बहुत सारे किसान भाइयो को इस खेती के बारे में जानकारी नहीं होती है जिस कारण येसी फसलो की खेती नहीं कर पाते है जिन खेती में बहुत कम लागत और ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है आज हम आपको कुछ एसी खेती के बारे में बताने वाले है जिसको बहुत कम लोग कर रहे है
दोस्तों हम बात कर रहे ककोडा की खेती जिसे हम english में spiny gourd farming के नाम से भी जानते है कुछ लोग इसे कंटोला भी कहते है और कुछ लोग इसे कटहल भी कहते है
इसकी खेती पुरे भारत में प्राचीन समय से की जाती है अलग अलग जगह पर इस सब्जी के अलग अलग नाम है
यह ककोडा मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है इस औषधि सब्जी में प्रचुर मात्रा में और सभी गुणों से भरपूर है इसलिए इसकी काफी डिमांड और किम्मत मार्केट में बनी रहती है इस खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है
इसे भी पड़े : कृषि से जुड़े 12 जबरदस्त बिजनेस आइडिया
ककोडा की खेती कैसे करें (spiny gourd farming)
- इस खेती को करने के लिए रेतीली और दोमट मिटटी की आवश्यकता होती है
- जहा भी इसकी खेती करें वहा पर जल का ठहराव नहीं होना चाहिए बरसात के समय आवस्य ध्यान रखे
- इसकी खेती बैड तैयार करके भी लगाया जा सकता है
- जब हम ककोडा की बुवाई करते है उस समय हमें अपने खेत में गोबर की सडी खाद का जरुर उपयोग करना चाहिए यानी की मिटटी को उपजाऊ बना लेना चाहिए
- इसकी खेती बीज के अलावा इसके बेले और जड़ यानी की लताये द्वारा भी लगाया जाता है
- लाइन से लाइन की दुरी 2 मीटर होनी चाहिए और पौधे से पौधे की दुरी 1 मीटर होनी चाहिए
- इसमें नर और मादा दोनों प्रकार के होते है इसलिए अच्छी के लिए हमें नर को भी लगाना चाहिए
- इसमें आप 2 प्रकार की खेती कर सकते है जिसमे रेसम के धागे से मंडप बना सकते है या फिर मल्चिंग करके भी कर सकते है
- सही बीज की मात्रा कम से कम 70-80 प्रतिसत तक अंकुरण की छमता हो येसे बीज का प्रयोग करना चाहिए

अन्य पड़े :
इस सब्जी का rate :
मार्केट में इस सब्जी का rate 100 से 150 रूपए प्रति किलो बिक्री होती है और इसकी हार्वेस्टिंग हर हफ्ते की जाती है इसके अलावा आप व्यापारी को भी सेल कर सकते है या फिर मंडी और अपने शहर सीधे ले जाया जा सकता है
लगाने का समय :
इस खेती को लगाने के समय है वो फरवरी से मार्च और अप्रैल तक इसकी बुवाई कर सकते है
बीमारी :
इस फसल में बीमारी रोग बहुत कम आते है बिलकुल ना के बराबर आते है ये एक औषधि फल है इसके अन्दर प्रोटीन की मात्रा , आयरन , फास्फोरस यानी विटामिन्स बहुत सारे उपलब्ध है
निवेश :
इस खेती के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता भी नहीं है और कम खर्चे में इस खेती को शुरु कर सकते है अगर आपके पास जमीं है तो इस खेती को आप 10,000 रूपए से भी कम में शुरु कर सकते है
मुनाफा :
ककोडा की खेती कर इसे मार्केट में 100 से 150 रूपए प्रति किलो बेच सकते है या आपकी कमाई को 50,000 रूपए से 80,000 रूपए हो सकती है अंत में जो बचे हुए ककोडा बचेगे उनके बीजो और छिलके से भी आपको 10 से 20 हज़ार रूपए की आय हो सकती है
अन्य पड़े :

किसान भाई इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है