कई किसान भाइयों ने गर्मियों में मूंग और उड़द की फसल लगाई है, लेकिन उन्हें दो प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है – या तो फसल में फूल ही नहीं आ रहे हैं, या फिर आए हुए फूल झड़कर सूख रहे हैं। यह समस्या विशेष रूप से गर्मी के मौसम में देखने को मिलती है। इस लेख में हम इन समस्याओं के मुख्य कारणों और उनके प्रभावी समाधानों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
फसल में फूल न आने के प्रमुख कारण
1. अपर्याप्त सिंचाई प्रबंधन
गर्मी के मौसम में मूंग और उड़द की फसल में फूल न आने का सबसे प्रमुख कारण है – अनियमित या अपर्याप्त सिंचाई। जब मिट्टी में पर्याप्त नमी नहीं रहती, तो पौधे का विकास रुक जाता है। नमी की कमी से पौधे पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाते, जिसके परिणामस्वरूप फूलों का निर्माण नहीं होता। गर्मियों में 35-40°C तापमान में मिट्टी तेजी से सूखती है, इसलिए नियमित अंतराल पर सिंचाई करना अत्यंत आवश्यक है।
2. पीला मोज़ेक वायरस (Yellow Mosaic Virus) का प्रकोप
यह वायरल रोग सफेद मक्खी (Whitefly) द्वारा फैलता है। संक्रमित पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है। परिणामस्वरूप पौधे को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती और फूल नहीं आते। यह समस्या शुरुआती अवस्था में ही नियंत्रित न की जाए तो पूरी फसल को नुकसान पहुँचा सकती है।
फूल झड़ने के प्रमुख कारण
1. मिट्टी में नमी की कमी
गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण मिट्टी से नमी तेजी से वाष्पित हो जाती है। जब फूल आने के बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी नहीं रहती, तो फूल झड़ने लगते हैं। फूलों से फलियाँ बनने की प्रक्रिया के लिए नमी का बने रहना आवश्यक है।
2. उच्च तापमान का तनाव
35-40°C से अधिक तापमान पौधों के लिए तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर देता है। इस तापीय तनाव के कारण पौधे अपने फूलों को बनाए नहीं रख पाते और वे झड़ जाते हैं। तापमान नियंत्रण तो संभव नहीं, लेकिन नमी बनाए रखकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
समस्याओं का समाधान और प्रबंधन
1. उचित सिंचाई प्रबंधन
फूल आने से पहले और फूल आने के दौरान नियमित अंतराल पर सिंचाई करें। मिट्टी में नमी का स्तर बनाए रखने के लिए हल्की लेकिन बार-बार सिंचाई करना बेहतर होता है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली इसके लिए आदर्श है।
2. पीला मोज़ेक वायरस का नियंत्रण
सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए पायरॉन (500 मिली/एकड़) का छिड़काव करें। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कात्यायनी एंटीवायरस (250 मिली/एकड़) का प्रयोग करें। यह बायोप्लांट एक्सट्रैक्ट से बना वायरस नाशक है जो वायरस के प्रसार को रोकता है।
3. फूल झड़ने की रोकथाम के उपाय
फूल आने की अवस्था में ऑर्थोसिलिसिक एसिड युक्त केआर स्प्रे (2 मिली/लीटर पानी) का प्रयोग करें। यह पत्तियों पर एक सुरक्षात्मक परत बनाकर जलवाष्पीकरण को कम करता है, जिससे पौधे में नमी बनी रहती है और फूल झड़ने की समस्या कम होती है।
4. फूल और फलियों के विकास के लिए पोषण
फूल आने की अवस्था में ब्लूम बूस्टर (100 मिली/एकड़) का छिड़काव करें। इसमें मौजूद होमोब्रासिनोलाइड फूलों की संख्या बढ़ाता है और फूल झड़ने से रोकता है। साथ ही, एनपीके 0:52:34 (200 ग्राम/एकड़) का छिड़काव करने से फलियों का विकास बेहतर होता है और दानों का वजन बढ़ता है।
अतिरिक्त सावधानियाँ
फसल में समय-समय पर कीट निरीक्षण करते रहें।
इल्ली और रसचूसक कीटों के प्रकोप को रोकने के लिए उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें।
खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें क्योंकि ये मिट्टी की नमी को कम करते हैं।
संतुलित उर्वरक प्रबंधन अपनाएँ।
निष्कर्ष
गर्मी के मौसम में मूंग और उड़द की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए उचित सिंचाई प्रबंधन, रोग एवं कीट नियंत्रण, और संतुलित पोषण प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप फूल न आने और झड़ने की समस्या पर काबू पा सकते हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें कि समय पर की गई छोटी-छोटी कार्यवाहियाँ बड़ी समस्याओं को रोक सकती हैं।

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है