इस लेख में हम केले की खेती का एक विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं। इसमें हम जानेंगे कि केले की खेती के लिए कितनी लागत आती है, कितना उत्पादन होता है, फसल तैयार होने में कितना समय लगता है, कितनी आमदनी होती है और कुल मुनाफा कितना निकलता है। यह लेख खासतौर पर ‘नान’ वैरायटी पर आधारित है क्योंकि भारत में कुल केले के उत्पादन का लगभग 90% हिस्सा इसी किस्म से आता है।
केले की खेती में लागत का विश्लेषण
केले की बुवाई दो तरीकों से की जा सकती है — पहला, टिशू कल्चर क्लिप से पौधे खरीदकर, और दूसरा, पारंपरिक रूप से पौधों के कंद (सकर) से।
अगर आप टिशू कल्चर प्लांट्स से पौधारोपण करते हैं तो एक पौधे की कीमत लगभग ₹15 आती है। जब हम पौधे-पौधे के बीच 5 फीट और पंक्ति-पंक्ति के बीच 7 फीट की दूरी रखकर पौधारोपण करते हैं, तो एक एकड़ में लगभग 1250 पौधे लगते हैं। इस प्रकार पौधों की लागत ₹18,750 आती है।
वहीं, अगर आप पारंपरिक कंद विधि से पौधे तैयार करते हैं तो एक पौधा ₹10 का पड़ता है और कुल पौधारोपण लागत ₹12,500 होती है।
इसके अलावा खेत की तैयारी, देसी खाद, जिप्सम, तीन बार फर्टिलाइज़र, कीटनाशक, मजदूरी, और ड्रिप इरिगेशन आदि को मिलाकर कुल लागत लगभग ₹75,450 आती है। इस लागत में हार्वेस्टिंग और ट्रांसपोर्ट खर्च शामिल नहीं है क्योंकि अधिकांश व्यापारी खेत से ही माल खरीद लेते हैं।

केले की खेती में उत्पादन क्षमता
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन थोड़ा बहुत अलग हो सकता है, लेकिन एक औसत किसान के लिए एक पौधे से 25 किलो उत्पादन सामान्य माना जाता है। इस गणना के आधार पर, 1250 पौधों से कुल 31,250 किलो यानी लगभग 300 क्विंटल केले का उत्पादन होता है।
पहली बार खेती कर रहे किसानों को उत्पादन थोड़ा कम भी मिल सकता है क्योंकि अनुभव और फसल प्रबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
केले की फसल का समय चक्र
केले की फसल की बुवाई का आदर्श समय अगस्त से सितंबर के बीच होता है। फसल तैयार होने की अवधि क्षेत्रीय जलवायु पर निर्भर करती है। जैसे दक्षिण भारत में 9 महीने, मध्य भारत में 10 महीने, पूर्वी और पश्चिमी भारत में 11 से 12 महीने, और उत्तर भारत में 13 से 15 महीने लगते हैं।
केले की खेती से होने वाली आमदनी
बाजार में व्यापारी आमतौर पर ₹10 से ₹15 प्रति किलो के दर से केले की खरीद करते हैं। अधिकतर किसानों को ₹10 प्रति किलो की दर मिलती है। यदि हम 300 क्विंटल उत्पादन और ₹10 प्रति किलो की दर मानें, तो कुल आमदनी ₹3,00,000 होती है।
प्रॉफिट और प्रॉफिट परसेंटेज का मूल्यांकन
जब हम कुल आमदनी ₹3,00,000 में से कुल लागत ₹75,450 घटाते हैं तो शुद्ध मुनाफा ₹2,24,550 निकलता है। इसका मतलब यह हुआ कि केले की खेती में लगभग 297% तक का लाभ संभावित है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि केले की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है — यदि सही तकनीक, समय पर देखरेख और जोखिम प्रबंधन किया जाए।
केले की खेती: जोखिम और सुझाव
हालांकि केले की खेती में मुनाफा बहुत अधिक है, लेकिन जोखिम भी उतने ही अधिक हैं। इसमें शुरुआती लागत ज्यादा होती है और समय पर सिंचाई, खाद, रोग नियंत्रण की जरूरत होती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि यदि आप पहली बार केले की खेती कर रहे हैं, तो एक साथ पूरे खेत में न करें। शुरुआत में छोटे हिस्से में खेती करें, सीखें और अनुभव प्राप्त करें।
निष्कर्ष
केले की खेती एक उच्च मुनाफा देने वाला कृषि व्यवसाय है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त जानकारी, देखभाल और जोखिम प्रबंधन जरूरी है। यदि आप अनुशासित तरीके से खेती करते हैं, तो यह व्यवसाय आपके लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है।

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