धान की उन्नत किस्में : धान की खेती करने से पहले किसानों के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह होती है कि कौन सी किस्म का चयन करें – बासमती, परमल या हाइब्रिड। इस निर्णय को लेते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करना आवश्यक है:
मिलिंग प्रतिशत एक प्रमुख कारक है जो यह निर्धारित करता है कि धान के दाने से कितना सफेद चावल प्राप्त होगा। एक अच्छी किस्म का मिलिंग प्रतिशत 65-75% के बीच होना चाहिए। पकने की अवधि पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आप अगले सीजन में आलू, लहसुन या सरसों की फसल लगाने की योजना बना रहे हैं, तो 105-125 दिन में पकने वाली किस्मों को प्राथमिकता दें। बाजार की मांग को समझना भी आवश्यक है – उत्तरी भारत में बासमती और परमल किस्मों की अधिक मांग है, जबकि मध्य भारत में हाइब्रिड किस्में अधिक लोकप्रिय हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता को जांच लें, विशेषकर बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसे सामान्य रोगों के प्रति उसकी सहनशीलता।
2025 के लिए धान की शीर्ष 5 उन्नत किस्में
1. पूसा बासमती 1121 (PB 1121)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा 2008 में विकसित यह किस्म निर्यात उद्योग में अत्यधिक लोकप्रिय है। इसके दाने की लंबाई 8-9 मिमी होती है और पौधे की ऊँचाई 110-120 सेमी के बीच रहती है। यह किस्म रोपाई के 107 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और प्रति एकड़ 18-20 क्विंटल तक उपज देती है।
2. पूसा बासमती 1718 (PB 1718)
2019 में जारी की गई यह किस्म बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है। इसके पौधे की ऊँचाई लगभग 121 सेमी होती है और तना मजबूत होने के कारण गिरने की समस्या नहीं होती। यह किस्म प्रति एकड़ 20-22 क्विंटल तक उपज देने की क्षमता रखती है।
3. पूसा बासमती 1509 (PB 1509)
यह बासमती सेगमेंट की सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाली किस्म है जो मात्र 105 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। 105-110 सेमी ऊँचे पौधे वाली यह किस्म प्रति एकड़ 22-25 क्विंटल (उन्नत प्रबंधन में 28 क्विंटल तक) उपज देती है। इसके पतले, लंबे और सुगंधित दानों की निर्यात बाजार में भारी मांग है।
4. पूसा परमल 126 (PR 126)
परमल सेगमेंट की यह उत्कृष्ट किस्म मात्र 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे रबी सीजन की फसलों के लिए खेत जल्दी खाली किया जा सकता है। यह बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट के प्रति सहनशील है और प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल तक उपज देती है।
5. पूसा परमल 127 (PR 127)
इस किस्म के पौधे की ऊँचाई मात्र 100 सेमी होती है, जिससे गिरने की समस्या नहीं होती। यह 135-140 दिनों में पकती है और प्रति हेक्टेयर 27-30 क्विंटल तक उत्पादन देती है। उच्च उत्पादन क्षमता के कारण यह किस्म किसानों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है।
किस्म चयन के लिए अंतिम सुझाव
धान की किस्म का चयन करते समय अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता और बाजार की मांग को प्राथमिकता दें। यदि आप निर्यात बाजार को लक्षित कर रहे हैं तो पूसा बासमती 1121 या 1509 का चयन करें। अगर आपको रबी सीजन में खेत जल्दी खाली करना है तो पूसा परमल 126 उपयुक्त रहेगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए पूसा बासमती 1718 सर्वोत्तम विकल्प है। याद रखें, सही किस्म का चयन ही उत्पादन और आय को बढ़ाने की पहली सीढ़ी है।

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