अगर आप मोटे दानों वाली धान की खेती करने की योजना बना रहे हैं और अधिक उत्पादन के साथ रोग-प्रतिरोधक और बाजार में मांग वाली वैरायटी की तलाश कर रहे हैं, तो आज का यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी होने वाला है। यहां हम बात करेंगे दो प्रमुख हाइब्रिड वैरायटी—Pioneer PHB 71 और Bayer Arize 644 Gold—की, जो किसानों के बीच अपनी उच्च गुणवत्ता, शानदार उत्पादन और सूखे में सहनशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं।
Pioneer PHB 71 वैरायटी की विशेषताएं
Pioneer कंपनी की यह हाइब्रिड वैरायटी मोटे दानों के लिए जानी जाती है। इसका पौधा मध्यम ऊंचाई का होता है, जो लगभग 80 से 85 सेंटीमीटर तक बढ़ता है। यह वैरायटी गिरने की समस्या से मुक्त रहती है और फसल कटाई तक पूरी तरह खड़ी रहती है।
इस वैरायटी के दाने मोटे, लंबे और चमकदार होते हैं, जिससे वजन में भी वृद्धि होती है और उत्पादन अधिक मिलता है। BLB रोग (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट) की समस्या इसमें देखने को नहीं मिलती, जिससे किसान भाई काफी राहत महसूस करते हैं।
सूखे की स्थिति में भी यह वैरायटी अच्छा प्रदर्शन करती है, इसलिए पानी की कमी वाले क्षेत्रों में यह विशेष रूप से उपयुक्त है। यह फसल लगभग 130 से 135 दिनों में तैयार हो जाती है और अच्छी देखभाल एवं खाद प्रबंधन के साथ 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक की पैदावार दे सकती है।
Bayer Arize 644 Gold की खूबियां
Bayer कंपनी की Arize 644 Gold वैरायटी भी मोटे दानों वाली एक बेहतरीन हाइब्रिड वैरायटी है। इसकी पौधे की ऊंचाई लगभग 90 से 95 सेंटीमीटर होती है और यह भी गिरने की समस्या से मुक्त रहती है।
इस वैरायटी के एक पौधे में 30 से 35 कल्ले निकलते हैं, जिससे इसकी उपज क्षमता बढ़ जाती है। यह वैरायटी भी BLB रोग से पूरी तरह सुरक्षित है और सूखे की स्थिति में बेहद सहनशील साबित होती है।
Arize 644 Gold का चावल बेहद स्वादिष्ट होता है और इसकी मार्केट डिमांड सबसे अधिक है। यह भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली हाइब्रिड राइस वैरायटी मानी जाती है। इसकी खेती से न केवल उत्पादन अच्छा होता है बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी मिलता है।
यह फसल भी 130 से 135 दिन में तैयार हो जाती है और 35 से 38 क्विंटल प्रति एकड़ तक की उच्च पैदावार देती है।
दोनों वैरायटी का राज्यवार उपयोग और विधियां
इन दोनों वैरायटी को आप भारत के लगभग सभी धान उत्पादक राज्यों में बो सकते हैं, जैसे—उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, असम आदि। जहां भी मोटे धान की खेती होती है, वहां ये वैरायटी शानदार प्रदर्शन करती हैं।
आप इन दोनों वैरायटी को सीधी बुआई (DSR विधि) या नर्सरी विधि—दोनों में प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप नर्सरी विधि अपनाते हैं तो 6 से 8 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की जरूरत होगी, जबकि सीधी बिजाई के लिए 10 से 12 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज पर्याप्त है।
नर्सरी की विशेष सलाह
यदि आप नर्सरी विधि अपनाते हैं तो प्रति एकड़ 1 किलोग्राम बीज पर एक बीसी (बीज उपचार) जरूर करें। इससे नर्सरी स्वस्थ और मजबूत बनेगी, जो आगे चलकर अच्छी फसल की नींव रखती है।
निष्कर्ष
दोनों हाइब्रिड वैरायटी—Pioneer PHB 71 और Bayer Arize 644 Gold—अपने-अपने क्षेत्र में श्रेष्ठ मानी जाती हैं। यदि आप बेहतर उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता, सूखा सहनशीलता और बाजार में उच्च डिमांड वाला चावल चाहते हैं, तो आप इन वैरायटीज़ में से किसी एक का चयन निसंकोच कर सकते हैं। दोनों ही वैरायटी 30 से 38 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन देने में सक्षम हैं।
अंतिम सलाह
अगर आप इन वैरायटी में से किसी एक को अपनाते हैं, तो अपनी ज़मीन की तैयारी, खाद प्रबंधन और सिंचाई व्यवस्था को उचित रूप से प्लान करें। इससे आप अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने किसान भाइयों के साथ अवश्य साझा करें ताकि वे भी लाभ उठा सकें।

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