एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल, पपीता के साथ इंटरक्रॉपिंग ने बदल दी खेती की तस्वीर

एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल, पपीता के साथ इंटरक्रॉपिंग ने बदल दी खेती की तस्वीर

यह लेख एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल की पूरी, व्यावहारिक और किसान-हितैषी जानकारी देता है। इसमें बताया गया है कि पपीता को मुख्य फसल बनाकर गर्मी, बरसात और सर्दी—तीनों मौसमों में अलग-अलग फसलों की इंटरक्रॉपिंग कैसे की जाए, ताकि खेत खाली न रहे और आय लगातार बनी रहे।

किसानों के बीच यह सवाल आम है कि एक एकड़ में सबसे बेहतर इंटरक्रॉपिंग कैसे की जाए। इसका जवाब यही एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल है, जिसमें मुख्य फसल पपीता रहती है और उसके साथ मौसम के अनुसार अन्य फसलें ली जाती हैं। इस मॉडल की शुरुआत जनवरी, फरवरी या मार्च में की जा सकती है, लेकिन जनवरी से शुरू करने पर परिणाम बेहतर मिलते हैं। पपीता की खेती न आती हो, तब भी चिंता की जरूरत नहीं है, क्योंकि सही दूरी, सही समय और सही फसल चयन से यह मॉडल आसानी से अपनाया जा सकता है।

एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल में फसल योजना

इस मॉडल में सबसे पहले जनवरी के अंतिम सप्ताह में अगेती तरबूज और खरबूज की बुवाई की जाती है। मार्च में पपीता के पौधों का खेत में ट्रांसप्लांट किया जाता है। पपीता की दो कतारों के बीच 10 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 5 फीट रखी जाती है। जिगजैग पद्धति अपनाने से पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है, जिससे उत्पादन बेहतर होता है। एक एकड़ में लगभग 900 पपीता के पौधे लगाए जाते हैं।

एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल, पपीता के साथ इंटरक्रॉपिंग ने बदल दी खेती की तस्वीर

बरसात में हल्दी, अदरक या गेंदा की इंटरक्रॉपिंग

मई और जून में तरबूज-खरबूज की फसल समाप्त होने के बाद किसान दो रास्ते चुन सकता है। पहला रास्ता हल्दी और अदरक की खेती का है, जो पपीता के साथ सबसे उपयुक्त इंटरक्रॉप मानी जाती है, क्योंकि इन्हें छाया पसंद होती है। पपीता की छाया से इन्हें कोई नुकसान नहीं होता। दूसरा रास्ता गेंदा की खेती का है। गेंदा न केवल अतिरिक्त आमदनी देता है, बल्कि कीट नियंत्रण में भी मदद करता है, जिससे पपीता की फसल सुरक्षित रहती है।

सर्दी के मौसम में अतिरिक्त आमदनी

यदि गेंदा लगाया गया है, तो अक्टूबर-नवंबर तक उसकी कटाई हो जाती है। इसके बाद दिसंबर में फूलगोभी या पत्ता गोभी की खेती की जा सकती है। जनवरी-फरवरी तक यह फसल तैयार हो जाती है और फिर फरवरी के अंत में दोबारा तरबूज-खरबूज की बुवाई कर चक्र पूरा किया जाता है।

उत्पादन और लाभ का गणित

इस एक एकड़ इंटरक्रॉपिंग मॉडल में लगभग 80 प्रतिशत पपीता के पौधे सुरक्षित रहते हैं। एक पौधे से औसतन 60 किलो उत्पादन लिया जाए, तो केवल पपीता से ही अच्छी आमदनी संभव है। इसके साथ इंटरक्रॉप फसलें अतिरिक्त और नियमित आय देती हैं। यह मॉडल खेती को जोखिम से निकालकर एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय में बदल देता है।

FAQs

प्रश्न: क्या यह मॉडल नए किसानों के लिए भी उपयुक्त है?

उत्तर: हां, यह मॉडल नए और अनुभवी दोनों किसानों के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न: पपीता के साथ कौन-सी फसल सबसे अच्छी इंटरक्रॉप है?

उत्तर: हल्दी और अदरक सबसे अच्छी मानी जाती हैं, इसके बाद गेंदा।

प्रश्न: एक एकड़ में पपीता से कितना उत्पादन मिल सकता है?

उत्तर: औसतन एक पौधे से 50 से 100 किलो तक उत्पादन संभव है।

प्रश्न: क्या यह मॉडल हर राज्य में अपनाया जा सकता है?

उत्तर: हां, थोड़े स्थानीय बदलाव के साथ यह मॉडल अधिकांश राज्यों में अपनाया जा सकता है।

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