छत्तीसगढ़ की बेटी स्मारिका चंद्राकर: MBA के बाद खेती में रचा इतिहास

By Chhotan Ray

Published on:

स्मारिका चंद्राकर

छत्तीसगढ़ की धरती कृषि के लिए अनुकूल है, और यहाँ के किसानों की मेहनत देशभर में मिसाल बनती जा रही है। इसी कड़ी में आज हम धमतरी जिले के कुरुद तहसील स्थित धारा कृषि फार्म की सफलता की कहानी लेकर आए हैं। इस फार्म को संचालित करने वाली स्मारिका चंद्राकर एक पढ़ी-लिखी महिला किसान हैं, जिन्होंने एमबीए करने के बाद नौकरी छोड़कर खेती को अपनाया। आइए, जानते हैं कि कैसे उन्होंने सब्जियों की खेती को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में स्थापित किया और आसपास के लोगों को रोजगार दिया।

स्मारिका चंद्राकर का सफर

स्मारिका चंद्राकर ने पुणे के एमआईटी कॉलेज से एमबीए किया और सेल्स एवं मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरी की। हालांकि, उनका मन हमेशा से गाँव और खेती की ओर था। कुछ सालों तक हेल्थ सेक्टर में काम करने के बाद, उन्होंने खेती को अपना पूर्णकालिक व्यवसाय बनाने का निर्णय लिया। उनके पिता और भाई भी इस काम में उनका साथ देते हैं, और साथ मिलकर उन्होंने धारा कृषि फार्म को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

फार्म का विवरण

धारा कृषि फार्म 20 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 13 एकड़ में टमाटर की खेती की जाती है। इसके अलावा, यहाँ बैंगन, लौकी, खीरा और मिर्च जैसी सब्जियाँ भी उगाई जाती हैं। फार्म पर 70 से 100 लोगों को रोजगार मिलता है, जिससे स्थानीय लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

टमाटर की उन्नत खेती

स्मारिका ने सिजेंटा कंपनी के साहो वैरायटी के टमाटर की खेती शुरू की, जिससे उन्हें उत्पादन में भारी सफलता मिली। उनके फार्म पर टमाटर की खेती के लिए निम्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

उत्पादन और आय

स्मारिका ने बताया कि पहले साल उन्हें 40 टन प्रति एकड़ उत्पादन मिला, लेकिन दूसरे साल उन्होंने 105 टन प्रति एकड़ का रिकॉर्ड बनाया। इससे साबित होता है कि सही तकनीक और मेहनत से उत्पादन कई गुना बढ़ाया जा सकता है।

लागत और मुनाफा:

मार्केटिंग और बिक्री

टमाटर एक नाजुक फसल है, जिसे तुरंत बेचना जरूरी होता है। स्मारिका ने बताया कि वे ब्रोकर्स के माध्यम से अपना माल कोलकाता, गुवाहाटी, पटना और दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में भेजती हैं। साथ ही, छोटे आकार के टमाटर स्थानीय मंडियों में बेचे जाते हैं।

युवाओं के लिए संदेश

स्मारिका का मानना है कि आज की युवा पीढ़ी खेती को छोटा काम समझती है, लेकिन वास्तव में यह एक लाभदायक और सम्मानजनक व्यवसाय है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे खेती को एक बिजनेस की तरह लें और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके इसे और अधिक फायदेमंद बनाएँ।

निष्कर्ष

धारा कृषि फार्म की सफलता की कहानी साबित करती है कि मेहनत, सही योजना और आधुनिक तकनीक के साथ खेती एक फायदेमंद व्यवसाय बन सकती है। स्मारिका चंद्राकर जैसी महिला किसानों के प्रयासों से न केवल कृषि क्षेत्र को बल मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment