भिंडी की खेती कैसे करें (सम्पूर्ण जानकारी) :
सब्जियों में भिंडी का मुख्या स्थान है भिंडी एसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल कई तरह की सब्जियों के साथ कर सकते है भिंडी में बहुत तरह के पोषक तत्व मौजूद है जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, बी और विटामिन सी प्रचुर मात्र में उपलब्ध है जो मनुष्य के स्वस्थ्य के लिए अति आवश्यक है |
भिंडी का सेवन करने से बहुत सी बीमारी दूर हो जाती है कुल मिलकर भिंडी का उपयोग से हमें बहुत लाभ है और आज इस आर्टिकल हम जानेंगे की भिंडी की खेती कैसे करें और भी इससे जुड़े सवालों के जवाब देने जो अक्सर पूछे जाते है |
भिंडी को सभी तरह की भूमि में उगाया जा सकता है जिसमे जल निकासी का स्रोत हो और इस भिंडी की खेती को ग्रीष्म तथा खरीफ, दोनों ही ऋतुओं में कर सकते है इसके लिए भूमि का PH मान 7.0 से 7.8 होना उपयुक्त माना जाता है। भिंडी की खेती प्राय: सभी प्रकार की मिटटी में कर सकते है |
भिंडी के लिए उपयुक्त समय :
ग्रीष्म में फरवरी से मार्च महीने में व खरीब के सीजन के लिए जून से जुलाई यदि हमें भिंडी की अंग्रेजी खेती करना हो तो हम 15 जनुअरी के बाद कर सकते है ध्यान रहे रात का temprature 12 डीग्री सेल्सिअस से कम ना हो यदि कम है तो भिंडी के बीज की बुवाई नहीं करना चाहिए |
बीज की मात्रा :
यदि हम ग्रीष्मकालीन बुवाई करते है तो भिंडी के बीज की मात्रा 5-8 किलो ग्राम प्रति एकड़ और अगर खरीब के समय बुवाई करते है तो बीज की मात्रा 4-5 किलो ग्राम प्रति एकड़ लगेगी
भिंडी की खेती की तैयारी :
सर्वप्रथम हमें गोबर की खाद डालकर 2-3 बार जुताई कर लेना चाहिए जिससे की खरपतवार नस्ट हो जायेंगे यवम मिटटी पोली और बीज लगाने योग्य हो जाएँगी, भिंडी को क्यारी बनाकर या खेत को बराबर करके भी लगा सकते है
भिंडी में खाद का प्रबंधन :
जब खेत की तैयारी हो जाये तब बुवाई से पहले या साथ में NPK का उपयोग करना चाहिए एवं बुवाई के 20-22 दिन बाद DAP 25 से 30 किलो ग्राम और उरिया 10 से 15 किलो ग्राम देना चाहिए | दूसरी खाद 40 से 45 दिन बाद इसी क्रम में खाद डाल दे उसके बाद जब हमारी फसल 55 से 60 दिन की हो जाए तब हमें सिर्फ DAP ही देना चाहिए,
दो महीने बाद फसल को देखे यदि पौधे की उपरी पत्ती पिली हो रही हो तब हमें नाइट्रोजन देना चाहिए यदि पत्तियों की धार ऊपर की तरफ आ रही हो तब फास्फोरस देना चाहिए और पत्तियों की धार पर पत्तिया सूखने लगे तब हमें पोट्टेसियम का उपयोग करना चाहिए यह लक्षण नाइट्रोजन ,फास्फोरस और पोटेशियम की कमी को दर्शाता है ध्यान रहे यह सभी खाद नियमित मात्रा में डालना चाहिए |
भिंडी के साथ धनिया की खेती :
यदि भिंडी के साथ धनिया की खेती करते है तो धनिया की महक की वजह से भिंडी के पौधे को फल छेदक एवं तना छेदक कीट से कुछ हद तक बचाया जा सकता है |
भिंडी में कीट एवं रोग का नियंत्रण :
भिंडी को फफूंद नाशक से बचाने के लिए एमिडाक क्लोफ्रिड ७0% wg, 12 से 15 ग्राम प्रति एकड़ छिडकाव करना चाहिए | भिंडी की फसल में विभिन्न कीट देखने को मिलते है जैसे – फल्ली छेदक ,फल छेदक , रस चूसने वाली कीट , लाल मकड़ी वही प्रमुख रूप से मंजिक वायरस , जड़ गलन शामिल है | कीट के ज्यादा प्रभाव होने से कार्बोरिल 3 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिडकाव करें फुल आने के बाद कार्बोरिल 50 wp 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या मोनोक्रोटोफास 2 ML प्रति लीटर पानी का छिडकाव करना चाहिए |
इसके अलावा क्लोरेन्त्रोनिलिप्रोल 18.5 % का 5 ML प्रति 15 लीटर पानी के साथ या क्यूनालफास 25 इसी 2 ml प्रति लीटर पानी में मिलकर स्प्रे करना चाहिए | हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए की प्रत्येक बार अलग अलग दवा का उपयोग करना चाहिए |
जड़ गलन रोग से भिंडी के पौधे को बचाने के लिए इस रोग से जड़े सड़ने लगती है और पौधा पीला होने लगता है बाविस्टिन 2 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज की दर से बीज का उपचार करना चाहिए
Note : किसी भी कीटनाशक का स्प्रे करने के ७-8 दिन बाद ही भिंडी की तुडाई करना चाहिए |
Lady Finger Farming in Hindi से जुड़े सवाल (FAQ) :
भिंडी की बुवाई कौन से महीने में होती है?
ग्रीष्मकालीन में भिंडी की बुवाई फरवरी-मार्च महीने में की जाती है तथा वर्षाकालीन में भिंडी की बुवाई जून-जुलाई में की जाती है।
भिंडी की फसल कितने दिन में तैयार हो जाती है?
भिंडी की फसल 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
भिंडी का सबसे अच्छा बीज कौन सा है?
भिंडी का सबसे अच्छा बीज पंजाब-7 (Pujab-7)
भिंडी में कौन सा खाद देना चाहिए?
प्रति हेक्टेर क्षेत्र में लगभग 15-20 टन गोबर की खाद एवं नत्रजन, स्फुर एवं पोटाश की मात्र होना अति आवश्यक है
भिंडी को कितना पानी चाहिए?
भिंडी की खेती के लिए भूमि का पी0 एच० मान 7.0 से 7.8 होना उपयुक्त रहता है।
भिंडी के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?
अच्छा उत्पादन लेने के लिए प्रति एकड़ क्षेत्र में लगभग ७-8 टन गोबर की खाद एवं नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश की क्रमशः 32 किग्रा०, 24 किग्रा० एवं 24 किग्रा० प्रति एकड़ की दर से उर्वरक मिट्टी में देना चाहिए।
एक एकड़ में कितनी भिंडी होती है
एक एकड़ में औसतन पैदावार 40-48 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
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