कृषि के क्षेत्र में आए दिन नए नए खोज होते रहते है। आज हर कोई परंपरागत तरीके से ऊपर उठ कर नए और वैज्ञानिक तरीको को अपनाने में लगा हुआ है। आज किसान विज्ञान के रास्ते पर चलकर अच्छा उपज कर पा रहा है। ऐसा ही वैज्ञानिक कृषि का एक प्रकार है, vertical farming. यह एक बेहतरीन और मुनाफे से भरा कृषि का आधुनिक प्रकार है।
आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में जानने वाले है। हम इस आर्टिकल के माध्यम से Vertical Farming क्या है और इसे कैसे करें यह जानेंगे। तो आईए इस कड़ी में सबसे पहले जान लेते है की Vertical Farming क्या है।
Vertical Farming क्या है और कैसे करें
जैसा की नाम से ही आप जान गए होंगे की यह एक तरह का vertical Farming method है। इसका मतलब है की फसल को वर्टिकली उगाया जाता है। एक के ऊपर एक, इसके लिए रैक इत्यादि का यूज किया जाता है। इसके लिए अलग से एनवायरनमेंट का भी इंतजाम किया जाता है। इसके अंदर नियंत्रित वातावरण में पौधो को उगाया जाता है।
इसके कई फायदे है जैसे की आप कम जगह में ज्यादा पौधो को उगा पाएंगे और दूसरा फायदा यह है की आपको मौसम और बाकी चीजों पर निर्भर नही रहना होगा। खराब मौसम इसके फसलों को प्रभावित नही करेंगी। आईए अब आपको हम इसके प्रकार के बारे में बताते है।
Vertical farming के प्रकार
आज पूरी दुनिया में Vertical farming के विभिन्न तकनीको का प्रयोग हो रहा है। इसके माध्यम से खेती की जा रही है। Vertical Farming के कई प्रकार है। इनमे से कुछ मुख्य प्रकारों को आज हम इस आर्टिकल में विशेष रूप से देखेंगे। यह कुछ इस प्रकार है:
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक (Hydroponics technique)
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक एक ऐसा vertical farming का तरीका है जहां मिट्टी की जगह पानी का प्रयोग करके खेती किया जाता है। पौधो की जड़ों को पानी में डुबो दिया जाता है और पानी में ही पौधे के जरूरत का सारा पोषक तत्व मिला दिया जाता है। इसके मदद से मिट्टी रहित खेती किया जाता है। इसके मदद से बेहद कम पानी के उपयोग से खेती किया जा रहा है। इस तकनीक से काफी अच्छा फसल उगाया जा सकता है।
एक्वापोनिक्स तकनीक (Aquaponics Techniques)
देखने में यह हाइड्रोपोनिक्स जैसा ही लग सकता है लेकिन इसमें पौधों की जड़ों को एक closed water system के ऊपर सेट किया जाता है और इससे नीचे में मछलियां होती है। इससे पौधो को जरूरी तत्व भी मिल जाते है। यह एक cycle की तरह काम करता है। मछलियों से पौधो को co2 मिल जाता है और यह चक्र चलता रहता है।
एरोपोनिक्स तकनीक (Aeroponics Techniques)
एरोपोनिक्स तकनीक में पौधे के जड़ों को पानी में नहीं मिट्टी में भी नहीं बल्कि हवा में ही एक बंद डब्बे में रख दिया जाता है। इसमें पौधों को जरूरत के अनुसार सभी पोषक तत्व हवा के माध्यम से ही इनके जड़ों तक पहुंचा दिया जाता है। इससे पान, मिट्टी जैसे चीजों का भी उपयोग नही किया जाता। इससे काफी सारा पानी भी बचा जाता है।
Vertical farming technology
Vertical farming एक आधुनिक फार्मिंग मैथड है। इसमें हर चीज को आर्टिफिशियली include किया जाता है। इसकी शुरुआत बीज के रोपण से होता है। इसके बाद मीडियम का चयन किया जाता है। जैसा की हमने आपको ऊपर में बताया है कि पौधों को Vertical farming में मिट्टी की जगह पानी, हवा और भी कई तरीकों से उगाया जा सकता है।
