भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को हर वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन समान किश्तों में यानी हर चार महीने में ₹2000 की दर से पात्र किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है। अब इस योजना की 20वीं किस्त जारी होने की तैयारी है और इसे 20 जून 2025 के बाद किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
1 दिसंबर 2018 को हुई थी योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान कर कृषि क्षेत्र को मजबूती देना है। योजना के तहत पात्र किसानों को ₹6000 प्रति वर्ष मिलते हैं, जिसे तीन किश्तों में उनके खातों में जमा किया जाता है। हर किश्त ₹2000 की होती है और DBT प्रणाली के माध्यम से सीधे किसानों को हस्तांतरित की जाती है।
ई-केवाईसी अनिवार्य, वेबसाइट से करें स्थिति की जांच
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी (e-KYC) पूरा करना अनिवार्य है। जो किसान ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं, उन्हें अगली किस्त नहीं मिल सकती है। किसान अपनी भुगतान स्थिति की जांच आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं। वेबसाइट पर “बेनिफिशियरी स्टेटस” सेक्शन में जाकर आधार नंबर या बैंक खाता संख्या डालकर “Get Data” पर क्लिक करना होता है, जिससे पता चलता है कि अगली किस्त उनके खाते में आएगी या नहीं।
फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य, 47% किसान अब भी वंचित
इस बार की 20वीं किस्त के लिए फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया गया है। बालाघाट जिले में 5 लाख किसानों के सापेक्ष अब तक केवल 2.62 लाख किसानों ने ही फार्मर रजिस्ट्री कराई है, जो कुल लक्षित संख्या का 53% है। इस कारण करीब 47% किसान अब भी योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं।

जनसेवा केंद्रों और पंचायत स्तर पर चल रहा अभियान
फार्मर रजिस्ट्री करवाने के लिए जिले में 2000 जनसेवा केंद्रों को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर भी किसानों को रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसान चाहें तो Farmer Registry UP मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से स्वयं भी पंजीकरण कर सकते हैं।
योजना से जुड़ी अन्य सुविधाएं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि इसके माध्यम से किसानों को फसल ऋण, फसल बीमा, आपदा राहत और क्षतिपूर्ति जैसी अनेक सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं। इस योजना से लगभग 6 लाख किसानों को लाभ मिलने की संभावना है, बशर्ते वे सभी आवश्यक प्रक्रिया जैसे ई-केवाईसी और फार्मर रजिस्ट्री समय पर पूरी कर लें।
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