेती करते हैं तो एक एकड़ की लागत लगभग ₹40,000 आती है। बाजार में गेंदे का भाव ₹15 प्रति किलो से शुरू होकर ₹60-70 प्रति किलो तक पहुंच सकता है। सभी लागतों को घटाने के बाद एक एकड़ से लगभग ₹1.5 लाख से ₹2 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है। यदि सीजन में रेट बेहतर मिलते हैं, तो मुनाफा 2-3 गुना तक बढ़ सकता है।

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