jaivik kheti kya hai: किसान साथियों आज हम बात करेंगे की जैविक खेती क्या है ,जैविक खेती किसे कहते है जैविक खेती क्यों जरुरी है ,जैविक खेती की सुरुआत कैसे करें और जैविक खेती से होने वाले फायदे क्या क्या है तो आईये जानते है
जैविक खेती क्या है – jaivik kheti kya hai
जैविक खेती यानी जीवो पर आधारित खेती सजीव खेती ,प्राकृतिक खेती ,नेचुरल फार्मिंग ,आर्गेनिक फार्मिंग ,देशी खेती ,गाय आधारित खेती यह सारे सब्द एक दुसरे के आसपास ही घूमते फिरते है जैविक खेती को देशी खेती का आधुनिक तरीका बोल सकते है जिसमे प्रकृति एवं पर्यावरण के बीच में संतुलन बनाये रखते हुए खेती की जाती है इस प्रकार की खेती में रासायनिक खाद कीटनाशक का उपयोग ना करके गोबर की खाद ,कम्पोस्ट ,जीवाणु खाद ,फसल अवशेष ,फसल चक और प्रकृति में उपलब्ध खनिज द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते है
प्रकृति में मौजिद मित्र कीटो ,जीवाणु और जैविक कीटनाशक द्वारा हानिकारक कीटो तथा बीमारियों से बचाया जाता है देश में आज़ादी के समय खेती में पैदावार कम होने से अनाज विदेशो से लाया जाता था लेकिन जनसँख्या में वृधि होने के साथ साथ अनाज की कमी होने लगी ,फिर साल 1967 से देश में हरित क्रांति का दौर चला जिसके बारे में तो आपको पता ही होगा
जैविक खेती किसे कहते है
जैविक खेती यानी येसी खेती जिसमे लम्बे समय तक स्थिर उपज प्राप्त करने एवं भूमि को बंजर होने से बचाए रखने के लिए रासायनिक खाद दवाईयों का प्रयोग ना करते हुए गोबर गौमूत्र एवं जीवांश युक्त यानी जीवाणु आधारित खादों का प्रयोग किया जाता है जिसे मानव पशु स्वस्थ के साथ साथ पर्यावरण और मिटटी की उपजाऊ सक्ती भी बनी रहे येसी खेती को जैविक खेती या आर्गेनिक फार्मिंग कहा जाता है
जैविक खेती के लिए आवश्यक घटक
जैविक खेती के लिए आवश्यक घटक की बात करें तो गोबर और गौ मुत्र जिसमे गोबर की खाद और गोबर गैस की लड़ी के रूप में प्रयोग कर सकते है गोबर खाद के अलावा गोबर गौमूत्र के उपयोग से तरल जिवाम्रत ,घन जिवाम्रत ,बिजाम्रत ,पंचगव्य ,मटका खाद जैसे घटक घर पर तैयार करके और उसके प्रयोग से मिटटी की उर्वरक सक्ती बढाने के साथ साथ उपज में भी वृधि की जा सकती है
vermicompost यानी केचुआ का खाद भी फायदेमंद साबित होता है इसके अलावा कीट नियंत्रक के लिए गौमूत्र और वनस्पतियों की पातियों से भी जैविक कीटनाशक तैयार किया जाता है जैसे की निमास्त्र ,ब्रहास्त्र ,अग्निअस्त्र ,दश्परनी अर्क का प्रयोग हानिकारक कीटो को फसलो से दूर रखता है छाछ और तांबा की मदत से जैविक फफूंदनाशक भी बना सकते है
जैविक खेती से होने वाले फायदे
- मिटटी की उपजाऊ शक्ति में वृध्दि होती है
- पानी की खपत में कमी ,पानी की बचत होती है
- कम लागत में अधिक मुनाफा होता है फसलो की उपज एवं गुणवत्ता में वृध्दि होती है
- जैविक उत्पादको का बाज़ार मूल्य ज्यादा मिलने से किसानो की आय में वृध्दि होती है
- भूमि की जल धारण छमता एवं जल स्तर में वृध्दि होती है
- भूमि-हवा प्रदुषण पर रोक लगती है
- पशुपालन को बढावा मिलता है
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किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है