प्याज की खेती क्यों है फायदेमंद?
हम पिछले कई वर्षों से प्याज की खेती कर रहे हैं और साल में दो से तीन बार प्याज लगाते हैं। इस समय भी हमारी प्याज की नर्सरी लगभग तैयार है और कुछ ही दिनों में खेत में ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा। एक खेत में पहले से ही प्याज के पौधों का ट्रांसप्लांट हो चुका है और फसल 50–60 दिन की हो चुकी है। यानी प्याज की खेती हमारे लिए एक मुख्य आय स्रोत बन चुकी है।
इस लेख में हम जानेंगे कि प्याज की खेती आपके लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है और साथ ही बताएंगे कि कैसे आप लागत को कम करते हुए अधिक उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं।
प्याज की खेती का सही समय क्या है?
प्याज की नर्सरी तीनों ही मौसमों में तैयार की जा सकती है:
मानसून सीजन: नर्सरी अप्रैल, मई और जून में लगाएं। सबसे अच्छा समय 15 मई से 15 जून तक होता है।
सर्दी का मौसम: नर्सरी सितंबर और अक्टूबर में तैयार करें।
गर्मी का मौसम: दिसंबर, जनवरी और फरवरी में नर्सरी लगाई जा सकती है। 15 जनवरी से 15 फरवरी तक का समय सबसे उपयुक्त है।
प्याज की बीज किस्में और उनका चुनाव
प्याज के लिए कई प्रकार के बीज बाजार में उपलब्ध हैं। हम जिन बीजों का उपयोग करते हैं, वे हैं:
सेमिनस गुलमोहर: ठंड और गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्त।
नासिक एन 53: बारिश के मौसम में बेहतरीन उत्पादन देता है।
अन्य विकल्प: पंचगंगा, पूना फुरसुंगी, एलोरा गुलाबी आदि।
एक एकड़ में प्याज की खेती की लागत का पूरा हिसाब
बीज की लागत:
बीज की मात्रा: लगभग 3 किलो (बरसात और ठंड के लिए)
सेमिनस गुलमोहर के बीज का मूल्य: ₹2,110 प्रति किलो
कुल बीज लागत: ₹6,330
ट्रांसप्लांट और खेत तैयारी:
ट्रांसप्लांट लेबर खर्च: ₹10,000
खेत समतलीकरण, पाटा आदि: ₹4,000
निराई-गुड़ाई:
दो बार निराई-गुड़ाई: ₹8,000 × 2 = ₹16,000
रोग नियंत्रण और कीट नियंत्रण:
फंगीसाइड: ₹250
पेस्टिसाइड/इंसेक्टिसाइड: ₹2,100
खाद और उर्वरक:
बेसल डोज और टॉनिक: ₹8,000
हार्वेस्टिंग और परिवहन:
हार्वेस्टिंग लेबर: ₹16,000
मंडी तक परिवहन: ₹4,000
कुल लागत प्रति एकड़: ₹61,180
लागत कम करने के तरीके
अगर आप प्याज की खेती में परिवारजनों को साथ जोड़ते हैं और अधिकतर काम स्वयं करते हैं, तो लागत में काफी कमी लाई जा सकती है। आधे एकड़ की खेती में लागत लगभग ₹30,000 के आसपास आ सकती है।
एक एकड़ से प्याज का संभावित उत्पादन
प्याज का उत्पादन राज्य और कृषि तकनीक पर निर्भर करता है:
महाराष्ट्र: 150–200 क्विंटल प्रति एकड़
मध्य प्रदेश: 120–150 क्विंटल
हमारा औसत मानक: 150 क्विंटल
खाद प्रबंधन: उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने की कुंजी
हमने गर्मी के सीजन में पहले ही 4–5 ट्रॉली गोबर की खाद खेत में डाल दी थी। खाद प्रबंधन दो चरणों में किया गया:
पहला चरण (फसल 20 दिन की):
DAP: 1 बैग
यूरिया: 20 किलो
म्युरेट ऑफ पोटाश: 15 किलो
सल्फर: 10 किलो
कीटाजिन: 300 ग्राम
प्लांटो दानेदार: 25 किलो
दूसरा चरण (फसल 54 दिन की):
पी-स्ट्रीम (Planto): 25 मि.ली. प्रति 15 लीटर पानी
माइक्रो प्लस: 50 मि.ली. प्रति 15 लीटर पानी
प्याज से आमदनी का गणित
उत्पादन: 150 क्विंटल = 15,000 किलो
भाव: ₹15 प्रति किलो
कुल कमाई: ₹2,25,000
लागत: ₹61,180
प्रॉफिट: ₹1,63,820 प्रति एकड़
अगर भाव ₹10 रहा तो भी कमाई ₹1,50,000 होगी। और अगर ₹30 रहा तो ₹4,50,000 तक।
क्या प्याज की खेती है फायदे का सौदा?
प्याज की फसल 90–120 दिन में तैयार हो जाती है। यानी 3 से 4 महीनों में अगर ₹1.5–2.5 लाख तक का मुनाफा होता है, तो यह खेती फायदे का सौदा साबित होती है। हालांकि, भाव पर निर्भरता अधिक है। कभी ₹2–5 प्रति किलो का भाव भी मिल सकता है, जो घाटे का सौदा बन सकता है।
इसलिए हम साल में तीन बार प्याज लगाते हैं ताकि सालभर में औसतन ₹2–2.5 लाख का मुनाफा सुनिश्चित किया जा सके।
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