फिलहाल किसानों की रबी की फसल लगभग कटाई के लिए तैयार है। विशेष रूप से धान की फसल, जो कि आने वाले 10 दिनों में पूरी तरह परिपक्व होकर कटाई के लिए तैयार हो जाएगी, अच्छी स्थिति में नजर आ रही है। अब समय है खरीफ 2025 की तैयारी का, जिसमें धान की उच्च उत्पादक और रिसर्च आधारित किस्में चयनित की जानी चाहिए।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए अनुकूल धान की किस्में
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की जलवायु और मिट्टी की प्रकृति लगभग समान है। इसी कारण इन दोनों राज्यों में कुछ खास रिसर्च किस्में बेहद उपयुक्त साबित हुई हैं। वर्ष 2023 और 2024 में इन किस्मों से 30 से 38 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन प्राप्त किया गया था। इसी अनुभव के आधार पर, आने वाले खरीफ सीजन 2025 के लिए हम आपको पांच बेहतरीन किस्मों की जानकारी दे रहे हैं।
इन धान किस्मों का बाजार मूल्य और उपलब्धता
ये सभी किस्में बाजार में सामान्यतः 10 किलोग्राम के पैकेट में उपलब्ध रहती हैं। इनका मूल्य ₹80 से ₹90 प्रति किलोग्राम तक होता है। हालांकि यह कीमत कंपनियों और स्थान के अनुसार थोड़ा-बहुत बदल सकता है।
धान किस्मों की विशेषताएं और सावधानियां
इन किस्मों की हाइट अपेक्षाकृत अधिक होती है, जिससे खेतों में गिरने (लॉजिंग) की समस्या देखी जा सकती है। ऐसे में इन किस्मों को उन खेतों में लगाना उचित रहेगा जहां जलभराव या हवा से नुकसान की संभावना कम हो। सभी किस्में औसतन 140 से 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं और जलभराव की स्थिति को भी सहन करने में सक्षम हैं।
टॉप 5 धान की किस्में 2025
यूएस 6101 – यह किस्म बेहतरीन उत्पादन देने वाली है और पहले से किसानों द्वारा आजमाई जा चुकी है।
पान कंपनी की जमुना 804 – यह भी काफी लोकप्रिय किस्म है जिसका दाना मध्यम और बोल्ड होता है।
कावेरी 0511 – अच्छी लंबाई और अधिक दानों वाली यह किस्म छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त है।
बीबी 1 – यह भी एक सफल किस्म है जिसे विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे परिणाम मिले हैं।
कृषि धन क्राउन – इस किस्म को विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के लिए पसंद किया जाता है।
इन सभी किस्मों की विशेषता है कि इनमें रोगों की आशंका काफी कम होती है, पत्तों और तनों में मजबूती बनी रहती है और उत्पादकता उच्च होती है। हालांकि इनकी हाइट लगभग 105 से 110 सेंटीमीटर तक होती है, इसलिए गिरने की समस्या बनी रहती है, जिसका समाधान खेत की तैयारी और समय पर नियंत्रण उपायों से किया जा सकता है।
धान के दानों की बनावट और पकने की अवधि
इन किस्मों के दाने मध्यम आकार के और बोल्ड होते हैं। सभी किस्में औसतन 140 से 145 दिनों में पक जाती हैं। यह अवधि बरसात के मौसम के अनुसार उपयुक्त मानी जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से किसान कम जोखिम में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
कृषक अनुभव और सुझाव
जो किसान पहले से इन किस्मों को लगा चुके हैं, वे कमेंट के माध्यम से अपने अनुभव साझा कर सकते हैं। इससे नए किसानों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। यदि आपने भी इनमें से किसी किस्म का उपयोग कर अच्छा उत्पादन लिया है, तो कृपया कमेंट करके बताएं।

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