किसान भाई आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है टमाटर की तमाम हाइब्रिड किस्मो में से syngenta कंपनी का sahoo 3251 वैरायटी के बारे में जैसे की टमाटर की इस वैरायटी की खेती करने का सही समय क्या है और इसके लिए उपयुक्त मिटटी कौनसी है और पौधा रोपाई , harvesting ,बीज , रोग , नियंत्रण इत्यादि सभी जानकारी आप इस आर्टिकल में जान सकते है
syngenta कंपनी का sahoo 3251 का सही समय क्या है
वैसे तो किसान भाई इस वैरायटी की खेती पुरे साल 12 महीने में कभी भी कर सकते है लेकिन उपयुक्त समय की बात करें तो जुलाई से लेकर फरवरी तक उपयुक्त समय माना गया है इस दौरान आप बीज की नर्सरी तैयार कर पौधा रोपाई करते है तो पौधे से अच्छा खासा उत्पादन ले सकते है

उपयुक्त मिटटी
इस वैरायटी से टमाटर की खेती आप हल्की व भारी दोनों ही तरह की मिटटी में बड़े ही आसानी से कर सकते है पर उपयुक्त मिटटी की बात करें तो जिस भी खेत की मिटटी का ph मान 7 से 8.5 के बीच का हो इसके लिए बहुत ही उपयुक्त मिटटी माना जाता है
harvesting
पौधे रोपाई के 65 से 70 दिनों के बीच में पहली harvesting शुरु हो जाती है और यह harvesting लगभग 6 से 7 महीने तक लगातार चलते रहती है जो की आपकी देख रेख पर निर्भर करता है की इस वैरायटी से आप कितने समय तक लगातार उत्पादन ले सकते है
फल का कलर, आकार व वजन
पकने से पहले हल्का हरा और पकने के बाद गहरा लाल होता है और इसका आकार अर्ध गोलाकार यानी चपता गोल होता है व वजन प्रति फल का 80 से 90 ग्राम के बीच में होता है जो देखने में काफी ज्यादा आक्रसित लगता है और यही कारण है की इस वैरायटी की फसल अन्य वैरायटी की फसल की तुलना में जल्दी और अच्छे दामो में बिक जाती है
प्रति एकड़ बीज दर
1 एकड़ खेत में पौधा रोपाई के लिए 50 से 60 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है
पौधा रोपाई
पौधे से पौधे की दुरी 1.5 से 2 फीट और लाइन से लाइन की दुरी 3 से 3.5 फीट रखना चाहिए और तार बास की सहायता से पौधे की बधाई करते है तो पौधे की लम्बाई 5 फीट से लेकर 5.5 फीट रहती है
प्रति एकड़ उत्पादन
इस वैरायटी में प्रति एकड़ उत्पादन 35 से 40 टन तक उत्पादन होता है लेकिन यह चीजे कंही न कंही आपकी देख रेख और मैनेजमेंट के ऊपर निर्भर करता है किस वैरायटी से आप प्रति एकड़ उत्पादन लेते है
रोग व नियंत्रण
अगर आप बीज का चुनाव करते समय ही आपको पता चल जाए की टमाटर की इस वैरायटी में कौन कौन से रोग लगते है और कौन कौन सी समस्या आती है और पहले से ही उसका समाधान निकाल लेते है तो आप अपनी फसल से बेहतर उत्पादन ही नहीं बल्कि उस उत्पादन का बहुत ही जबरदस्त मंडी भाव ले सकते है
इस वैरायटी में लेट लाइट , अर्ली लाइट और लीफ कर्ल वायरस जैसे फंगस आदि रोग लगते है जिनका यदि समय पर नियंत्रण कर लेते है तो आप अपनी फसल से अच्छा उत्पादन ले सकते है
syngenta कंपनी का sahoo 3251 वैरायटी की खेती भारत में किन किन राज्यों में सफलतापूर्वक खेती कर सकते है
अगर आप उत्तर प्रदेश , हरयान , पंजाब , बिहार , राजस्थान , कर्णाटक , तमिलनाडु, मध्य प्रदेश मतलब भारत के सभी राज्यों में इस वैरायटी की खेती कर सकते है और अच्छा उत्पादन ले सकते है
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