किसान भाइयों, अगर आपके पास सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं है और आपका ट्यूबवेल सिर्फ 1 HP का है जिससे 1 इंच पानी आता है, तो भी आप ड्रिप इरिगेशन तकनीक से सफल खेती कर सकते हैं। चाहे मक्का हो या सब्जियाँ जैसे टमाटर, बैंगन, मिर्च, खीरा, लौकी या करेला, ड्रिप सिस्टम से आप एक एकड़ में आसानी से सिंचाई कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे मात्र 10,000 से 12,000 रुपये में एक एकड़ के लिए ड्रिप सिस्टम लगा सकते हैं।
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम क्यों जरूरी है?
ड्रिप इरिगेशन पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान है। यह तकनीक पानी की बचत करते हुए फसलों को सही मात्रा में नमी प्रदान करती है। सामान्य तौर पर एक एकड़ में ड्रिप सिस्टम लगाने में 30,000 से 35,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन हम आपको एक किफायती तरीका बताएंगे जिससे आप सिर्फ 10,000 से 12,000 रुपये में ही ड्रिप सिस्टम लगा सकते हैं।
ड्रिप सिस्टम के लिए आवश्यक सामग्री
1. फिल्टर
फिल्टर ड्रिप सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो पानी में मौजूद गंदगी को रोकता है। बाजार में आपको 1,700 से 2,000 रुपये में अच्छी क्वालिटी का फिल्टर मिल जाएगा। इसमें वेंचुरी भी लगानी पड़ती है जिससे खाद डालने में आसानी होती है।
2. लपेटा पाइप (बोरा पाइप)
यह पाइप प्लास्टिक के बोरे की तरह होता है और आसानी से मोड़ा जा सकता है। एक एकड़ के लिए दो लपेटा पाइप की जरूरत होती है जिसकी कीमत लगभग 2,000 से 2,200 रुपये होती है।
3. लेटरल पाइप
लेटरल पाइप अच्छी क्वालिटी का लेना जरूरी है क्योंकि यह सीधे पौधों तक पानी पहुँचाता है। 3,000 मीटर लेटरल पाइप (दो बंडल) की कीमत लगभग 6,000 रुपये आती है।
4. सॉकेट और अन्य फिटिंग्स
वाल्व और सॉकेट जोड़ने के लिए छोटे-मोटे फिटिंग्स की जरूरत होती है जिस पर लगभग 700 से 1,100 रुपये का खर्च आता है।
ड्रिप सिस्टम कैसे लगाएं?
फिल्टर सेटअप: ट्यूबवेल के पास फिल्टर लगाएं और उसे 1 इंच पाइप से कनेक्ट करें।
मेन पाइप लगाना: लपेटा पाइप को खेत में फैलाएं और चार भागों में बाँट लें ताकि कम प्रेशर में भी पानी अच्छे से बह सके।
लेटरल पाइप कनेक्ट करना: मेन पाइप में छेद करके लेटरल पाइप को जोड़ें। प्रत्येक पौधे के पास एक ड्रिपर लगाएं।
टेस्टिंग: सिस्टम को चालू करके चेक करें कि सभी ड्रिपर्स से पानी आ रहा है या नहीं।
कुल खर्च का विवरण
फिल्टर: 2,000 रुपये
लपेटा पाइप: 2,200 रुपये
लेटरल पाइप: 6,000 रुपये
फिटिंग्स और सॉकेट: 1,100 रुपये
कुल खर्च: लगभग 11,300 रुपये
निष्कर्ष
ड्रिप इरिगेशन से न सिर्फ पानी की बचत होती है बल्कि फसलों की उत्पादकता भी बढ़ती है। अगर आपके पास कम पानी है तो भी आप इस तकनीक से अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। छोटे किसानों के लिए यह सस्ता और कारगर उपाय है।

मेरा नाम छोटन राय है और मै एक ब्लॉगर हु और sacchikheti.com का founder हु और मै इस वेबसाइट ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है,मुझे कंटेंट राइटिंग करते हुए 6 सालो का अनुभव है|