इसके बाद टेंपरेचर, लाइट सब कुछ आर्टिफिशियली पौधो को पहुंचाया जाता है। यह सब कुछ वैज्ञानिक तरीको से किया जाता है। पौधो के जरूरत का हर चीज उन्हे पहुंचाया जाता है, इसके बाद ही पौधे तैयार होते है। इसमें कई तरह के एलईडी का उपयोग किया जाता है हो पौधो को जल्दी और अच्छे से उगने में मदद करते है।
Vertical Farming के फायदे
Vertical Farming को भविष्य का खेती भी कहा जाता है। आने वाले समय में जैसे जैसे आबादी बढ़ रही है और खेती के जमीन मे कमी आ रही है उस हिसाब से परंपरागत खेती उपयोगी सिद्ध नहीं हो सकती, इसलिए इसे आज काफी प्रोमोट भी किया जा रहा है। और पूरी दुनिया में अपनाया जा रहा है। आईए इसके कुछ फायदों पर नजर डालते है।
Vertical Farming से बेहद कम जगह में अधिक से अधिक फसल उगाई जा सकती हैं।
इसके मदद से आप सीजनल वेजिटेबल्स और फ्रूट्स को भी सालों सालों उगा सकते हैं जो की ट्रेडिशनल खेती में मुमकिन नहीं होता।
इसके लिए आपको बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए इसका प्रयोग किसी भी जगह किया जा सकता है। और इससे पानी भी बचाया जा सकता है।
चुकी vertical farming एक नियंत्रित एनवायरनमेंट में किया जाता है इसलिए बदलते मौसम और अन्य मौसमी बदलाव में भी इसे कोई फर्क नहीं परता।
Vertical Farming के नुकसान
जैसा कि आप जानते ही है कि हर चीज के साथ उसके फायदे और नुकसान दोनों जुड़े हुए होते हैं। Vertical Farming के भी कई नुकसान है। हालांकि फायदों के अनुसार इसकी तुलना की जाए तो यह बहुत कम है। लेकिन हमें किसी भी चीज के फायदों के साथ-साथ उसके नुकसान को भी जानना चाहिए। तो आईए Vertical Farming के नुकसान को जानते हैं।
Vertical Farming का सेटअप करना और इसके मदद से खेती करना काफी महंगा होता है। इसके साथ ही इसके लिए स्किल्स की भी आवश्यकता होती है।
इसमें आप लिमिटेड पौधो की ही उगा सकते है। चुकी इसको वर्टिकली उगाना होता है और इसमें काफी कम जगह होता है।
इसके रख रखाव में काफी अधिक एहतियात बरतना होता है। इसमें आपको हवा, पानी, temperature सब कुछ देखना होता है।
परंपरागत तरीको के इतर इसमें आपको स्किल की आवश्यकता होती है तब ही आप इसे शुरू कर सकते है। बिना स्किल और जानकारी के इसी शुरू नही किया जा सकता।
भारत में Vertical farming का भविष्य
जैसे जैसे दुनिया की आबादी बढ़ रही है वैसे-वैसे वर्टिकल फार्मिंग पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है। क्योंकि इसमें बेहद कम जगह में अधिक फसलों को उगाया जा सकता है और इसके लिए अधिक जमीन की भी आवश्यकता नही होती। भारत भी इस क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। और ऐसा माना जा रहा है की आने वाले साल में यह 20 से 25 प्रतिशत के ग्रोथ रेट के साथ बढ़ेगा। आज सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है और इस दिशा में कदम उठा रही है। भारत शुरू से ही कृषि प्रधान देश रहा है और भविष्य में भी यह Vertical farming में के क्षेत्र में कृषि प्रधान बन सकता है।
Conclusion
दोस्तों, अब तक तो आप वर्टिकल फार्मिंग को भली-भांति समझ ही गए होंगे। हमने इस आर्टिकल में पूरी कोशिश की है कि आप को इसे अच्छे से समझा सके। हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपके Vertical Farming के बारे में बताया है। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं। आप अपने सवाल भी कॉमेंट करके पूछ सकते है। हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे। मिलते हैं फिर एक नए आर्टिकल के साथ तब तक आप बने रहे हमारे वेबसाइट के साथ और हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ना न भूले।
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