आज हम आपको बताने वाले है पालक की खेती के बारे में इसकी खेती आप करना चाहते है मात्र 20 से 30 दिनों में कम मेहनत के पालक की अच्छी खासी खेती कर भारी उत्पादन भी प्राप्त कर सकते है |
1 . उपयुक्त मिट्टी ,जलवायु , तापमान :
अगर हम पालक की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ,जलवायु , तापमान की बात करे तो जलवायु में सर्दियों का मौसम उपयुक्त माना जाता है लेकिन बारिश में भी इसकी खेती करेगे तो अच्छा होंगा वैसे तो सभी सीजन में अच्छा उत्पादन देती है
मिट्टी की बात बात करे तो आप किसी भी मिट्टी में कर सकते है लेकिन बलोद दोमट मिट्टी की बात करे तो काफी अच्छी मानी जाती है वही मिट्टी में PH मान की बात करे 6 से 7 के बीच का PH मान होना चाहिये
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तापमान की बात करे तो सामन्य तापमान में इसके पौधे अच्छे से विकास करते है वही बीज अंकुरण के लिए भी तापमान की बात करे तो 20 डिग्री की आवश्यकता होती है बिज के अंकुरित होने के लिए जब बीज अंकुरित हो जाये और पौधे बड़े हो जाये तब इसके विकास के लिए इसके अधिकतम तापमान के लिए 30 डिग्री तापमान न्यूनतम 5 डिग्री की ज़रूरत होती है |
2. उन्नत किस्म
पालक की उन्नत किस्म कि बात करे तो पूसा ज्योति ये किस्म 30 दिन में तैयार हो जाती है इसके पौधे तैयार होने के बाद 7 से 10 बार आप इसकी कटाई कर सकते है प्रति हैक्टेयर के हिसाब से आप 45 टन कि ये पैदावार देंगी
जोबिनेर ग्रीन इस किस्म की वैराइटी की पौधे को उगने के लिए लगभग 40 दिन का समय लगता है इसके निकलने वाले पौधे गहरे हरे रंग के होते है आकार में लम्बी चौड़ी होती है ये पीटीआई हैक्टेयर के हिसाब से 20 टन तक का उत्पादन देती है
इसमें कई अलग अलग वैराइटी इसमें से है ऑस्ट्रेलिया बनजी ,जाइन्ट्स वर्जिनिया ,लाल पत्ती पालक अब आप पालक की खेती कर ही रहे है तो हम आपको बताते है इसकी खेत की तैयारी कैसे करे
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3. खेत की तैयारी
जब तक आप खेत की तैयारी अच्छे से नही करेगे तो इसमें उत्पादन देखने को नही मीलेगा अच्छा उत्पादन के लिए हमे खेत की तैयारी अच्छे से करनी होती है खेत में सबसे पहले 2 से 3 गहरी जुताई करे जिससे अवशेष पदार्थ जो कि अच्छे से नस्त हो जाये उसके बाद खेत को 2 से 3 दिनों के लिए खुला छोड़ देना है
जिससे क्या होंगा की जो भी खरपतवार है वि बिलकुल सुख जायेगे फिर उसके बाद 15 से 17 गाड़ी प्रति हैक्टेयर से प्राकर्तिक खाद ,वर्मी कम्पोस्ट खाद भी डाल सकते है
उसके बाद इसकी सिंचाई कर दे जिससे क्या होंगा की मिट्टी में नमी बनी रहेगी जिससे पौधे की जर्मिनेसन के साथ ही शुरुआती विकास काफी अच्छा ग्रोथ में आयेगा फिर एक बार अच्छे से जुताई करे उसके बाद आपको पालक की बुवाई करनी है रासायनिक खाद के रूप में यूज करना चाहते है तो 40 kg फास्फोरस ,30 kg नाइट्रोजन और 40 kg पोटाश जुताई के समय आपको खेत में छिड़क देना है
पोधे की कटाई के समय आपको दिकत आती है तो आपको करना ये है की उड़िया के लगभग 20 kg को खेत में छिड़क देना है फिर 2 सी 3 कटाई के बाद यूरिया की मात्रा देना है जिससे लम्बे समय तक आप उत्पादन के पाएगे
4. बीज रूपाई
बीज रुपाई का सही तरीका और इसका समय पुरे साल में इसकी आप किसी समय बुवाई कर सकते है किसी भी प्रकार की दिक्कत नही है लेकिन सितम्बर और नवंबर खास माना जाता है ताकि पुरे साल इसकी बुवाई कर सके
5. सिंचाई
पालक के पौधो में अधिक सिंचाई की ज़रूरत होती है क्योंकि इसके बीजो की रुपाई के लिए भूमि को गिला होना जरुरी होता है इसलिए बीज की रूपी के तुरंत बाद उन्हें पानी से आपको सिंचाई करनी चाहिये जैसा की आपको इसकी जानकारी शुरू में दी गई थी , पालक की सिंचाई आपको 5 से 7 दिन के अंतर में करनी चाहिये |
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