किसान भाइयों के लिए केंद्र सरकार एक बेहद शानदार अवसर लेकर आई है सोचिए, अगर आपको अपनी खेती के व्यापार में 1 करोड़ रुपये तक की मदद मिल जाए, वह भी बिना किसी परेशानी के यह संभव हुआ है भारत सरकार की दो प्रमुख योजनाओं एनएचबी (नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड) और एमआईडीएच (मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर) के माध्यम से। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को न केवल आर्थिक सहायता देना है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी सहायता भी प्रदान करना है।
एनएचबी और एमआईडीएच योजना क्या है?
एनएचबी यानी नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड, केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक संगठन है जो बागवानी संबंधित व्यापारों को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत पॉलीहाउस निर्माण, कोल्ड स्टोरेज सेटअप, पैक हाउस, ग्रेडिंग यूनिट, मशरूम उत्पादन यूनिट, हाइड्रोपोनिक सिस्टम, टिश्यू कल्चर लैब्स जैसी परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाता है।
वहीं एमआईडीएच योजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी फसलों की पैदावार बढ़ाना है। इसके अंतर्गत फल, सब्जियां, मसाले, फूल, बांस, मशरूम, काजू, नारियल जैसी फसलों को शामिल किया गया है।
कौन-कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के अंतर्गत वे सभी किसान आवेदन कर सकते हैं जो अपनी खेती को एक सफल व्यापार के रूप में विकसित करना चाहते हैं। इसमें व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, स्वयं सहायता समूह, कृषि स्टार्टअप्स, एग्री-बेस्ड कंपनियां, और कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ शामिल हैं। ज़रूरी यह है कि उनके पास अपनी खुद की ज़मीन हो या लीज़ पर ली गई ज़मीन हो। इसके साथ ही उनका व्यवसाय जेन्युइन होना चाहिए।
मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी
इस स्कीम के तहत सामान्य क्षेत्रों में 35% से 50% तक की सब्सिडी मिलती है, जबकि पहाड़ी, उत्तर-पूर्वी या अनुसूचित क्षेत्रों में यह सब्सिडी 50% तक होती है।
कोल्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट: 1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी
पॉलीहाउस: 40 लाख रुपये तक
मशरूम फार्मिंग: 40 लाख रुपये तक
हाइड्रोपोनिक सेटअप: 3.5 लाख रुपये तक
2025 की नई गाइडलाइंस के अनुसार पॉलीहाउस की लागत को बढ़ाकर ₹1000 प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है, जो पहले ₹844 प्रति वर्ग मीटर थी। इसके अलावा हाइड्रोपोनिक, मशरूम और बेरीज जैसी फसलों को भी योजना में शामिल किया गया है।
आवेदन की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस फसल पर आधारित प्रोजेक्ट बनाना चाहते हैं — जैसे मशरूम, टमाटर, शिमला मिर्च, या हाइड्रोपोनिक्स।
इसके बाद आपको अपने नजदीकी बैंक से लोन स्वीकृत कराना होगा। लोन मिलने के बाद आपको एक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करनी होगी जिसमें आपकी ज़मीन, फसल, लागत, लाभ और संरचना की पूरी जानकारी हो।
फिर आपको एनएचबी की वेबसाइट पर जाकर ग्रांट ऑफ क्लीयरेंस (GOC) के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद एनएचबी की टीम आपकी ज़मीन का दौरा करेगी और सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी। यदि सब कुछ सही पाया गया तो सब्सिडी की राशि आपके खाते में भेज दी जाएगी।
ध्यान दें कि सब्सिडी का लाभ लेने के लिए लोन लेना अनिवार्य है क्योंकि यह सब्सिडी लोन की राशि पर आधारित होती है।
मशरूम और हाइड्रोपोनिक खेती के लिए विशेष शर्तें
अगर आप मशरूम फार्मिंग के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपकी यूनिट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 300 टन होनी चाहिए। इसके अंतर्गत कंपोस्ट यूनिट और ग्रोइंग रूम का होना अनिवार्य है। इसमें आपको 40 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है।
वहीं, हाइड्रोपोनिक प्रोजेक्ट में NFT (Nutrient Film Technique) और DWC (Deep Water Culture) जैसे आधुनिक तकनीकें शामिल होनी चाहिए। यह खेती बिना मिट्टी के सिर्फ पोषक तत्वों और जल पर आधारित होती है, जिसके लिए 3.5 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
आधार कार्ड और पैन कार्ड
ज़मीन के स्वामित्व या लीज़ का दस्तावेज
बैंक से प्राप्त लोन सैंक्शन लेटर
चार्टर्ड अकाउंटेंट से जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट
स्थायी रिपोर्ट (Stability Report)
ज़मीन की फोटो
डिक्लेरेशन और एफिडेविट
एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR)
स्मार्ट टिप्स जो आपको दिला सकती हैं 1 करोड़ तक की सहायता
सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखें और किसी अनुभवी कृषि सलाहकार की मदद लें।
एक से अधिक प्रोजेक्ट को मिलाकर क्लस्टर फॉर्म में अप्लाई करें ताकि योजना के तहत अधिकतम लाभ मिल सके।
अपने राज्य के हॉर्टिकल्चर ऑफिसर से संपर्क में रहें और समय-समय पर अपडेट लेते रहें।
अगर ऑनलाइन आवेदन में कठिनाई हो रही है तो नजदीकी हॉर्टिकल्चर कार्यालय जाकर ऑफलाइन तरीके से भी आवेदन कर सकते हैं।
खेती को बनाएं एक सफल बिजनेस
एनएचबी और एमआईडीएच जैसी योजनाएं हमारे देश के किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। यदि आप अपनी खेती को एक व्यवसाय के रूप में विकसित करना चाहते हैं और इसके लिए सरकार की मदद लेना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक बेहतरीन मौका है।
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मेरा नाम छोटन राय है और मै एक ब्लॉगर हु और sacchikheti.com का founder हु और मै इस वेबसाइट ब्लॉग के माध्यम से हम सभी किसान भाइयो को खेती से जुडी अपडेट देते है साथ ही खेती से जुडी योजना एवं कृषि बिजनेस आइडियाज के बारे में भी बताते है,मुझे कंटेंट राइटिंग करते हुए 6 सालो का अनुभव है|